अमरावतीमहाराष्ट्र

शिकायतकर्ता को समय रहते न्याय दिलाने का हर संभव प्रयास करें

अनुसूचित जाति- जनजाति आयोग के अध्यक्ष आनंदराव अडसूल के निर्देश

* विविध 9 मामलों की सुनवाई
अमरावती/ दि. 4-राज्य अनुसूचित जाति – जनजाति आयोग के समक्ष आनेवाली हर शिकायत महत्वपूर्ण है. उन शिकायतों का निर्धारित समय में निराकरण होना चाहिए. साथ ही शिकायतकर्ता को समय रहते न्याय देने का प्रयास सरकारी यंत्रणा द्बारा किया जाना चाहिए, ऐसे निर्देश राज्य अनुसूचित जाति- जनजाति आयोग के अध्यक्ष आनंदराव अडसूल ने दिए.
स्थानीय सरकारी विश्रामगृह में सोमवार को राज्य अनुसूचित जाति- जनजाति आयोग के अध्यक्ष आनंदराव अडसूल की अध्यक्षता में सुनवाई हुई. जिसमें कुल 9 मामलोेें का निपटारा किया गया. इस अवसर पर वे बोल रहे थे. सुनवाई के दौरान समाज कल्याण प्रादेशिक उपायुक्त सुनील वारे, जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेंद्र जाधवर के साथ संबंधित विभाग के अधिकारी व शिकायतकर्ता उपस्थित थे. अध्यक्ष आनंदराव अडसूल ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति की मांगों पर विचार करते हुए हम समाज की वर्तमान सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक स्थिति का अध्ययन कर सकते हैं. जिसके आधार पर शासन स्तर पर विविध उपाययोजना करना संभव होता है. इसके लिए राज्य अनुसूचित जाति- जनजाति आयेाग गठित किया गया है. अनुसूचित जाति- जनजाति समाज पर किसी प्रकार अन्याय न हो, इसके लिए सरकारी यंत्रणाओं को सक्षमता से कार्य करना आवश्यक है. जब कोई शिकायतकर्ता अपनी शिकायत लेकर आता है, तो उसे समझने का प्रयास कर मामले पर सकारात्मक हल निकालने की कोशिश करें. न्यायप्रविष्ठ शिकायतों पर अदालत के आदेशानुसार अवलोकन कर कार्रवाई करने की सूचनाएं भी उन्होंने दी. आयोग द्बारा ली गई सुनवाई में संभाग की 9 शिकायतों का निराकरण किया गया. साथ ही इसमें शिकायतकर्ता के साथ प्रशासन को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया. पश्चात संबंधित विभाग को इन मामलों में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए. सेवा विषयक मामलों में शासन आदेश का अध्ययन कर शिकायतकर्ता को न्याय दिलाने का प्रयास किया जाए, यह सूचनाएं दी गई. साथ ही सकारात्मक दृष्टि से इन मामलों पर विचार करने कहा गया. मामलों का तत्काल निपटारा करने अनुसूचित जाति- जनजाति प्रवर्ग अधिकारी- कर्मचारियों की मांगे व समस्याओं पर हर तीन माह में जायजा बैठक लेने की मांग गौतम गायकवाड ने रखी थी. जिस पर सकारात्मक फैसला लेने का आश्वासन अध्यक्ष अडसूल ने दिए.
बता दें कि अनुसूचित जाति- जनजाति के लिए संविधान व राज्य सरकार द्बारा उपलब्ध सहूलियत व अधिकारों पर अध्ययन करना, शासन को उपाय योजना के लिए प्रेरित करना, प्राप्त शिकायतों की जांच करना, समाज के सामाजिक, आर्थिक विकास हेतु विविध योजना प्रक्रिया में सहभागी होकर शासन को उचित सलाह देना, मूल्यांकन करना, अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार प्रतिबंधक कानून 1989 व नागरी हक्क संरक्षण कानून 1955 के अनुसार दर्ज मामलों की जांच करना, पीडित को न्याय दिलाकर उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान, करना, अनुसूचित जाति/ जनजाति कर्मचारियों के सेवाविषयक शिकायतों को स्वीकारते हुए उनकी जांच करना, अनुसूचित जाति/ जनजाति संबंधी नीतियों का जायजा लेना, शासन द्बारा कल्याणकारी योजना शुरू करने संबंधी सलाह देना, अनुसूचित जाति/ जनजाति के कल्याण, आरक्षण, संरक्षण, विकास संबंधी अन्य विषयों पर शासन से चर्चा कर फैसला लेना इन विषयों पर अनुसूचित जाति- जनजाति आयोग द्बारा कार्य किया जाता है. इसके अलावा अनुसूचित जाति- जनजाति में विविध जातियों का समावेश करना अथवा जातियोें के नाम हटाने के संदर्भ में सिफारिश करना जैसे कार्य भी आयेाग करता है.

Back to top button