माहुली जहांगीर की सरपंच प्रीती बुंदीले अपात्र
सुधीर बिजवे ने की थी शिकायत, विभागीय आयुक्त ने दिए आदेश
अमरावती/दि. 20– ठेकेदार से रिश्वत लेने का आरोप रहे माहुली जहांगीर की महिला सरपंच प्रीती मनोज बुंदीले को सरपंच तथा सदस्य पद से अपात्र घोषित किया गया है. माहुली जहागीर के पूर्व सरपंच व भाजपा कार्यकर्ता सुधीर बिजवे द्वारा इस बाबत दाखिल की गई शिकायत पर हाल ही में विभागीय आयुक्त ने यह फैसला सुनाया. प्रीती बुंदीले पर लज्जास्पद व्यवहार किए जाने का कारण बताते हुए उन्हें अपात्र करने का निर्णय लिया गया.
15 वें वित्त आयोग योजना के तहत माहुली जहांगीर में जलापूर्ति व गंदे पानी व्यवस्थापन के ठेकेदार रामबाबू गणेशराव मोंढे द्वारा काम पूर्ण किए जाने के बाद इस काम के कमीशन के रुप में सरपंच के पति मनोज बुंदीले ने ठेकेदार मोंढे से 5 हजार रुपए मांगे थे. इस कारण मोंढे ने 26 सितंबर 2023 को मनोज बुंदीले को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए एसीबी विभाग जरिए रंगेहाथ पकडवाया था. सरपंच प्रीती बुंदीले फरार थी. अदालत ने उसे नियम व शर्त के आधार पर अग्रिम जमानत दी थी. लेकिन उसके बाद भी इस पद पर कायम रहने से ग्राम पंचायत अधिनियम 1959 की धारा 39(1) के मुताबिक सुधीर बिजवे ने विभागीय आयुक्त के पास प्रकरण दाखिल किया था. 7 अगस्त 2024 को विभागीय आयुक्त ने इस प्रकरण में अंतिम सुनवाई करते हुए आवेदक सुधीर बिजवे द्वारा दायर किए गए प्रकरण पर सरपंच प्रीती बुंदीले को सरपंच और सदस्य पद से अपात्र किए जाने का निर्णय लेकर सुधीर बिजवे के प्रकरण का निपटारा किया. प्रीती बुंदीले के नाम से उसके पति मनोज बुंदीले ने रिश्वत ली थी. कमीशन के लिए इस दंपति ने पद का दुरुपयोग कर ग्राम पंचायत में भारी भ्रष्टाचार किया, ऐसे अनेक आरोप उन पर हो रहे है.
* न्याय मिला
सरपंच प्रीती बुंदीले भ्रष्ट और रिश्वतखोर रहने की बात सिद्ध होने के बाद भी वह सरपंच पद संभाल रही थी. यह उस पद का अवमान करने जैसा था. इस कारण मैने इस प्रकरण में विभागीय आयुक्त के पास प्रकरण दाखिल किया था. विभागीय आयुक्त ने निष्पक्ष जांच कर प्रीती बुंदीले को अपात्र घोषित किया और सही मायने में इस प्रकरण में मुझे न्याय मिला.
– सुधीर बिजवे, पूर्व सरपंच व भाजपा कार्यकर्ता, माहुली जहांगीर.