महेंद्र भूतडा का 225 वां रक्तदान कल
क्षेत्र का नया कीर्तिमान रचा जायेगा
* हजारों यूनिट रक्त भी संकलन कर दिया है
अमरावती/ दि. 21-रक्तदान के क्षेत्र में गत 4 दशकों से बेजोड कार्य करनेवाले रक्तदान समिति अमरावती अध्यक्ष महेंद्र भीकमचंद जी भूतडा कल अपनी बांह पर रक्तदान के लिए 225 वीं बार सूई चुभवायेंगे. इसके साथ ही क्षेत्र का रक्तदान में नया रिकार्ड कायम करेंगे. पीडीएमएमसी की रक्तपेढी में रविवार 22 दिसंबर को अपने जन्मदिवस पर महेंद्र भूतडा यहं नया अध्याय जोडने जा रहे हैं. इस समय अमरावती की विधायक सुलभा खोडके और राकांपा प्रदेश कार्याध्यक्ष संजय खोडके एवं रक्तदान समिति की संपूर्ण टीम उपस्थित रहेगी.
पिता की प्रेरणा से रक्तदान
महेंद्र भूतडा के करीबियों ने अमरावती मंडल को बताया कि 80 के दशक में उनके पिता भीकमचंद जी भूतडा की प्रेरणा से जिला अस्पताल की रक्तपेढी में जाकर इस रक्तदान प्रणेता ने सर्वप्रथम रक्तदान किया था. ओ पॉजिटीव रक्त समूह के भूतडा उस समय बीकाम की परीक्षा का पर्चा हल कर रहे थे. पडोसी के बच्चे के लिए उनका यह प्रथम रक्तदान था. जिसके बाद सिलसिला चल पडा. प्रत्येक तीन माह में उन्होंने नियमित रक्तदान किया.
बने रक्तदान प्रणेता
महेन्द्र भूतडा ने रक्तदान को ध्येय बना लिया. वे न केवल समय नियमित अंतराल पर रक्तदान करते. अपितु अपने मित्रजनों को भी रक्तदान के लिए उन्होंने प्रेरित किया. जिसके कारण अमरावती में जगह-जगह रक्तदान शिविर आयोजित किए जाने लगे. बीते 4 दशकों मेें हजारों शिविरों में अनगिनत रक्तदान यूनिट एकत्र की गई. जो जरूरतमंद रूग्णों के बडे काम आयी. अनेक अवसरों पर प्रसूताओं से लेकर अपघात में घायल हुए मरीजों के लिए रक्तदान वरदान समान रहा.
अनोखा शहर बना अमरावती
अमरावती में भूतडा और उनके मित्रों एवं अनेक संस्थाओं संगठनों के कारण रक्तदान शिविरों का आयोजन बढता गया. लोगों ने अपने परिजनों की पावन स्मृति से लेकर प्रतिष्ठान के उदघाटन अवसरों पर भी रक्तदान शिविर के आयोजन उत्साह से किए. आराधना का प्रसिध्द कपडा शोरूम ऐसे आयोजन के लिए विदर्भ विख्यात हो गया. यहां के विश्व विद्यालय ने रक्तदान करनेवाले विद्यार्थी को दो अंक अतिरिक्त देने की व्यवस्था वर्षो तक रखी. अमरावती में नेत्रहीन जनों का भी रक्तदान करवाने का अनूठा कार्य महेंद्र भूतडा व उनकी टीम ने कर दिखाया.
रिक्शा वाला से लेकर गणमान्य तक प्रसन्न
अमरावती में प्रत्येक वर्ग के लोग स्वैच्छिक रक्तदान को प्रोत्साहन देनेवाले बने. रिक्शा वाला से लेकर बडे प्रोफेशनल्स और गणमान्य राजनेताओं ने भी सहर्ष रक्तदान किया है. चार बार विधायक रहे बच्चू कडू ने प्रत्येक नामांकन के समय पहले अपना खून सहर्ष दान किया. फिर विधायक बनने का परचा भरा.
नहीं होती निगेटिव रक्त समूह की कमी
अमरावती में स्वैच्छिक रक्तदान के कीर्तिमान स्थापित हुए है. पति पत्नी रक्तदान शिविर के भी 20 आयोजन सफल हो चुके हैं. यहां की रक्तदान गतिविधि के कारण निगेटिव समूह का रक्त मिलने में भी अधिक परेशानी नहीं होती. भूतडा ने जिला अस्पताल की रक्तपेढी को हर वर्ष हजारों यूनिट ब्लड उपलब्ध करवाया. पिछले दशक भर से पीडीएमएमसी की रक्तपेढी का रक्त संकलन भूतडा और उनके सहयोगियों की बदौलत बढा है.