अमरावती

बिल्डरों से नुकसान भरपाई के लिए महारेरा ने जारी किए ७३३ वारंट

१३ जिले के मामलों की होंगी जांच

मुंबई दि. १५ मकान खरीदी शिकायतकर्ताओं को भरपाई की रकम मिलें इसके लिए महारेरा (महाराष्ट्र स्थावर संपदा नियामक प्राधिकरण) ने विगत ५ वर्ष में ऐसे प्रकरण में ७२९.६८ करोड़ की नुकसान भरपाई के लिए ७३३ वारंट जारी किया है. इसके लिए शिकायतकर्ता को विशेष मदद करें इस आशय का अपीलपत्र राज्य में १३ जिलाधिकारी को भिजवाया है. मुंबई, मुंबई उपनगर, ठाणे, पुणे, रायगड, पालघर, औरंगाबाद, नागपुर, नाशिक, चंद्रपुर, सिंध्ाुदुर्ग, सातारा और रत्नागिरी जिले का इसमें समावेश है. विगत पांच वर्ष में बिल्डरों के पास अटकी रकम वसुल करने की चुनौती जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष है. समय पर कब्जा नहीं देना, प्रकल्प अध्ाूरा छोडना, निर्धारित गुणवत्त न रखना, आदि शिकायतेेेें महारेरा को प्राप्त हुई है. समय-समय पर सुनवाई कर दिए आदेश का अमल होने के लिए प्रयत्नशील रहने की बात महाराष्ट्र स्थावर संपदा नियामक प्राधिकरण ने कही.
कौन करेगा समीक्षा ?
महारेरा ने पहली बार ही इस संबंध में एक सेवानिवृत्त जिलाधिकारी की नियुक्ति की है. अनंत दिनकरराव दहिफले ने हाल ही में इस पद का पदभार स्वीकारा है.
जिलाधिकारी की भूमिका महत्वपूर्ण
मकान खरीदारों की विविध शिकायतों पर उचित सुनवाई होकर संबंधित विकास कार्यों को आदेश दिए जाते है. दी गई अवधि में विकासकार्यों की रकम नहीं दी तो उसे वसुल करवाने में जिलाधिकारी कार्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण होती है.
कानून का मुख्य उद्देश्य
केंद्र सरकार ने स्थावर संपदा विनियमन व विकास कानून २०१६ अधिनियमित किया है. यह कानून १ मई २०१७ से अमल में आया है. इस कानून का मुख्य उद्देश्य यह है कि, सदनिका, भूखंड, इमारत अथवा स्थावर संपदा प्रकल्पों की बिक्री प्रक्रिया में पारदर्शिता और कार्यक्षमता, परिणामकारकता की पुष्टि करना.
प्राधिकरण का मुख्यालय मुंबई
*महाराष्ट्र शासन ने स्थावर संपदा क्षेत्रों को नियमन करने के लिए महारेरा की स्थापना ८ मार्च २०१७ में की. प्राधिकरण का मुख्यालय मुंबई में है. यहां से कामकाज चलता है.
* शिकायतों का जल्द निवारण करने के लिए न्याय यंत्रणा निर्माण करना.
* स्थावर संपदा नियामक प्राधिकरण ने दिए निर्णय, निर्देश अथवा आदेश के खिलाफ न्याय मांगने के लिए अपिलीय प्राधिकरण स्थापित करना.

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