अमरावतीमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

नवनीत को जिताकर भूल की, बडे दिनों से उद्विग्न था

पवार ने गलती के लिए मांगी माफी

* खचाखच भरे सांस्कृतिक भवन में मविआ का जोरदार, जोशपूर्ण सम्मेलन
* उद्धव ठाकरे को देखने-सुनने शिवसैनिक हुए दीवाने
* बाहर पंडाल और हजारों कुर्सियां लगानी पडी


अमरावती/दि.22– राकांपा शरद पवार के सर्वेसर्वा तथा महाराष्ट्र के बडे नेता शरद पवार ने आज दोपहर सांस्कृतिक भवन सभागार को यह कहकर धक्का दिया कि, वे अमरावती में यहां के लोगों से क्षमायाचना करने आये हैं. 2019 में उन्होंने नवनीत राणा को विजयी बनाने की अपील की थी. लोगों ने राणा को जिताया. संसद पहुंचाया. उसने पक्ष से गद्दारी कर दी. इसके लिए पवार ने कहा कि, वे अपने को जिम्मेदार मानते हैं. आप सभी से माफी चाहते हैं. शरद पवार ने कहा कि, कई दिनों से नवनीत राणा को उम्मीदवार बनाने की भूल के कारण उन्हें ग्लानी हो रही थी और वे अमरावती आकर यहां के लोगों से क्षमा मांगने की घडी का इंतजार कर रहे थे. तथापि पवार ने आज भूल से भी नवनीत राणा का नाम तक नहीं लिया. पब्लिक से उन्हें रिस्पॉन्स जोरदार मिला. पवार ने कहा कि, माफी के साथ आज वे अपनी उस भूल को सुधारने के लिए आये हैं. बलवंत वानखडे को विजयी बनाने की अपील करते हुए पवार ने गारंटी दी कि, वानखडे साथ नहीं छोडेंगे, बल्कि अमरावती के सामान्य लोगों की समस्याएं, प्रश्न प्रखरता से उठाने के लिए ही लोकसभा की सीढियां चढेंगे. खचाखच भरे सांस्कृतिक भवन में उद्धव ठाकरे के साथ मंच पर कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक, पूर्व मंत्री विधायक यशोमति ठाकुर, अनिल देशमुख, शिवसेना उबाठा सचिव मिलिंद नार्वेकर, पूर्व सांसद अनंत गुढे, पूर्व महापौर विलास इंगोले, डॉ. सुनील देशमुख, जिलाध्यक्ष प्रदीप राउत, डॉ. हेमंत देशमुख, पूर्व विधायक मुजफ्फर हुसैन मुंबई, पूर्व मंत्री रमेश बंग, जिला प्रमुख सुनील खराटे, पराग गुडधे, सुधीर सूर्यवंशी, प्रीति बंड, ज्ञानेश्वर धाने पाटिल, वसुधा देशमुख, शरद तसरे, बबलू शेखावत, बबलू देशमुख, वीरेंद्र जगताप, कांचनमाला गावंडे, संगीता ठाकरे, प्रतिभा बोपशेट्टी, वर्षा भटकर, मनोज कडू, मनीषा टेंभरे, लक्ष्मी शर्मा, हरीभाउ मोहोड, कॉमरेड तुकाराम भस्मे, श्याम देशमुख, शरद कोली आदि उपस्थित थे.

* मोदी को बनना है पुतीन
शरद पवार ने आरोप लगाया कि, पीएम मोदी देश का संविधान बदलकर रुस के तानाशाह शासक पुतीन बनने की कोशिश कर रहे हैं. यह चुनाव मोदी ने जीता, तो देश का संविधान बदल जाएगा. पवार ने कहा कि, 56 वर्षों के संसद और विधान मंडल के उनके करियर में उन्होंने कभी ऐसा प्रधानमंत्री नहीं देखा जो अपने काम की बात करने की बजाय नेहरु को हर सभा में भला बुरा कहता है. जबकि देश बनाने में नेहरु के योगदान को कोई हटा नहीं सकता. शरद पवार ने कहा कि, 10 वर्षों में मोदी ने क्या किया है, इसका जवाब नहीं देते. पवार ने कहा कि, तानाशाही का हश्र हमने पडोसी देश पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल आदि में देख लिया है. आज वे देश बुरी स्थिति में है.

* ठाकरे ने दिया था इंदिराजी का साथ
शरद पवार ने याद दिलाया कि, 1977 में आपातकाल लगाते ही देशभर में इंदिरा गांधी की निंदा आलोचना हो रही थी. उस समय शिवसेना पक्ष प्रमुख बालासाहब ठाकरे ने ही इंदिरा गांधी का साथ दिया था. इंदिरा के नेतृत्व को श्रेष्ठ बताया था. आज वे देखते है कि, गांव-गांव में शिवसेना की शाखा खुली है. शिवसैनिक संकट के समय गांव वालों के लिए दौडकर जाते हैं. यह बालासाहब ठाकरे की देन है.

