श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति एवं मंदिर निर्माण हेतु 1 फरवरी को महाकुंभ में महासंवाद
श्री रुख्मिणी विदर्भ पीठ की पहल
* माउली सरकार और स्वामी उमेश योगी का आवाहन
* महेंद्र प्रताप सिंह संयोजक
अमरावती/दि.22– जिले के श्री रुख्मिणी विदर्भ पीठ ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति एवं मंदिर निर्माण के लिए प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में महत पहल करते हुए आगामी 1 फरवरी को महासंवाद का आयोजन दोपहर 12 बजे से रखा है. प्रयोगराज के मुक्ति मार्ग के सेक्टर नंबर 16 में आयोजित महा संवाद में स्वामी राज राजेश्वर माउली सरकार के साथ ही स्वामी उमेश योगी मुख्य रुप से संवाद करेंगे और विराजमान रहेंगे. देश के अनेकानेक साधु-संत, महंत इस आयोजन में मुखर होंगे.
महासंवाद के संयोजक श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एड. महेंद्र प्रताप सिंह है. उन्होंने बताया कि, मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण के लिए हस्ताक्षर अभियान का प्रारंभ हो गया है. यह 31 जनवरी तक चलाया जाएगा. श्रीकृष्ण जन्मभूमि भारत के सबसे पुराने मंदिर मस्जिद विवादों मेें से एक है. यह मामला लगभग 350 वर्ष पुराना है. महाकुंभ मेले में शंकराचार्य, महामंडलेश्वर तथा देश-विदेश के बडे संत महंत पधारे हैं. अत: कृष्ण जन्म भूमि को मुक्त किये जाने की तैयारी के मंथन हेतु महा संवाद रखा गया है. महा संवाद में अमेरिका से ब्रह्मानंद महाराज, स्पेन से स्वामी उमेश योगी, जर्मनी से स्वामी सनातन दास, मलेशिया से महाराज मृगानंदा स्वामी, ऑस्टेलिया से आरके दास, कनाडा से पी. सुंदरम, तमिलनाडू से टीएन गरुनानंद और गोल्डन बाबा तथा नाशिक, सोमनाथ, मदुराई, उडुपी से बडी संख्या में संत महात्मा शामिल हो रहे हैं.
मंगलवार को स्वामी राजेश्वर माउली सरकार ने हस्ताक्षर अभियान का प्रारंभ किया. उन्होंने बताया कि, महा संवाद हेतु सभी शंकराचार्य, महामंडलेश्वर, निरंजनी अखाडे के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि, जुना पीठाधीश्वर अवधेशानांद, जगद्गुरु रामभद्राचार्य को भी आमंत्रित किया गया है. इनके समक्ष श्रीकृष्ण मंदिर निर्माण का प्रस्ताव रखा जाएगा.
* 11 सदस्यीय कमिटी करेगी समाधान
अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति और मंदिर निर्माण के लिए 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी महा संवाद में मंदिर को शीघ्र बनाने और उसके विवादों पर चिंतन मंथन कर समाधान निकलेगी, साथ ही न्यायालयों में चल रहे मुकदमों के निस्तारण में सक्रिय भूमिका निभाएगी. इसके अलावा मंदिर निर्माण के लिए विश्वभर में सनातन धर्मावलंबियों को एकजुट करेगी.