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अमरावती को भविष्य की जरुरतों के लिहाज से परिपूर्ण बनाना मेरी पहली प्राथमिकता

विधायक सुलभा खोडके ने स्पष्ट किया शहर के विकास का विजन

* वर्ष 2055 की जरुरत को ध्यान में रखकर जलापूर्ति होगी चुस्त दुरुस्त
* 865 करोड रुपए खर्च कर सिंभोरा से अमरावती तक डाली जाएगी नई समांतर पाइप लाइन
* पूरे प्रेशर के साथ अमरावती मनपा क्षेत्र को होगी नियमित जलापूर्ति
* अगले 50 वर्ष की जरुरत के लिहाज से मध्यवर्ती बस स्थानक का होगा विकास
* 25 प्लेटफार्म वाले सर्वसुविधायुक्त बस स्थानक का होगा निर्माण
* शहर में मनपा का वृद्धिंगत संपत्तिकर भी जल्द होगा रद्द, स्थगिति मिली है
* अमरावती मंडल के साथ विधायक सुलभा खोडके की विशेष बातचीत
भाग-1
अमरावती/दि.18 – अमरावती शहर में इस समय मौजूद रहने वाली समस्याओं को हल करने के साथ-साथ शहर के लगातार हो रहे विस्तार को ध्यान में रखते हुए आगामी 20-30 वर्षों के दौरान शहर की संभावित जरुरतों को भी ध्यान में रखा जाना बेहद जरुरी है और उन संभावित जरुरतों को ध्यान में रखते हुए ही अभी से शहर में मूलभूत सुविधाओं के विकास का खाका तैयार करना जरुरी है. इसी दृष्टिकोण के तहत मैं अमरावती शहर के विकास का प्रारुप तैयार कर रही हूं और उन तमाम योजनाओं पर मैंने अभी से काम करना भी शुरु कर दिया है. जिसके तहत जहां एक ओर वर्ष 2055 की संभावित जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए उस समय की जरुरतों के लिहाज से जलापूर्ति की व्यवस्था को चूस्त दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. जिसके चलते आगामी एक-दो वर्ष के भीतर अमरावती शहर में नियमित व नियमित व पर्याप्त जलापूर्ति करना संभव हो जाएगा. इसके साथ ही अमरावती शहर के बीचोंबीच स्थित राज्य परिवहन निगम के मध्यवर्ती बस स्थानक को भी मौजूदा समय सहित भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए नये व विस्तारित स्वरुप में बनाया जाएगा. इन दोनों कामों के लिए सरकार से आवश्यक निधि को मान्यता मिल सकती है और कुछ जरुरी प्रक्रिया को पूरा किये जाते ही इन दोनों कामों की शुरुआत कर दी जाएगी. इसके साथ ही विगत एक डेढ वर्ष से अमरावती मनपा क्षेत्र के नागरिक संपत्ति कर की वृद्धिंगत दरों के चलते काफी परेशान है. जिसे ध्यान में रखते हुए मैंने राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजीतदादा पवार का सहयोग प्राप्त करते हुए संपत्तिकर की बढी हुई दरों पर स्थगिति हासिल की है और जल्द ही निश्चित तौर पर संपत्तिकर की दरों में की गई वृद्धि को राज्य सरकार द्वारा खारिज कर दिया जाएगा. इस आशय की जानकारी स्थानीय विधायक सुलभा खोडके द्वारा दी गई है.
गत रोज अपने जन्म दिवस के अवसर पर दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए विधायक सुलभा खोडके ने अमरावती शहर के विकास को लेकर अपनी संकल्पना स्पष्ट की और कहा कि, मौजूदा दौर यानि वर्तमान की समस्याओं को हल करने के साथ-साथ अगले 25-30 वर्षों के दौरान पैदा होने वाली जरुरतों के लिए भी अभी से व्यवस्था करना प्रत्येक जनप्रतिनिधि का कर्तव्य होता है. ऐसा उनका स्पष्ट मानना है. अपनी इसी सोच के तहत उन्होंने अमरावती से विधायक निर्वाचित होते ही पहली प्राथमिकता के साथ अमरावती शहर में नियमित व पर्याप्त जलापूर्ति की सुविधा उपलब्ध कराने की ओर ध्यान देना शुरु किया था. साथ ही शहर के बीचोबीच विगत करीब 4 दशक पहले निर्मित और अब काफी हद तक खस्ताहाल में पहुंच चुकी मध्यवर्ती बस स्थानक का भी कायाकल्प करने की सोची थी. इसी सोच के तहत उन्होंने सिंभोरा स्थित अपर वर्धा बांध से अमरावती के तपोवन परिसर स्थित जल शुद्धिकरण केंद्र तक लोहे की नई पाइप लाइन डालने का प्रस्ताव केंद्र सरकार की अमृत-2.0 योजना के तहत तैयार करवाने के साथ ही उसे मंजूरी दिलवायी है. साथ ही अमरावती शहर के मध्यवर्ती बस स्थानक को नये सिरे से बनवाते हुए 25 प्लेटफार्म वाला नया और सर्वसुविधायुक्त मध्यवर्ती बस स्थानक बनाने के काम को भी उन्होंने डेप्यूटी सीएम व वित्तमंत्री अजीतदादा पवार का सहयोग प्राप्त करते हुए मंजूरी दिलवायी है. इन दोनों कामों के लिए आवश्यक निधि को मंजूरी व मान्यता प्राप्त हो चुकी है. ऐसे में अब जल्द ही दोनों कामों की निविदा प्रक्रिया को पूरा करते हुए इन दोनों कामों को शुरु किया जाएगा. इस बातचीत में विधायक सुलभा खोडके ने विशेष रुप से इस बात पर जोर दिया कि, स्थानीय मनपा के एक तत्कालीन आयुक्त द्वारा मनमाने तरीके से लिये गये संपत्ति कर वृद्धि को फैसले को लेकर अमरावती शहर के आम नागरिक काफी हद तक परेशान हो चुके है. ऐसे में नागरिकों को हो रही परेशानी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने तमाम आवश्यक प्रयास करते हुए राज्य सरकार से इस फैसले पर स्थगिति हासिल की है और संपत्ति कर वृद्धि का निर्णय जल्द ही पूरी तरह से खारिज यानि रद्द भी हो जाएगा. साथ ही विधायक सुलभा खोडके ने यह भी कहा कि, जिन लोगों ने अब तक वृद्धिंगत दरों से अपना संपत्ति कर अदा किया है, उनके द्वारा भरी गई अतिरिक्त राशि को अगले वर्ष उनके संपत्ति कर के देयक में समायोजित कर लिया जाएगा.