* मातोश्री के अपमान का बदला लेना है- उद्धवUddhav-Thakeray-Amravati-Mandal

शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुरुआत में ही कह दिया कि, वे अमरावती सोच-समझकर आये हैं. मातोश्री के अपमान का बदला अमरावती के शिवसैनिकों को लेना है. गद्दारों का साथ देने वालों को माफ नहीं करना है. शिवसेना सीने पर वार करती है और सीने पर ही वार झेलती है. ठाकरे ने कहा कि, देश में मोदी और भाजपा के खिलाफ प्रचंड लहर है. उन्होंने मोदी को तत्कालीन पीएम कहकर संबोधित किया और कहा कि, फिलहाल वे प्रभारी पीएम है, जो अपने दल की चिंता कर रहे हैं.

मोदी की गारंटी और उद्धव ठाकरे के वचन में से किसी एक को चुनने का आवाहन आज दोपहर यहां महाविकास आघाडी के सांस्कृतिक भवन में हुए भव्य प्रचार सम्मेलन में किया. ठाकरे ने कहा कि, मोदी 80 करोड लोगों को मुफ्त अनाज देने का ढिंढोरा पीट रहे हैं. जबकि इन लोगों को रोजगार देने से वह लोग खुद्दारी से जीवन जियेंगे. ठाकरे ने कहा कि, मोदी की गारंटी, भ्रष्टाचारियों को गले लगाने की है. जबकि उद्धव ठाकरे ने 10 रुपए में शिवभोजन देकर वचन निभाया है. यह शिवभोजन आज भी शुरु है. लोगों को चुनना है कि, उन्हें मोदी की गारंटी चाहिए या उद्धव का वचन.

* देश में तानाशाही लाना है
उद्धव ठाकरे ने अपने नपे-तुले भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि, मोदी को देश में तानाशाही लानी है, संविधान बदलना है. इसके लिए पूरे देश में मनमानी चल रही है. अमरावती की सांसद का नाम न लेते हेतु उद्धव ठाकरे ने कहा कि, महिला के बारे में कुछ कहा, तो उसका अपप्रचार किया जाता है. जबकि स्वयं मोदी के चंद्रपुर के उम्मीदवार मुनगंटीवार बहन-भाई के रिश्ते को लेकर विभत्स और विकृत टिपणी करते है. उस पर कुछ नहीं कहा जाता. ठाकरे ने कहा कि, मणिपुर में महिलाओं की सरेआम बेइज्जती हुई. मोदी वहां कभी नहीं गये.

* मोदी हमें हिंदुत्व न सीखाएं
उद्धव ठाकरे ने कहा कि, हमें भाजपा से हिंदुत्व और राष्ट्रवाद सीखने की आवश्यकता नहीं है. अपने आपको नीतिवान बताने वाले भाजपाई मंत्री आये दिन सुप्रिया सुले और अन्य नेत्रियों पर निचले स्तर पर टिपणियां कर रहे है.

* उद्योग गुजरात ले गये, राणा ने आवाज नहीं उठाई
शिवसेना पक्ष प्रमुख उबाठा ने कहा कि, मोदी बताए कि, 10 साल मेें उन्होंने क्या किया. हिसाब दे. किसानों के आंसू पोंछने जितनी संवेदना मोदी में नहीं है. मेरा विदर्भ पिछडा था, अभी भी पीछे ही रह गया. यह कहते हुए उद्धव ठाकरे ने अमरावती की सांसद को निशाने पर लिया कि, गत 10 वर्षों में अमरावती में कौन सा उद्योग आया? ठाकरे कहा कि, महाराष्ट्र से द्वेष रखने वाली भाजपा सरकार ने यहां के उद्योग गुजरात ले जाने का ही काम किया. अमरावती की सांसद ने कभी संसद में इस विषय को लेकर आवाज नहीं उठाई. उद्धव ठाकरे ने कहा कि, यह लोग किस मुंह से वोट मांगने आ रहे है.

* मोदी नहीं भारत सरकार चाहिए
उद्धव ठाकरे ने कहा कि, हमें मोदी सरकार नहीं भारत सरकार चाहिए. मोदी को देश में संविधान बदलना है, तानाशाही लाना है, जबकि हमने सहीं अर्थों में किसानों के लिए काम किया है. उन्हें कर्जमाफी दी है. नागपुर के सत्र में उन्होंने प्रदेश के किसानों के 2 लाख तक कर्ज माफ कर दिये थे. मोदी 6 हजार रुपए देकर यूरिया, खाद पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाकर कमा रहे है और सम्मान निधि देने का दिखावा कर रहे हैं. इस संबंध में उद्धव ठाकरे ने भाजपा प्रचार कार्यकर्ता के फोन पर किसान द्वारा दिये गये जवाब का जिक्र किया. ठाकरे के संबोधन दौरान कई बार जोरदार घोषणाएं उपस्थित हजारों कार्यकर्ताओं ने की. अनेक बार तो ठाकरे को उन्हें रोकना पडा.

