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महावितरण की प्रस्तावित दर वृद्धि ग्राहकों हेतु बोझ

पूर्व मंत्री डॉ. देशमुख ने किया विद्युत दर वृद्धि का विरोध

* विद्युत नियामक आयोग की सुनवाई में रखा नागरिकों का पक्ष
अमरावती /दि. 3- महावितरण कंपनी द्वारा सर्वसामान्य नागरिकों पर आर्थिक बोझ डालनेवाली नई विद्युत दर वृद्धि प्रस्तावित की गई है. साथ ही सौर उर्जा ग्राहकों पर भी नए-नए नियम लादते हुए उनकी जेब पर कैची चलाने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में विद्युत दर वृद्धि के प्रस्ताव के खिलाफ राज्य के पूर्व उर्जा राज्यमंत्री एवं जिले के पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने अपनी आपत्ति लिखित तौर पर महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग के पास दाखिल की थी. जिसके चलते आज अमरावती में महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग के पास दर्ज आपत्तियों व आक्षेपों को लेकर प्रत्यक्ष सुनवाई हुई. इस समय पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने खुद उपस्थित रहकर प्रस्तावित विद्युत दर वृद्धि का तीव्र विरोध किया. साथ ही सौर उर्जा ग्राहकों पर लादे गए नए नियमों को भी अन्यायकारक बताया.
बता दें कि, समूचे राज्य से करीब 8 हजार व्यक्तिगत विद्युत उपभोक्ताओं सहित विविध विद्युत ग्राहक संगठनों एवं स्पिनिंग मील संस्थाओं ने अपनी आपत्तियां व आक्षेप विद्युत नियामक आयोग के समक्ष लिखित तौर पर दर्ज कराए है. इसके चलते अब विभागीय स्तर पर अलग-अलग संभागों में प्रत्यक्ष सुनवाई चल रही है. महावितरण द्वारा प्रस्तावित की गई दर वृद्धि को आगामी 1 अप्रैल से महाराष्ट्र राज्य ने लागू करना प्रस्तावित है. ऐसे में प्रस्तावित दर वृद्धि का विरोध करते हुए पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख का कहना रहा कि, महाराष्ट्र में रुफ टॉप सौर यंत्रों तथा सौर उर्जा प्रकल्पों के जरिए करीब दो हजार मेगावैट बिजली की निर्मिती हो रही है. जो केवल 3 रुपए की दर पर महावितरण को मिलती है. परंतु खरीदी में अच्छी-खासी बचत होने के बावजूद भी आम विद्युत उपभोक्ताओं पर विद्युत दर वृद्धि का बोझ लादने का प्रयास किया जा रहा है. जिसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही पूर्व मंत्री डॉ. देशमुख ने नियामक आयोग से महावितरण के दर वृद्धि प्रस्ताव को रद्द करने तथा दर वृद्धि को रोकने हेतु ठोस उपाययोजना किए जाने की मांग भी की और इस मामले में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने का निवेदन किया गया.

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