* 865 करोड रुपयों की लागत से बिछाई जाएगी नई पाइप लाइन
अमरावती शहर में नियमित व पर्याप्त जलापूर्ति की व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु अपनी प्रतिबद्धता जाहीर करते हुए विधायक सुलभा खोडके ने बताया कि, वर्ष 2019 में उनके विधायक निर्वाचित होते ही अमरावती व बडनेरा शहर के विभिन्न इलाकों से उनके पास अनियमित व अपर्याप्त जलापूर्ति होने की शिकायतें मिलनी शुरु हो गई थी. ऐसे में उन्होंने पहली प्राथमिक के साथ जीवन प्राधिकरण के स्थानीय अधिकारियों के संघ बैठक की और समस्या का समाधान ढुंढने पर विचार विमर्श करना शुरु किया. इस समय पता चला कि, सिंभोरा से अमरावती तक पानी पहुंचाने वाली मुख्य जलवाहिनी हेतु सिंभोरा से नेर पिंगलाई तक लोहे की और नेरपिंगलाई से अमरावती तक सिमेंट की पाइप लाइन डाली गई है. इसका जीवनमान वर्ष 2020-21 में ही खत्म हो रहा है. साथ ही नेरपिंगलाई से अमरावती तक डाली गई सिमेंट की पाइप लाइन काफी पहले ही कमजोर व जर्जर हो चुकी है. जिसमें पूरे प्रेशर के साथ सिंभोरा बांध के पंप से पानी छोडे जाने के बाद पाइप लाइन में अक्सर ही लीकेज हो जाता है. जिसके चलते अमृत-1 योजनांतर्गत इस सिमेंट पाइप लाइन को बदलने की योजना बनाते हुए करीब 300 से 400 करोड रुपए का प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजने पर विमर्श किया गया. जबकि हकीकत में सिंभोरा बांध से नेरपिंगलाई तक रहने वाली लोहे की पाइप लाइन को भी बदला जाना जरुरी था. परंतु एक साथ इतने बडे पैमाने पर निधि मिलने में होेने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए पहले चरण के तहत सिमेंट की पाइप लाइन को बदलने का ही विचार किया गया. जिसके लिए 7 जनवरी 2022 से लेकर मजीप्रा अधिकारियों के साथ बैठकों का सिलसिला शुरु हुआ. उसी दौरान केंद्र सरकार द्वारा अमृत-2 योजना के तहत अमरावती शहर को भी शामिल करने का निर्णय घोषित किया गया. जिसके चलते केंद्र सरकार से भी निधि मिलने की उम्मीद जागी और फिर सिंभोरा बांध से अमरावती तक पुरानी पाइप लाइन के बगल में लोहे की नई पाइप लाइन डालने का प्रस्ताव तैयार किया गया. जिसमें विशेष तौर पर इस बात का ख्याल रखा गया कि, नई पाइप लाइन का व्यास पुरानी पाइप लाइन की तुलना में थोडा अधिक हो, ताकि वर्ष 2055 तक साल दर साल बढने वाली जनसंख्या की जरुरत के लिहाज नियमित व पर्याप्त जलापूर्ति की जा सके. इसके तहत मजिप्रा के स्थानीय अधिकारियों सहित राज्य जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ उच्चाधिकार समिति के अधिकारियों के साथ लगातार चर्चा व बैठकों का दौर चलता रहा. इस दौरान अजीतदादा पवार का हर कदम पर साथ मिलता रहा. जिसके चलते उच्चाधिकार समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की तथा अपनी सिफारिश के साथ मंजूरी हेतु केंद्र सरकार के पास भेजा. चूंकि यह योजना नगर विकास विभाग द्वारा अमल में लायी जा रही है. ऐसे में खुद उन्होंने गत वर्ष 23 मार्च 2023 को विधान मंडल से बजट सत्र दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव उपस्थित करते हुए इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने में हो रही देरी का मुद्दा उपस्थित किया था और तब राज्य सरकार की ओर से मंत्री उदय सामंत ने एक माह के भीतर मंजूरी मिलने का आश्वासन देते हुए इस योजना पर अमल करने हेतु खुद राज्य सरकार की तैयारी भी दर्शायी थी. हालांकि आगे चलकर इस योजना की केंद्र सरकार से मंजूरी मिली और 5 जुलाई 2023 को राज्य उच्चाधिकार समिति ने इस योजना के लिए 958.49 करोड रुपए की लागत तय करते हुए इस प्रस्ताव को तांत्रिक समिति के पास भेजा. जलापूर्ति मंत्री के अध्यक्षता वाली इस तांत्रिक समिति ने इस कार्य हेतु 865.26 करोड रुपए की लागत को मान्यता दी. जिसके उपरान्त अभी हाल ही में 3 सितंबर 2024 को नगरविकास विभाग की उच्चाधिकार समिति ने इस योजना को मंजूरी देते हुए निविदा प्रक्रिया शुरु करने हेतु कहा है. ऐसे में अब जल्द ही निविदा प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए सिंभोरा बांध से अमरावती तक लोहे की नई पाइप लाइन डालने का काम शुरु कर दिया जाएगा. जिसके पूरा होते ही अमरावती शहर में पहले की तरह नियमित व पर्याप्त जलापूर्ति होनी शुरु हो जाएगी. साथ ही इस नई पाइप लाइन के जरिए इस नई पाइपलाइन के चलते वर्ष 2055 तक जलापूर्ति को लेकर कोई समस्या पैदा नहीं होगी.

