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घरकुल योजना को लेकर सुस्त है महाराष्ट्र सरकार

सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा में लगाया आरोप

* योजना की अवधि 2022 की बजाय 2025 तक बढाने की मांग

अमरावती/दि.2- देश में सभी बेघरों को वर्ष 2022 तक उनका अपना अधिकारपूर्ण घर दिलाने हेतु केंद्र सरकार द्वारा पीएम आवास योजना चलायी जा रही है. किंतु इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से उदासीन व सुस्त है. ऐसे में सबसे पहले इस योजना की त्रृटियों को दूर करते हुए उदासीन व लापरवाह अधिकारियों पर अंकूश लगाया जाना चाहिए. साथ ही इस योजना की अवधि को 2022 से बढाकर 2025 किया जाना चाहिए. इस आशय की मांग जिले की सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा के शीतकालीन सत्र की कार्रवाई के दौरान उठाई.
गत रोज सांसद नवनीत राणा ने कहा कि, विगत तीन वर्षों से महाराष्ट्र सरकार ने अपने हिस्से में रहनेवाली दूसरी व तीसरी किश्त की रकम अदा नहीं की है. जिसके चलते लाखों लाभार्थी इस योजना से वंचित है. साथ ही अनुदान नहीं मिलने की वजह से कई लोगों के घरों का निर्माण अधूरा पडा है और उन्हेें किराये के घरों में रहना पड रहा है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, उदासीन व लापरवाह ढंग से काम करनेवाले अधिकारियों को सीधी राह पर लाया जाये.
संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सांसद नवनीत राणा ने लाखों लोगों के जीवन से संबंधित मसले को सरकार के समक्ष उठाते हुए बताया कि, नमुना-8 अ या पीआर कार्ड नहीं मिलने की वजह से कई लाभार्थी इस योजना से वंचित है. सांसद नवनीत राणा के मुताबिक जो गरीब लोग खुद अपना घर नहीं बना सकते, ऐसे लोगों के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि, वर्ष 2022 तक देश में कोई भी व्यक्ति बेघर न रहे. लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने विगत तीन वर्षों से अपने हिस्से की रकम ही लाभार्थियों को नहीं दी है. जिससे कई लाभार्थियों के घरकुलों का काम अटका हुआ है. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा इस संदर्भ में जल्द से जल्द राज्य सरकार को किश्त अदा करने हेतु निर्देश दिये जाने की मांग भी सांसद नवनीत राणा द्वारा की गई. साथ ही उन्होंने कहा कि, इस योजना का लाभ पाने हेतु ग्रामीण क्षेत्र में नमुना-8 अ व शहरी क्षेत्र में पीआर कार्ड सबसे प्रमुख शर्त है. किंतु कई लोगों को इन दस्तावेजों को प्राप्त करने के लिए सालोंसाल इंतजार करना पडता है. ऐसे में पंद्रह दिनोें के भीतर ये दस्तावेज मिल जाये, ऐसी भी व्यवस्था सरकार द्वारा की जानी चाहिए.

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