जिला बैंक की शानदार, ऐतिहासिक, शांतिपूर्ण आमसभा
13 प्रस्ताव पारित, अध्यक्ष कडू के अनेक ऐलान
सेवा सहकारी सोसाइटियों को पुनः जीवित करेगी बैंक
* उपस्थित सभासदों को उपयोगी टूरिस्ट बैग का उपहार
अमरावती/दि.30- जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक की आमसभा पहली बार संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में अध्यक्ष, विधायक बच्चू कडू की अध्यक्षता में ली गई. अनेक मायनों में ऐतिहासिक रही सभा में सभी 13 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए जाने की घोषणा करतल ध्वनि के बीच की गई. उसी प्रकार जिले के लगभग 500 सेवा सहकारी सोसाइटी को किसान हित में पुनः जीवित करने का महत्वपूर्ण निर्णय किया गया. ऐसे ही शिकायत निवारण समिति बनाने के सर्वाधिकार अध्यक्ष महोदय अर्थात बच्चू कडू को सौंपे गए. उसी प्रकार उपविधि अर्थात बायलॉज में परिवर्तन का प्रस्ताव भी आमसभा में पास किया गया.
मंच पर उपाध्यक्ष अभिजीत ढेपे, सभी संचालक सर्वश्री नरेशचंद्र ठाकरे, अनिरुद्ध देशमुख, प्रा. वीरेंद्र जगताप, विधायक बलवंत वानखडे, रविंद्र गायगोले, सुधाकर भारसाकले, सुरेश साबले, जयप्रकाश पटेल, अजय मेहकरे, आनंद काले, प्रा. प्रकाश कालबांडे, सुनील वर्हाडे, हरी मोहोड, दयाराम काले, श्रीकांत गावंडे, पुरुषोत्तम अलोने, श्रीमती सुरेखा ठाकरे, चित्रा डहाने, मोनिका वानखडे मार्डीकर, प्रवीण काशीकर और मुख्य कार्यकारिणी अधिकारी राजेंद्र बकाल, मुख्याधिकारी संजय इंगले, संजय जवंजाल, के.एन. काकडे, आर.एन. साबले, नितिन दामले, डी.एम. कोहले आदि विराजमान थे. पूरे जिले और आसपास से हजारों की संख्या में बैंक के सभासद आमसभा में उत्साह से उपस्थित थे.
* बजट को मंजूरी, सीए की होगी नियुक्ति
वार्षिक आमसभा में दस विषय मुख्य रुप से रखे गए थे. जिसमें 2022-23 के बजट को मंजूरी देने, 2023-24 में बजट से अधिक हुए खर्च को मंजूरी देने, 2021-22 के सीए के ऑडिट रिपोर्ट में बताए गए दोष दुरुस्ती अहवाल का अवलोकन करने, 2023-24 के लिए शासन की लिस्टनुसार सीए की नियुक्ति करने, सहकारी संस्थाओं के काफी पहले खरीदे गए शेयर्स की रकम को राइट ऑफ करने, शिकायत निवारण समिति गठित करने, सभी शाखाओं में सीसीटीवी लगाने और बैंक की सुरक्षा के लिहाज से इंटेलिजन्स सॉफ्टवेअर खरीदी करने के प्रस्ताव थे. बैंक की उपविधि में संशोधन का भी विचार मंजूर किया गया.
* घाटे की सोसाइटी को सहायता
वरिष्ठ निदेशक नरेशचंद्र ठाकरे ने जिले की सेवा सहकारी सोसाइटी को बचाने के लिए जिला बैंक से सहायता का प्रस्ताव यह कहते हुए रखा कि, किसान इन सोसाइटी पर निर्भर हैं. जबकि उनका एनपीए 60 प्रतिशत से अधिक होने के कारण उन पर कानूनी कार्रवाई हो रही है. ऐसे में इन सहकारी संस्थाओं को मदद करना जिला बैंक का फर्ज बनता है. इस विषय पर अनेक सभासदों ने भी विचार रखे. प्रा. दीपक धोटे ने कहा कि किसान आय का भी बीमा होना चाहिए. इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख अध्यक्ष ने अपनाया. वहीं ठाकरे के प्रस्ताव पर अध्यक्ष कडू ने कहा कि सोसाइटी को बचाने के लिए समिति गठित कर निर्णय किया जाएगा. कडू ने सभा को बताया कि किसानों को कर्ज वितरण का दिया गया लक्ष्य 102 प्रतिशत पूर्ण किया गया है. 750 करोड़ का कर्ज वितरीत किया गया है. कर्ज की आड़ में राजनीति करने की बजाय अधिक कर्ज लेकर आनंद मनाने की बात कडू ने कही. अध्यक्ष ने कहा कि आने वाले समय में फसल कर्ज बढ़ाया जाएगा. आधार कार्ड पर कर्ज देने पर भी विचार होगा. कडू ने नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग पहले किसानों के कर्ज प्रकरण में बाधा डालते थे, नकारात्मक राजनीति करने की बजाय सकारात्मक कार्य किया जाना चाहिए. कडू ने कहा कि 50-60 वर्ष में अनेक बैंक शाखाओं में प्रसाधन का भी प्रबंध नहीं किया जा सका. यह बड़ी विडंबना की बात है. कडू ने दोटूक कहा कि किसी ने राजकारण किया तो हम भी वैसा जवाब देंगे. अच्छे काम में कोई खोट निकालेगा तो हमें लंबी झिलपी निकालनी पड़ेगी. कडू ने कहा कि बैंक में घूसखोरी करना, हमारे खून में नहीं है. हमारे लिए राजकारण और बैंक महत्वपूर्ण नहीं है. किसान महत्वपूर्ण है.
* किसानों की शिकायत होगी हल
आज की आमसभा में किसानों की शिकायत को लेकर समिति बनाने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया गया. अध्यक्ष कडू ने कहा कि किसानों की शिकायत अनसुनी रह जाती थी. उन्हें समय पर कर्ज नहीं मिलता. उसी प्रकार उनका विषय काफी समय तक प्रलंबित रहता. वह अब शिकायत निवारण समिति चुनेगी और उसका हल करेगी. असिंचित खेती के लिए भी तार की बाड हेतु बैंक ऋण उपलब्ध करवाएगी. किसान हित में 5 प्रतिशत ऋण राशि बढ़ा देने के निर्णय को आमसभा द्वारा मंजूरी दी गई है.
* दो माह में मंडियों में एटीएम
अध्यक्ष कडू ने सभी बड़ी फसल मंडी में जिला बैंक के एटीएम स्थापित करने का ऐलान किया. उन्होंने बताया कि दो माह में यह एटीएम सेवा शुरु हो जाने का उन्हें विश्वास है.
* 4 लाख का खर्च 70 हजार पर
अध्यक्ष कडू ने अमरावती मंडल से बातचीत में बताया कि आमसभा सांस्कृतिक भवन में लेना अपने आपमें ऐतिहासिक है. केवल 50 लोग की आमसभा अब तक होती थी. उस पर भी 4 लाख का खर्च होता था. आज मात्र 70 हजार रुपए में आमसभा ली गई. जिसमें 1500 से अधिक सभासद सहभागी हुए. उन्हें कामकाज की विस्तृत जानकारी दी गई.