* वानखडे को जिताएं, गद्दारों को सबक सिखाएं
उन्होंने बलवंत वानखडे को विजयी बनाने का आवाहन किया. ठाकरे ने कहा कि, अमरावती में शिवसेना 5 बार संसदीय चुनाव में विजयी रही. किंतु गद्दारों के कारण उन्हें अमरावती सीट देनी पडी है. यहां कांग्रेस के उम्मीदवार को विजयी बनाना और गद्दारों को सबक सिखाना आवश्यक होने की बात उद्धव ठाकरे ने कही. ठाकरे ने संबोधन में गाडगे महाराज, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज का गौरवपूर्ण उल्लेख कर राष्ट्रसंत की पत्थर सारे बम बनेंगे… काव्य पंक्तियां भी रखी.

* मविआ का पहला प्रयोग अमरावती में

बलवंत वानखडे ने संबोधन में कहा कि, महाविकास आघाडी राज्य में बनने से पहले अमरावती जिला परिषद में बनी थी. जब कांग्रेस और राकांपा ने यहां शिवसेना को साथ लेकर मिनी मंत्रालय में सत्ता प्राप्त की थी. वानखडे ने बताया कि, मविआ के गठन के समय उन्हें सोनिया गांधी का कॉल आया था. तब भी उन्होंने यह जानकारी सोनियाजी का दी थी.

 

* ढेपे शिवसेना उबाठा में शामिल
जिला सहकारी बैंक के उपाध्यक्ष अभिजीत ढेपे आज के सम्मेलन में सभी की साक्ष में शिवसेना उबाठा में सहभागी हो गये. उनका पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गले में भगवा दुपट्टा डालकर स्वागत किया. इस समय पूरा सभागार जयकारों से गूंज उठा था. ढेपे के शिवसेना में चले जाने से प्रहार के प्रमुख, विधायक और बैंक अध्यक्ष बच्चू कडू के लिए झटका माना जा रहा है. लोकसभा चुनाव पश्चात घटनाक्रम हो सकते हैं.

* मोदी खलनायक अभिनेता

कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने कहा कि, 2014 में देश में सपनों का सौदागर सामने आया. उसने लोगों को बडे-बडे सपने दिखाये. फिर पता चला कि, यह नेता नहीं अभिनेता है. अभिनेता में भी नायक नहीं तो खलनायक है. वासनिक ने कहा कि, मोदी के प्रत्येक भाषण में द्वेष, तिरस्कार रहता है. वे लोगों को भडकाने वाले ही भाषण देते है. अमरावती के लोगों को न्याय के लिए बलवंत वानखडे को विजयी बनाने की अपील वासनिक ने की. सम्मेलन को पूर्व सांसद अनंत गुढे, शिवसेना नेता सुधीर सुर्यवंशी, प्रदीप बाजड, राकांपा जिलाअध्यक्ष प्रदीप राउत, संकल्प संगठन के नितिन कदम, पूर्व महापौर विलास इंगोले, कराले गुरुजी ने भी संबोधित किया. मविआ कार्यकर्ताओं का जोश देखते ही बना.

* पहले मातोश्री और सिल्वर ओक आएंगे वानखडे

विधायक यशोमति ठाकुर ने उम्मीदवार बलवंत वानखडे की सादगी और भोलेपन की प्रशंसा कर कहा कि, वानखडे सामान्य लोगों के सच्चे प्रतिनिधि हैं. वे मविआ प्रत्याशी के रुप में विजयी होने पर पहले मातोश्री (उद्धव ठाकरे) और सिल्वर ओक (शरद पवार) जाएंगे. फिर 10 जनपथ (सोनिया गांधी) जाएंगे. ठाकुर ने 24 अप्रैल को राहुल गांधी की सभा के आयोजन की जानकारी देकर कहा कि, बलवंत वानखडे इतने सीधे है कि, बार-बार भावुक हो जाते हैं. सम्मेलन का सुंदर संचालन क्षिप्रा मानकर ने किया. जिसके लिए उन्हें पवार, ठाकरे और मंच की प्रशंसा भी मिली.

* झलकियां
– कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना उबाठा के सम्मेलन में माकपा और भाकपा के नेता भी उपस्थित थे. अनेक मायनों से आज की सभा ऐतिहासिक कही गई.
– बाहर बदरीला मौसम रहने पर भी सांस्कृतिक भवन में राजनीतिक गर्मी बार-बार लगते नारेबाजी और घोषणाओं से बढ रही थी. सभा की शुरुआत के प्रतीक दीप प्रज्वलन ने भी बडा रुप लिया, तो यशोमति ने उसे मशाल बन जाने की संज्ञा दी.
– कार्यकर्ताओं, महिला पदाधिकारियों का जोश देखते ही बना. कई कार्यकर्ता सिर पर केसरिया पगडी बांधे आये थे. महिलाओं की संख्या जोशपूर्ण रही. सीढियों पर नीचे बैठने में कार्यकर्ताओं ने गुरेज नहीं किया.
– उद्धव ठाकरे के सभागार में आते ही लोगों ने जोरदार घोषणाएं दी, जो ठाकरे के भाषण के अंत तक सतत चलती रही.
– सभागार छोटा पड गया. बाहर तीन-चार पंडाल और हजारों कुर्सियां लगाई गई, एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई.

Related Articles

Back to top button