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महेश सबनीस ने दिखाया पीएम मोदी की सभा का आंखों देखा हाल

सभास्थल पर लगाये थे 94 एलईडी स्क्रीन

* अब तक कई बडे आयोजनों में संभाल चुके जिम्मा
अमरावती/दि.28 – मुलत: अमरावती से वास्ता रखने वाले तथा सबनीस फोटो स्टूडियों के संचालक महेश सबनीस ने कुछ वर्ष पहले बदलते वक्त की पदचाप को समझते हुए अपने व्यवसाय को नया स्वरुप देना शुरु कर दिया था. जिसके तहत परंपरागत फोटोग्राफी के व्यवसाय से आगे बढते हुए उन्होंने फ्लैक्स प्रिंटींग व वीडियो शूटींग के क्षेत्र में हाथ आजमाया. साथ ही साथ बडे-बडे आयोजनों में विशालकाय एलईडी स्क्रीन लगाकर ऐसे आयोजनों का उसी वक्त एलईडी स्क्रीन पर लाइव प्रसारण करने का काम भी शुरु किया. जिसके तहत महेश सबनीस अब तक दर्जनों आयोजनों में इस काम की जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक संभाल चुके है. वहीं आज महेश सबनीस ने यवतमाल के पास स्थित भारी गांव में आयोजित पीएम मोदी की विशालकाय जनसभा का एलईडी स्क्रीन पर सीधा प्रसारण दिखाने की जिम्मेदारी भी सफलतापूर्वक पूर्ण की. जिसके लिए महेश सबनीस ने विगत 4 दिनों से भारी गांव स्थित सभा के आयोजन स्थल पर अपनी टीम के साथ मौजूद सभा पंडाल में करीब 94 एलईडी स्क्रीन लगाए थे. ताकि 750 बाय 1400 चौरस फीट के विशालकाय पंडाल को हर कोने में बैठे व्यक्ति को मुख्य मंच पर चल रहे कार्यक्रम की सभी गतिविधियां रियल टाईम में दिखाई दे सके.
दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए महेश सबनीस ने बताया कि, पीएम मोदी की इस सभा में एलईडी स्क्रीन लगाते हुए सभा के आयोजन का सीधा प्रसारण प्रसारित करना उनके लिए बेहद चुनौतिपूर्ण कार्य रहा, क्योंकि यह उनके द्वारा अब तक किये गये सभी कामों तुलना में सबसे बडा काम था. सबनीस के मुताबिक पीएम मोदी की सभा के लिए 150 बाय 1400 चौरस फीट का विशालकाय सेंटर डोम बनाया गया था. साथ ही इस सेंटर डोम के दाहिनी व बायी ओर 100 बाय 1400 चौरस फीट के 3-3 डोम बनाये गये थे. इस तरह से पूरे पंडाल का क्षेत्रफल 750 बाय 1400 चौरस फीट रहा. यह अपने आप में इतना बडा पंडाल था. इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि, विगत दिनों अमरावती के हनुमान गढी में पं. प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण कथा हेतु साकार किये गये डोम की तुलना में यह डोम 10 गुना अधिक बडा था.
इस अतिविशाल डोम में अपने द्वारा किये गये काम की जानकारी देते हुए महेश सबनीस ने दैनिक अमरावती मंडल को बताया कि, उन्होंने सेंटर डोम में मुख्य मंच पर 60 बाय 18 की विशालकाय एलईडी स्क्रीन का बैकड्रॉप लगाया. जिसके जरिए मुख्य पंडाल में अंतिम छोर पर बैठा व्यक्ति भी मंच पर चल रही गतिविधियों को आसानी से देख सकता था. इसके साथ ही इस विशालकाय पंडाल के भीतर 10 बाय 12 की 75 एलईडी स्क्रीन लगाई गई और मुख्य पंडाल के दोनों ओर स्थित 3-3 डोम में 12 बाय 22 की 6-6 स्क्रीन लगाई गई. सबनीस के मुताबिक अब तक तमाम बडे आयोजनों में एलईडी स्क्रीन के साथ-साथ कैमरे भी उनके अपने ही हुआ करते थे. लेकिन पीएम मोदी की सभा में केवल दुरदर्शन के ही कैमरे प्रयुक्त करने की अनुमति दी गई थी. जिसके चलते उन्हें दुरदर्शन के कैमरों से फिडिंग मिली, जिसका उन्होंने अपनी एलईडी स्क्रीन पर सीधा प्रसारण किया. पीएम मोदी की इस विशालकाय जनसभा के साथ जुडकर काम करने के अपने जीवन का सबसे शानदार अनुभव बताते हुए महेश सबनीस ने अमरावती मंडल को बताया कि, उन्होंने अपने जीवन में कभी भी किसी एक स्थान पर इतने सारे लोगों की भीड नहीं देखी है. लेकिन इतनी भारी भरकम भीड के बावजूद सबकुछ बेहद अनुशासित तरीके से चल रहा था. आयोजन स्थल पर तमाम व्यवस्थाओं को सुचारु बनाये रखने हेतु प्रशासन के साथ-साथ भाजपा के स्थानीय पदाधिकारी भी अथक परिश्रम कर रहे थे.

