
अमरावती/दि.7-महावितरण को मंगलवार को मुंबई में डिजिटल परिवर्तन उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित किया गया. महापावरपे वॉलेट, बिजली उपभोक्ताओं की ओर से छोटे व्यवसायों के माध्यम से अपने बिलों का ऑनलाइन भुगतान करने के लिए विकसित की गई एक सुविधा है. इस सफलता के लिए महावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्र ने कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महावितरण ने ग्राहकों की सेवा के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया है. महापावरपे वॉलेट का उपयोग करके ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानदार या स्वयं सहायता समूह बिजली उपभोक्ताओं को बिल भुगतान केंद्र सेवाएं प्रदान कर सकते हैं, इससे उन्हें कमीशन के रूप में आय भी प्राप्त होती है. राज्य में 4,878 महापावरपे केंद्र हैं, जो मुख्यतः ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं, इसके माध्यम से हर महीने 13 लाख से अधिक ग्राहक अपने बिजली बिल का भुगतान करते हैं और हर महीने औसतन 147 करोड़ रुपए का भुगतान होता है. एमएसईडीसीएल की कार्यकारी निदेशक (वित्त) स्वाति व्यावरे, सहायक महाप्रबंधक (वित्त) श्वेता जनोरकर, उप महाप्रबंधक सायाली झवेरी और सिस्टम विश्लेषक (सूचना प्रौद्योगिकी) स्नेहल चव्हाण ने भुगतान सुरक्षा शिखर सम्मेलन और पुरस्कार भारत 2025 में एमएसईडीसीएल की और से पुरस्कार स्वीकार किया.
महापावरपे वॉलेट सुविधा का उपयोग करके, गांव की किराना दुकानें, मेडिकल दुकानें और दैनिक आवश्यकताएं बेचने वाली दुकानें जैसे व्यवसाय बिजली उपभोक्ताओं को डिजिटल भुगतान की सुविधा प्रदान कर सकति हैं. स्वयं सहायता समूह भी बिजली उपभोक्ताओं को ऐसी सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं, इससे बिजली उपभोक्ता अपनी सुविधानुसार निकटतम महापावरपे सक्षम दुकान से अपने बिजली बिल का भुगतान कर सकेंगे. यह एक बहुत ही सरल तथा सुरक्षित बिल भुगतान सुविधा है.