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महालक्ष्मी की आज आवभगत

घर-घर में पकवानों के भोग

* सर्वत्र सुखद, चैतन्यपूर्ण वातावरण
* 16 सब्जियों सहित आंबिल अर्पण
अमरावती/दि.11 – श्री गणेश के आगमन पश्चात मंगलवार को घर-घर में ज्येष्ठा गौरी का मंगलागमन हुआ. बुधवार को ज्येष्ठा गौरी का पूजन किया जा रहा है. पकवान के साथ आंबिल का भोग अर्पित किया जाएगा. 16 प्रकार की सब्जियों के साथ ही नानाविध पकवान धरे जाएंगे. जिसके कारण नगर में प्रत्येक गली और कालोनी में चहल-पहल और रौनक देखी गई. उसी प्रकार वातावरण सुखद एवं चैतन्यपूर्ण हो गया है. लोगों का एक दूसरे के यहां महालक्ष्मी दर्शन एवं प्रसादी का सिलसिला शाम को प्रारंभ हो गया था.
* सुंदर सजावट, निखरा रुप
महालक्ष्मी अर्थात ज्येष्ठा और कनिष्ठा के साथ झोला-झोली को विराजीत कर संपूर्ण घर की सुंदर सजावट की गई है. जिससे महालक्ष्मी का रुप निखर आया है. आज भोग लगाने के लिए घरों में हलवाई के साथ सभी गृहणियां जुटी रही. शाम को प्रसादी के आयोजन होने से हर कोई किसी न किसी काम में व्यस्त रहा.
* प्रत्येक सब्जी की रही डिमांड
ज्येष्ठा और गौरी का घर में मंगल आगमन होने से उनकी आवभगत में सभी जुटे है. प्रत्येक प्रकार की सब्जी की बाजार में डिमांड रही. आम दिनों पर रामकोला की पूछ परख नहीं रहती. आज उसके साथ अंबाडी, मेथी, पालक, गवार की फल्ली, फुलगोभी, भेंडी, टिंडोली, गिलकी सभी का भाव बढ गया था. 16 प्रकार की सब्जियां महालक्ष्मी को अर्पित की जाती है.
* नैवेद्य के लिए केले के पत्ते
केले के पत्ते पर नैवेद्य चढाये जाते है. इसलिए मार्केट में कल शाम से ही केले के पत्तों की डिमांड बढ गई थी. अंजनगांव और अचलपुर क्षेत्र से केले के पत्ते अमरावती में उपलब्ध करवाये गये थे. भाविकों ने श्रद्धा से इन पत्तों को खरीदा और इन्हीं पर महालक्ष्मी को भोग अर्पित किया. उपरान्त प्रत्येक घर में पंगत भोजन प्रारंभ हुआ. आमंत्रितों को आग्रहपूर्वक प्रसादी परोसी गई. आंबिल का प्रसादी में विशेष महत्व रहता है. वह प्रत्येक को प्रसाद रुप में अवश्य दी गई लोगों ने भी चाव और श्रद्धा से प्रसाद ग्रहण किया. महालक्ष्मी के भोग के साथ गणेशोत्सव परवान चढा है. 10 दिवसीय उत्सव के 5 दिन पूर्ण हो गये हैं.

 

 

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