* 168 लोगों की टीम लगी रही 4 दिन काम पर
महेश सबनीस ने इस आयोजन को लेकर अपने द्वारा की गई तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए दैनिक अमरावती मंडल को बताया कि, वे अपने तमाम साजो सामान के साथ 4 दिन पहले ही भारी गांव स्थित आयोजनस्थल पर पहुंच गये थे. उनके साथ अमरावती के 105 व बाहर के 55 ऐसे 160 लोगों की टीम है, जिनमें टेक्नीकल लोगों के साथ-साथ वायरमैन व लेबर जैसे लोगों का समावेश है. इसके अलावा पूरी टीम व साजोसामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने-ले जाने हेतु 8 ड्राइवर अपने वाहनों के साथ मुस्तैद है. इन सभी 168 लोगों की टीम पिछले 4 दिनों से लगातार भारी गांव स्थित सभास्थल पर दिन-रात काम करती रही. जिसके बाद बीती शाम ही आयोजन स्थल पर लगाये गये सभी 94 छोटे-बडे एलईडी स्क्रीन का सफलतापूर्वक टेस्टिंग किया गया. जिसे देखकर आयोजन की तैयारी के साथ जुडे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भी समाधान जताया.

* अब तक कई उल्लेखनीय आयोजनों का रह चुके हिस्सा
महेश सबनीस ने दैनिक अमरावती मंडल के साथ बातचीत में यह भी कहा कि, करीब 20-25 वर्ष पहले उन्होंने अपने परंपरागत व्यवसाय से हटकर कुछ नये करने की सोची थी. उस समय एलईडी स्क्रीन तो नहीं थे, बल्कि प्रोजेक्टर हुआ करते थे और टेक्नॉलॉजी धीरे-धीरे बडी तेजी के साथ बदल रही है. ऐसे में उन्होंने इस अलग तरह के व्यवसाय में उतरने की सोची और जब तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभाताई पाटिल का हनुमान आखाडे में भव्य नागरी सत्कार हुआ था, तब उन्होंने वहां पर 25 प्रोजेक्टर लगाते हुए अपने वीडियो कैमरों के जरिए आयोजन की वीडियो की शूटींग करने के साथ-साथ सीधा प्रसारण भी किया था. इसके उपरान्त वर्ष 2015 के दौरान नागपुर सुधार प्रन्यास की 125 वीं वर्षगांठ के अवसर पर नागपुर में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की मौजूदगी के बीच आयोजित कार्यक्रम में भी आयोजन के सीधे प्रसारण हेतु उन्होंने विशालकाय स्क्रीन लगाये थे. साथ ही अमरावती के शिवाजी बीपीएड कॉलेज के प्रांगण पर मिहान के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भी उनके ही एलईडी स्क्रीन लगे थे. साथ ही ख्यातनाम वक्ता शिव खेडा के सायंस्कोर मैदान एवं हव्याप्रमं के प्रांगण पर आयोजित दोनों कार्यक्रमों में भी सीधे प्रसारण की जिम्मेदारी उन पर ही थी. इसके अलावा बीते दिनों अमरावती में हुई शिवमहापुराण कथा में भी उन्होंने ने ही दर्जनों एलईडी स्क्रीन लगाकर सीधे प्रसारण की जिम्मेदारी उठाई थी. शिवमहापुराण कथा के सीधे प्रसारण को सर्वाधिक चैलेंजिंग बताते हुए महेश सबनीस ने दैनिक अमरावती मंडल को बताया कि, शिवमहापुराण कथा हेतु हनुमान गढी में बनाये गये विशालकाय पंडाल के भीतर और बाहर एलईडी स्क्रीन लगाने के साथ-साथ हनुमान गढी से दस्तुर नगर चौक तक जगह-जगह पर एलईडी स्क्रीन लगाये गये थे. यह दूरी करीब ढाई से तीन किमी की है और इतनी लंबी दूरी के बीच एलईडी स्क्रीन लगाने के साथ ही पूरा नेटवर्क स्थापित करना और इतनी भीडभाड के बीच उनकी सुरक्षा तय करना भी काफी चुनौतीपूर्ण कार्य रहा. वहीं उस आयोजन के बाद अब उन्हें पीएम मोदी की विशालकाय जनसभा में आयोजन के सीधे प्रसारण हेतु दर्जनों एलईडी स्क्रीन लगाने की जिम्मेदारी मिली. यह उनके लिए चुनौतिपूर्ण काम रहने के साथ-साथ बेहद उपलब्धि वाला पल रहा.

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