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महाबोधी महाविहार सौंपा जाए बौद्धों को

अ. भा. भिक्खु संघ ने उठाई मांग

* कलेक्ट्रेट पर ले जाया गया भव्य मोर्चा
अमरावती/दि.30 – बिहार के बोधगया स्थित महाबोधी महाविहार को भगवान गौतम बुद्ध का पवित्र स्थल एवं ऐतिहासिक धरोहर माना जाता है. जो समूचे विश्व में बसे बौद्ध मतावलंबियों के लिए श्रद्धास्थल है. परंतु इस महाविहार का प्रशासन व प्रबंधन विगत कई वर्षों से गैर बौद्धों के नियंत्रण में है. जिसे तुरंत बदलते हुए महाबोधी महाविहार का प्रशासन बौद्ध धर्मगुरुओं व भिक्खुओं को सौंपा जाए इस आशय की मांग को लेकर अखिल भारतीय भिक्खु संघ की अमरावती शाखा द्वारा आज स्थानीय इर्विन चौराहे से जिलाधीश कार्यालय तक विशालकाय मोर्चा ले जाया गया. साथ ही जिलाधीश को अपनी मांगो का ज्ञापन भी सौंपा गया.
इस समय अ. भा. भिक्खु संघ द्वारा कहा गया कि, बौद्ध विहार का प्रशासन बौद्धों के ही नियंत्रण में रहे, इस मांग को लेकर विगत अनेक वर्षों से आंदोलन किए जा रहे है और देश में जगह-जगह पर मोर्चे निकाले जा रहे है. ताकि बोधगया मंदिर प्रबंधन अधिनियम 1949 को रद्द करते हुए महाबोधी महाविहार का प्रबंधन बौद्धों द्वारा संचालित किया जा सके. इस मांग को लेकर देशभर में बौद्ध भिक्खुओं द्वारा अनशन भी किए जा रहे है. अत: इस मुद्दे को लेकर बिहार सरकार सहित केंद्र सरकार ने गंभीरता दिखानी चाहिए.
इस मोर्चे में अ. भा. भिक्खु संघ के प्रदेश सलाहगार भदंत बुद्धघोष महास्थविर, जिलाध्यक्ष भदंत निर्मलपुत्त आनंद महास्थविर, उपाध्यक्ष भदंत सत्यानंद महास्थविर, सचिव भदंत चंद्रमणी स्थविर सहित भदंत सुमंगल महाथेरो, भदंत प्रज्ञाबोधी महाथेरो, भदंत अमोलबोधी थेरो, भदंत आर्य सारीपुत्त थेरो, भदंत धीरधम्मो थेरो, भदंत सुपारक धम्मरतन थेरो, भदंत सुभद्र थेरो, भदंत दीपंकर थेरो, भदंत बुद्धप्रिय, भदंत राहुल, भदंत मोग्गलायन, भदंत असीलवंसलंकार, भदंत सुगतानंद, भन्ते गिरीमानंद के साथ ही बौद्ध समाज के अनेकों महिला व पुरुष अनुयायी उपस्थित थे.

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