अमरावती

महाराष्ट्र-म.प्र. सीमा विवाद को लेकर बैठक शुरु

दोनों राज्यों के राज्यपाल बैठक में उपस्थित

अमरावती/दि.24- जहां एक ओर विगत कुछ दिनों से महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद का मामला गरमाया हुआ है. जिसे लेकर विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में सरकार के खिलाफ विपक्ष काफी हमलावर दिखाई दे रहा है. वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित जिलों की समस्याओं को हल करने के लिए दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों की संयुक्त बैठक अमरावती में आयोजित की गई है. स्थानीय डॉ. पंजाबराव देशमुख विदर्भ प्रशासकीय व विकास प्रशिक्षण प्रबोधनी में बुलाई गई इस बैठक में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी तथा म.प्र. के राज्यपाल मंगुभाई पटेल मुख्य रुप से उपस्थित हुए है.
बता दें कि महाराष्ट्र के भंडारा, नागपुर, अमरावती, बुलढाणा व जलगांव जिलों की सीमा मध्य प्रदेश के बालाघाट, शिवनी, छिंदवाडा, बैतुल, बरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बडवानी व अलीराजपुर जिलों की सीमा से लगी हुई है. इसमें से नागपुर, अमरावती, बुलढाणा व जलगांव जिलों से मध्य प्रदेश में बडे पैमाने पर सीधा यातायात होता है. साथ ही अमरावती जिले से बैतुल, खंडवा, बरहानपुर व छिंदवाडा जिले के बीच बडे पैमाने पर आवाजाही होती है. इसके अलावा अमरावती जिले के आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में कई सीमावर्ती ग्रामीण इलाके आपस में इस तरह से मिले हुए है कि, कहां पर मध्य प्रदेश की सीमा है और कहां पर महाराष्ट्र वाला हिस्सा यह पता ही नहीं चलता. ऐसे में दोनों राज्यों के बीच किसी भी तरह का कोई विवाद पैदा न हो इस बात के मद्देनजर दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों की संयुक्त बैठक अमरावती में बुलाई गई और इस बैठक में दोनों राज्यों के राज्यपालों ने भी हिस्सा लिया.

क्या कहा दोनों राज्यपालों ने
दोनो राज्यों के सीमावर्ती जिलोें की बैठक को संबोधित करते हुए राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि, संबंधित जिलों ने अपने सीमावर्ती पडोसी जिलों के साथ रहनेवाले मामलों को आपसी सौहाद व सामंजस्य के साथ छुडाना चाहिए. साथ ही बाढ सदृष्य स्थिति एवं सिंचाई प्रकल्प से संबंधित मामलों को स्थानीय स्तर पर उपाय योजनाऐ करते हुए हल किया जाना चाहिए. इसके अलावा स्थालांतरित मजदूरों कि समस्याओं को हल करने के लिए उनकी जानकारियों का नियमित रुप से आदान-प्रदान किया जाना चाहिए. ताकि ऐसे मजदूरों को दोनों राज्यों में सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. इसके साथ ही अवैध गौवंश तस्करी, मानव तस्करी, गैर कानूनी खनिज उत्खनन, अवैध हथियार, गुटखा, शराब विक्री व मादक पदार्थो की तस्करी को रोकने हेतु दोनों राज्यों की सीमाओं पर चेकपोस्ट व पर्याप्त मनुष्य बल तैनात किया जाना चाहिए.
इसके साथ ही इस बैठक में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि, सीमावर्ती सीमाओं की समस्याओं को हल करने के लिए दोनों राज्यों की सरकारों के साथ ही सीमावर्ती जिलों के प्रशासनों के बीच आपसी चर्चा व संवाद होना आवश्यक है. ताकि दोनों ओर के जिलों को आपदा काल एवं बाढ आदि के संदर्भ में पूर्व सूचना मिल सके.
इस बैठक में राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के प्रधान सचिव संतोष कुमार व सहसचिव श्वेता सिंघल, म.प्र. के राज्यपाल मंगुभाई पटेल के प्रधान सचिव डी.बी. आहूजा, अमरावती के संभागीय आयुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे व जिलाधीश पवनीत कौर, भंडारा के जिलाधीश योगेश कुंभेजकर, गोंदिया के जिलाधीश चिन्मय गोतमारे, बुलढाणा के जिलाधीश डॉ. एच.पी. तुमोड, नागपुर की अतिरिक्त जिलाधीश आशा पठान सहित बुलढाणा, बालाघाट, छिंदवाडा, शिवनी, बैतुल, बुरहानपुर व खंडवा आदि जिलों के जिलाधिकारी व जिला पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे.

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