अमरावतीमहाराष्ट्र

माधान का कस्तुरबा आश्रम ऐतिहासिक धरोहर

सांसद बलवंत वानखडे ने कहा

चांदूर बाजार/दि.26– कस्तुरबा गांधी के निधन के पश्चात कस्तुरबा स्मारक निधि से माधान आश्रम का निर्माण किया गया. सेवाव्रती ताराबेन मश्रुवाला के सेवाकार्य की दखल देश-विदेश में ली गई. यहां 80 सालों से यह सेवाकार्य अविरत शुरु है. माधान का कस्तुरबा आश्रम ऐतिहासिक धरोहर है. इस आश्रम को पर्यटन क्षेत्र बनाया जाये, ऐसा सांसद बलवंत वानखडे ने कहा. वे 22 फरवरी को कस्तुरबा व ताराबेन स्मृति महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व जिप अध्यक्ष तथा जिला कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष बबलू देशमुख ने की. इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय भाषण में बबलू देशमुख ने कहा कि, आश्रम के लिए कुछ मर्यादित मदद मैं कर पाया हूं. किंतु संस्था बडी होने की वजह से यहां ज्यादा निधि की आवश्यकता है. दो दिन तक चलने वाले स्मृति महोत्सव में ताराबेन की प्रेरणा से समाज कार्य करने वाले पद्मश्री शंकरबाबा पापलकर ने भी अपनी संवेदना व्यक्त की. वहीं संगाबा विद्यापीठ अध्यासन प्रमुख डॉ. दीपक काले द्वारा लगाई गई गाडगे बाबा की चित्र प्रदर्शनी ने सभी का ध्यान आकर्षित किया.
कार्यक्रम के दौरान आश्रम के ज्येष्ठ कार्यकर्ता एन. टी. देशमुख गुरुजी को सेवाव्रती पुरस्कार प्रदान किया गया. साथ ही अमरावती के वंदे मातरम फाउंडेशन सेवाभावी संस्था का और गांव के पंकज आवारे, पूर्व शिक्षक प्रवीण विधले का सत्कार किया गया. 23 फरवरी को समापन के अवसर पर महाराष्ट्र राज्य बियाणे महामंडल अध्यक्ष प्रमोद कोरडे, उच्च न्यायालय के एड. प्रदीप क्षीरसागर ने भी अपनी भावना व्यक्त की. इस समय मुरली माकोडे, सरपंच मंदा पावडे, संस्था के पूर्व अध्यक्ष कोल्हे गुरुजी, संस्था अध्यक्ष प्रदीप चौधरी, उपाध्यक्ष मिना चौधरी, सचिव कुमार पटवर्धन, संचालक सुभाष पटवर्धन, मदन भाटे, किशोर पटवर्धन, डॉ. सुनील देशमुख उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन मुले गुरुजीी ने किया व प्रास्ताविक प्रदीप चौधरी ने रखा व आभार सुभाष पटवर्धन ने माना.

Back to top button