* आपदा प्रबंधन पर ली समीक्षा बैठक
अमरावती/ दि.13 – आपदा प्रबंधन में आपसी समन्वय रखते हुए एक दूसरे के संपर्क में रहे, इसके लिए अपटूडेट टेक्नॉलॉजी टूल्स का उपयोग करने के साथ ही आपदा प्रबंधन यंत्रणा को अपडेट रखने के निर्देश महिला व बालविकास विभाग की प्रधान सचिव तथा जिले की पालक सचिव आईए कुंदन ने दिये. पालक सचिव की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन तथा मानसुन उपाय योजना समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी. इस समय उन्होंने मार्गदर्शन किया.
आयोजित समीक्षा बैठक में प्रभारी विभागीय आयुक्त तथा जिलाधिकारी पवनीत कौर, जिप मुख्य कार्यपालन अधिकारी अविश्यांत पांडा, पुलिस अधिक्षक अविनाश बारगल, निगमायुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर, प्रभारी निवासी उप जिलाधिकारी नितीन व्यवहारे, जिला कृषि अधिक्षक अनिल खर्चान, अपर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रेवती साबले समेत विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित थे. जिले की पालक सचिव ने मेलघाट क्षेत्र के पाचडोंगरी और कोयलारी में दुषित पानी के मामले में किये गए उपायों की समीक्षा ली. सरकार ने मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल के अंतर्गत सहायता राशि उपलब्ध कराने का भी प्रयास करने के निर्देश दिये. जो लोगों पर इलाज जारी है, वे मरीजों को सभी जरुरी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है. साथ ही स्वास्थ्य और स्थानीय निकायों के संपर्क में बने रहने के निर्देश दिये.
आपदा प्रबंधन के नियोजन में गति और सटीकता महत्वपूर्ण है. अगर कुछ गलत होता है तो यह और भी समस्या निर्माण कर सकता है, इसके लिए सावधानी पूर्वक योजना और सामुहिक काम की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सिस्टम अपटूडेट होना चाहिए, नई तकनीक को प्रयोग में लाना चाहिए, जिला नियंत्रण कक्ष से लगातार संपर्क बनाए रखे, आपदा नियोजन में सहायता के लिए नियंत्रण कक्ष में एक स्क्रीन डिस्प्ले ओना चाहिए. आपदा प्रबंधन कक्ष के लिए जरुरी उपकरण खरीदते समय दिर्घकालिन योजना बनाने की सलाह दी. राहत कार्य में गति लायी जाए ताकि कोई भी प्रभावित व्यक्ति सहायता से वंचित न रह जाए, इसके लिए जरुरी उपकरण तैयार रखे. मेलघाट में स्वास्थ्य अधिकारियों की संख्या कम होने की वजह से हो रही परेशानियों को देखते हुए ठेका पध्दति से नियुक्त करने की चर्चा भी हुई. बारिश के मौसम में संक्रमण बीमारियां तेजी से फैलती है. इस वजह से आंगनवाडी सेवकों के साथ-साथ आशा वर्कर के माध्यम से ग्रामपंचायत सदस्य भी ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील करे. इसके लिए उन्हें हर हफ्ते एक बैठक लेना चाहिए. ग्रामसेवक, सरपंच और चिकित्सा प्रणाली को निजी तौर पर ध्यान देना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो कि ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों के साथ गलत व्यवहार नहीं हो रहा है.
पालक सचिव ने बारिश में बढने वाली संक्रमण बीमारियों से निपटने के लिए सभी तैयारियां करने के निर्देश दिये है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों उपकेंद्रों, ग्रामीण अस्पतालों में दवाओं का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि रोजाना कोरोना मरीजों की संख्या बढती जा रही है. इसलिए उन्होंने कोरोना प्रिवेंटीव ड्रायड के बारे में जागरुकता बढाने और टीकाकरण में तेजी लाने के साथ ही खरीफ फसलों, पशुधन व बारिश से हुए नुकसान आदि विषयों पर भी समीक्षा ली.