घर खरीदनेवालों के हित में और होगी वसूली अमरावती/ दि. 2- महारेरा ने घर खरीदी करनेवालों को हुए नुकसान की प्रतिपूर्ति के रूप में बिल्डर्स और डेवलपर्स से अब तक 200.23 करोड रूपए वसूल कर दिलाए हैं. जिसमें सर्वाधिक 122 करोड की रकम मुंबई और मुंबई उपनगर में वसूल कर घर खरीदनेवालों को दिलाए है. ऐसी जानकारी महारेरा ने प्रेस को दी है. यह भी बताया कि अब तक 442 प्रोजेक्ट में 705 करोड की वसूली के लिए 1163 वारंट जारी किए हैं. अभी तो केवल 283 वारंट में 200 करोड की वसूली हुई है. अभी भी 900 से अधिक वारंट से वसूली शेष है. उनमें मुंबई और पुणे के शिकायतकर्ताओं के लगभग 378 करोड की वसूली शेष हैं.
शहर और जिला निहाय वसूली
मुंबई शहर 46.47 करोड, मुंबई उपनगर 76.33 करोड रूपए, पुणे 39.10 करोड, ठाणे 11.65 करोड, नागपुर 9.65 करोड, रायगढ 7.49 करोड, पालघर 4.49 करोड, संभाजी नगर 3.84 करोड, नाशिक 1.12 करोड और चंद्रपुर में 9 लाख रूपए वसूले गए. घर खरीदारों को दिलाए गये.
* लेंगे सेवानिवृत्त तहसीलदारों की सेवा
महारेरा ने बताया कि वसूली प्रभावी करने मुंबई उपनगर एवं पुणे जिलाधिकारी कार्यालय में सेवानिवृत्त तहसीलदारों की नियुक्ति का निर्णय किया गया है. जो संंबंधित जिलाधिकारी की सहायता करेंगे. मुंबई के 73 प्रकल्पों के 355 शिकायतों में 288 करोड और पुणे क्षेत्र के 89 प्रकल्पों की 201 शिकायतें के 150 करोड 72 लाख वसूल होना बाकी है.
महारेरा ने बताया कि घर खरीदार को विविध स्वरूप की शिकायत की कानूनन सुनवाई लेकर प्रकरण के अनुसार ब्याज और नुकसान की क्षतिपूर्ति विहित समयावधि में देने के आदेश संबंधित डेवलपर को दिए जाते हैं. समय पर डेवलपर ने रकम नहीं जमा नहीं की तो जिलाधिश कार्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. इसके लिए स्थायी संपत्ति (नियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 40 (1) के अनुसार यह वसूली महाराष्ट्र जमीन राजस्व अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार राजस्व बकाया के रूप में वसूल करने का अधिकार जिलाधीश कार्यालय को रहते हैं. इसलिए महारेरा ऐसे वारंट संबंधित जिलाधीश को भेजते हैं. आदेशों का प्रभावी क्रियान्वयन महारेरा करवाने के लिए तत्पर हैं.
* क्या कहते हैं महारेरा अध्यक्ष मनोज सौनिक
महारेरा अध्यक्ष मनोज सौनिक ने कहा कि विविध कारणों से प्रलंबित घर खरीदी की क्षतिपूर्ति हेतु महारेरा समय-समय पर आदेश देता हैं. यह क्षतिपूर्ति घर खरीदी करनेवालों को दिलाने और उन्हें राहत प्रदान करने की जिम्मेदारी महारेरा की होती है. इसलिए महारेरा ने राजस्व खाते के सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी नियुक्त किया है. उनके माध्यम से सभी प्रकरणों में संबंधित जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी, तहसीलदार के पास लगातार फालोअप लेने से वसूली ने रफ्तार पकडी है.