अमरावती

महाठगबाज शशिकांत महल्ले को मिली जमानत

शिक्षक बैंक में योजना व नौकरी लगाने के नाम पर करोडों से ठगा था

* नांदगांव पुलिस ने अपराध दर्ज कर गिरफ्तार किया था
अमरावती/ दि.29– प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी 2 की अदालत ने महाठगबाज आरोपी नांदगांव पेठ निवासी शशिकांत महल्ले को 50 हजार रुपए के मुचलके और 2 खुनी रिश्ते की पहचान की शर्त पर जमानत पर रिहा करने के आदेश दिये है. इस मामले में शिकायतकर्ता शालिकराम खेडकर ने नांदगांव पेठ पुलिस थाने में महल्ले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
पुलिस ने शशिकांत महल्ले के खिलाफ दफा 420, 406 के तहत अपराध दर्ज किया था. आरोपी महल्ले शिक्षक बैंक में लिपिक पद पर कार्यरत है. शिकायतकर्ता और आरोपी की आपस में जान पहचान थी. इस वजह से वर्ष 2021 में आरोपी ने शिकायतकर्ता को अपने शिक्षक बैंक में तथाकथित एक योजना के बारे में जानकारी दी. जिसके तहत आरोपी ने बताया कि अगर वे बैंक में रकम जमा करवाते है तो, 2 वर्ष के अंदर रकम दोगुनी मिलेगी. आरोपी की बात पर विश्वास रखते हुए एक बडी रकम आरोपी को बैंक में जमा करने के लिए दी, लेकिन दो वर्ष बीतने के बाद भी जब शिकायतकर्ता ने आरोपी से रकम मांगी तो वह टालमटोल करने लगा. इसपर शिकायतकर्ता ने आरोपी के खिलाफ धोखाधडी की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया. इसके बाद आरोपी ने उपरोक्त अदालत में जमानत की याचिका दायर की.
आरोपी की जमानत के आवेदन पर पुलिस ने अदालत के समक्ष जवाब दायर करते हुए कहा कि, पुलिस जांच के दोैरान इस बात की जानकारी मिली है कि, आरोपी ने केवल शिकायतकर्ता ही नहीं बल्कि इसके अलावा रवि किसनसिंह ठाकुर, पृथ्वीराज सिंह ठाकुर, प्रवीणसिंह गहरवार, सत्यजीतसिंह राठोड, क्षमा प्रतापसिंह जैसे और भी कई लोगों के साथ करोडों रुपयों की धोखाधडी की.पुलिस ने अदालत में कहा कि, यह मामला गंभीर होने के कारण आरोपी को जमानत न दी जाए, इस मामले में आरोपी के वकील एड. अथर शमीम ने आरोपी की ओर से दलीले पेश करते हुए कहा कि, शिकायतकर्ता एक राजनीतिक दल का नेता है. तथा आरोपी ने शिकायतकर्ता से हाथ उधारी के रुपए लिये थे. शिकायतकर्ता ने रुपए देते समय आरोपी से कुछ स्टैम्प पेपर और कुछ चेक पर हस्ताक्षर लेकर अपने पास रख लिये थे. हालांकि आरोपी ने उधार ली रकम वापस लौटा दी थी, लेकिन इसके बाद भी शिकायतकर्ता ने कोरे चेक और कोरे स्टैम्प आरोपी को नहीं लौटाए. इतना ही नहीं तो आरोपी को ब्लैकमेल करने लगा. शिकायतकर्ता ने पुलिस थाने में शिकायत देरी से क्यों दी. इतना ही नहीं तो जब आरोपी पुलिस कस्टडी में था, उस समय आरोपी के पास से कोई भी दस्तावेज या रकम बरामद नहीं हुई. ऐसी दलीले सुनने के बाद आरोपी की जमानत याचिका मंजूर कर ली. एड. अरशद हुसैन, एड. प्रकाश तायडे ने एड. अथर शमीम को सहयोग किया.

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