अमरावती

भारत मुक्ति मोर्चा द्बारा 20 को महाराष्ट्र बंद की घोषणा

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सबूतों से छेडछाड का आरोप

अमरावती – /दि.4  अमरावती – 1 जनवरी 2018 को भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा की जांच पश्चात पुलिस प्रशासन द्बारा जांच आयोग के सामने जो सबूत रखे गये है. उन सबूतों के साथ छेडखानी की गई है. जिसके खिलाफ भारत मुक्ति मोर्चा द्बारा श्रृंखलाबद्ध आंदोलन किया जा रहा है. इसी श्रृंखला में 8 अगस्त को लाक्षणिक अनशन, 18 अगस्त को बेमियादी अनशन व 20 अगस्त को महाराष्ट्र बंद की घोषणा भारत मुक्ति मोर्चा द्बारा की गई.
भीमा कोरेगांव में जो हिंसा हुई उसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है. प्रशासन इस मामले के सबूत नष्ट करने के प्रयास में है. राज्य सरकार जांच आयोग से उचित सहकार्य नहीं कर रही. इसलिए समाज में तेढ पैदा करने वाले, कानून व्यवस्था को हाथ में लेकर हिंसा करने वाले आरोपियों पर कडी कार्रवाई नहीं हुई, तो ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होने का डर है. इसलिए दोषियों पर कडी कार्रवाई की जाए, अन्यथा भारत मुक्ति मोर्चा द्बारा राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा. जिसका नियोजन जिलाधीश के माध्यम से राज्यपाल के नाम दिये गये निवेदन से सांझा किया गया. निवेदन देते वक्त आनंद ढोकणे, सोनल ढोकणे, पंचशीला मोहोड, विवेक कडू, सुष्मा कांबले, सुनिल डोंगरदिवे, पंचफुला किर्डक, मंदा कोल्हे, रेणुका कटकतलवारे, छत्रपति कटकतलवारे, विजय मोहोड आदि उपस्थित थे.

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