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महाराष्ट्र की अस्मिता व हिंदू हितों से समझौता बर्दाश्त नहीं

भाजपा नेता किरीट सोमैय्या ने सीएम ठाकरे सरकार को चेताया

* अमरावती दौरे पर पहुंचे, पत्रवार्ता को किया संबोधित

* दंगों को बताया कांग्रेस व राकांपा की मिलीजुली साजिश

अमरावती/दि.30 – विगत 13 नवंबर को अमरावती शहर मेें जो कुछ भी हुआ, उसके बारे में स्थानीय लोगों द्बारा सुनाये गये अनुभव बेहद भयावह हैं और उन अनुभवों को सुनकर ही डर लगता है कि, आज हम लोग किस तरह के माहौल में जी रहे हैं. सक्करसाथ परिसर स्थित शनि मंदिर में तोडफोड करने के साथ ही इस मंदिर के दोनों पूजारियों की हत्या का प्रयास किया गया. साथ ही परिसर में स्थित घरों की उपरी मंजिल पर चढकर महिलाओें पर भी हमले का प्रयास किया गया. इसके बावजूद राज्य सरकार में शामिल मंत्रियों व नेताओं द्बारा हिंदुओं को ही आरोपियों के कटघरे में खडा करते हुए कार्रवाई का निशाना बनाया जा रहा है और हिंदूहृदय सम्राट कहे जाते स्व. बालासाहब ठाकरे के सुपुत्र व राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे चुपचाप बैठे तमाशा देख रहे हैं. किंतु उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि, भले ही वे सत्ता की लालच और पद की लालसा में आकर अपने सिद्धांतों से समझौता कर बैठे हैं, किंतु हम लोग महाराष्ट्र की अस्मिता व हिंदू हितों के साथ किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं करेंगे, इस आशय का प्रतिपादन भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व सांसद डॉ. किरीट सोमैय्या द्बारा किया गया.
विगत 12 व 13 नवंबर को अमरावती शहर में हुई हिंसा व तोडफोड की पार्श्वभूमि को देखते हुए भाजपा नेता किरीट सोमैय्या आज मंगलवार 30 नवंबर को अमरावती शहर के दौरे पर पहुंचे. जिसके तहत शहर में कुछ स्थानों को भेंट देने के साथ ही उन्होंने यहां पर श्रमिक पत्रकार भवन में एक पत्रवार्ता को भी संबोधित किया. जिसमें उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही भाजपा नेता किरीट सोमैय्या ने कहा कि, यदि आज शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे जीवित होते, तो कांग्रेस व राकांपा की समाज विघातक ताकतों के साथ हाथ मिलाकर हिंदू समाज पर हमला करने की हिम्मत नहीं हुई होती. इस समय भाजपा नेता सोमैय्या ने यह भी कहा कि, शिवसेना के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे द्बारा सत्ता और मुख्यमंत्री पद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारतीय जनता पार्टी के साथ किये गये विश्वासघात को एक बार के लिए समझा भी जा सकता है. किंतु हिंदू हितों की बात करने वाली शिवसेना की मुखिया उद्धव ठाकरे सत्ता के आगे इतने लाचार कैसे हो गये कि उन्हें हिंदुओं के खिलाफ होने वाली साजिश भी नहीं दिखाई दे रही.
इस पत्रवार्ता में भाजपा नेता किरीट सोमैय्या ने कहा कि, कांग्रेस व राकांपा नेताओं द्बारा अपना पूरा फोकस 13 नवंबर की घटनाओं पर रखा गया है. जिसकी आड लेकर भाजपा नेताओं सहित हिंदुओं को कटघरे में खडा करने का प्रयास किया जा रहा है. किंतु आप 12 नवंबर की घटनाओं को अनदेखा कैसे कर सकते हैं, जब त्रिपुरा को लेकर फैलाई गई अफवाह के आधार पर साजिशपूर्वक हिंसा व तोडफोड की घटनाओं को अंजाम दिया गया. जब ये अफवाहें फैल रही थी और रजा अकादमी द्बारा पूरे राज्य में बंद व मोर्चे की तैयारियां की जा रही थी, तब सरकार हाथ पर हाथ धरे चुपचाप क्यों बैठी हुई थी और उस वक्त समय रहते पुलिस को एक्शन में क्यों नहीं आने दिया गया. भाजपा नेता सोमैय्या के मुताबिक इसका साफ मतलब है कि, खुद सरकार में शामिल लोग यह चाहते थे कि, 12 नवंबर को राज्य के अलग-अलग हिस्सों मेें हिंसा व तोडफोड की घटनाएं घटित हों, जिनमें सीधे तौर पर हिंदुओेंं को ही निशाना बनाया जाना था. वहीं अमरावती में 13 नवंबर को भाजपा के नेतृत्व में यहां के हिंदू समाज ने 12 नवंबर की घटना को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी, तो उस समय भी शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हिंदू समूदाय के लोगों पर पथराव करने के साथ-साथ घातक हथियारों से लैस होकर उन पर धावा बोला गया और शनि मंदिर जैसे पवित्र धार्मिक स्थल पर तोडफोड करते हुए मंदिर के पुजारियों को जान से मारने का प्रयास किया गया. साथ ही परिसर में रहने वाले नागरिकों के घरों में घुसकर महिलाओं पर भी हमला करने का प्रयास किया गया. ऐसे में हम राज्य के उद्धव ठाकरे सरकार को चेतावनी देना चाहते है कि, यद्यपि आज शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे हमारे बीच नहीं हैं, किंतु हमारे भीतर उनके आदर्श और सिद्धांत जीवित है. अत: महाराष्ट्र की अस्मिता और हिंदू हितों के साथ किसी भी किस्म का समझौता या विश्वासघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
इस पत्रवार्ता में महापौर चेतन गावंडे, मनपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय, भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर, पूर्व शहराध्यक्ष जयंत डेहनकर सहित भाजपा पदाधिकारी उपस्थित थे.

* भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है सरकार
– आधा दर्जन मंत्री जेल में या बेल पर, जल्द और मामलों का होगा खुलासा

इस पत्रवार्ता में भाजपा नेता किरीट सोमैय्या ने कहा कि, जनादेश का अपमान कर केवल सत्ता के लिए साथ आकर तीन दलों द्बारा बनायी गई महाविकास आघाडी सरकार सिर से लेकर पांव तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और इस सरकार की आधा दर्जन से अधिक मंत्री या तो जेल में हैं या बेल पर हैं. जेल और बेल वाली इस सरकार के विगत 12 माह में करीब 100 से अधिक घोटाले सामने लाये जा चुके हैं और आगामी 31 दिसंबर तक इस सरकार के और भी कई घोटालों को सामने लाया जाएगा. सोमैय्या के मुताबित यह सरकार जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में पूरी तरह से असमर्थ साबित हुई है और हर मोर्चे पर नाकाम रही है.

* जल्द नपेंगे चार मंत्री, विदर्भ के भी एक कांग्रेसी मंत्री का समावेश

इस समय भाजपा नेता किरीट सोमैय्या ने कहा कि, सीएम उद्धव ठाकरे के बेहद करीबी व मित्र परिवार में शामिल शिवसेना के एक मंत्री सहित इस सरकार के चार बडे मंत्रियों के खिलाफ उन्होंने अलग-अलग जांच एजेंसियों के पास सबूतों के साथ शिकायत दर्ज करायी है. जिनके खिलाफ जल्द ही कार्रवाई शुरु हो सकती है. इन चार मंत्रियों में विदर्भ क्षेत्र से वास्ता रखने वाले एक कांग्रेसी मंत्री का भी समावेश है. जिसके खिलाफ जल्द ही छापे की खबर सामने आएगी.

* हम क्या मार खाते रहेंगे, क्रिया की प्रतिक्रिया तो होगी ही

इस पत्रवार्ता में पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए भाजपा नेता किरीट सोमैय्या ने कहा कि, अगर 12 नवंबर को चुन-चुनकर हिंदुओेंं की दुकानों और प्रतिष्ठानों को तोडफोड व लूटपाट का शिकार न बनाया जाता, तो निश्चित तौर पर 13 नवंबर की घटनाएं घटित नहीं होती. ऐसे में 13 नवंबर के लिए पूरी तरह से 12 नवंबर जिम्मेदार है. अत: सरकार एवं पुलिस द्बारा सबसे पहले 12 नवंबर के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही 12 नवंबर क्यों घटित हुआ. उसकी मूल वजहों को खोजा जाना चाहिए. सोमैय्या के मुताबिक क्या हमने केवल मार ही खाते रहना चाहिए और हमें प्रतिकार करने का भी अधिकार नहीं. 13 नवंबर को जो कुछ भी हुआ वह हकीकत में क्रिया की प्रतिक्रिया थी और 13 नवंबर को भी राजकमल चौराहें पर प्रदर्शन बेहद शांतिपूर्ण भी था. किंतु कुछ लोगों ने इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पथराव करने के साथ ही धारदार हथियारों से लैस होकर हमले का प्रयास किया, जिसके बाद हालात बिगडे. ऐसे में पुलिस ने सबसे पहले उन असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार करने का काम करना चाहिए, जिन्होंने 12 नवंबर के साथ ही 13 नवंबर को भी हालात बिगाडे. किंतु अमरावती जिले की पालकमंत्री यशोमति ठाकुर सहित कांग्रेस व राकांपा के नेता अब भी तृष्टीकरण की नीति पर चल रहे जिसके तहत 12 नवंबर की घटनाओं को पूरी तरह से अनदेखा करते हुए पूरा फोकस 13 नवंबर पर रखा जा रहा है, इसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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