* मनपा पर नहीं पडेगा एक रुपए का भी बोझ
इस बातचीत के दौरान जलापूर्ति के मुद्दें पर ही अपना मुख्य फोकस रखते हुए विधायक सुलभा खोडके ने कहा कि, इस योजना हेतु मंजूर की गई 865.26 करोड रुपयों की निधि में से 36.33 फीसद निधि केंद्र सरकार तथा 36.67 फीसद निधि राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी. वहीं शेष 30 फीसद निधि के खर्च का वहन जीवन प्राधिकरण द्वारा उठाया जाएगा. जिसका सीधा मतलब है कि, अमरावती महानगरपालिका को इस योजना के लिए एक रुपया भी खर्च नहीं करना होगा. जिसके चलते अमरावती मनपा पर इस योजना की वजह से कोई आर्थिक बोझ नहीं पडेगा. बल्कि अमृत-2.0 योजना के पूरा हो जाने पर अमरावती मनपा को एक तरह से जलापूर्ति के मामले में सुविधा ही होगी. ऐसे में कुछ लोगों द्वारा इस योजना के चलते अमरावती मनपा पर आर्थिक बोझ पडने को लेकर मचाये जा रहे होहल्ले का कोई औचित्य नहीं है, ऐसा भी विधायक सुलभा खोडके का कहना रहा.
क्रमश: (एसटी डिपो के कायाकल्प व संपत्ति कर वृद्धि को स्थगिति से संबंधित बातचीत अगले अंक में)

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