अमरावती/दि.3– गर्मी के मौसम दौरान सालभर के लिए विविध खाद्यपदार्थों को तैयार करने और उन्हें संग्रहित करने का काम किया जाता है, ताकि इन खाद्यपदार्थों का पूरे सालभर आनंद लिया जा सके. जिसके चलते गर्मी के मौसम दौरान विभिन्न तरह के पापड, अचार, मसाले व कुरौडी आदि बनाने का काम चलता है. विशेष तौर पर गर्मी के मौसम दौरान कैरी व नीबू सहित विभिन्न तरह के अचार बनाये जाते है, ताकि इन अचारों को चटखारा देते हुए भोजन को स्वादिष्ट बनाया जा सके, लेकिन इस समय साग-सब्जियों सहित खाद्य तेलों व किराणा साहित्य तथा मसालों के दाम बढे हुए है. ऐसे में घर पर अचार बनाना भी काफी हद तक महंगा हो गया है और चटखारेवाले स्वाद पर भी महंगाई का साया देखा जा रहा है.
* तेल हुआ महंगा
रूस व युक्रेन के बीच विगत कुछ माह से चल रहे युध्द का परिणाम अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर भी पडा है और इस युध्द की वजह से कई वस्तुओं के दाम बढ गये है. जिनमें खाद्यतेलों का भी समावेश है. चूंकि अचार बनाने में खाद्यतेलों का ही प्रमुख रूप से प्रयोग होता है. ऐसे में अचार को बनाने में लगनेवाली लागत बढ गई है.
* कैरी है 70 रूपये किलो
इस समय बाजार में अचारी कैरी 70 से 80 रूपये प्रति किलो के आसपास है. जैसे ही बारिश का मौसम शुरू होगा, वैसे ही अचारी कैरी के दाम और भी अधिक बढ जायेंगे. यानी अचार बनाने हेतु प्रयुक्त होनेवाले मुख्य घटक कैरी के भी दाम बढ जाने से अचार बनाना और भी अधिक महंगा हो जायेगा.
* मसालों के दाम भी बढे (रू. प्रति किलो)
साहित्य गत वर्ष के दाम इस वर्ष के दाम
मिरची 220 250
सरसो 100 120
हल्दी 240 260
लौंग 1000 1200
काली मिर्च 600 800
* कैरी फोडने की दरें भी बढी
बाजार में अचार के लिए कैरी फोडकर देनेवाले भी काम करते है, जो एक किलो कैरी फोडने के लिए 15 से 20 रूपये का मेहनताना लेते है. किंतु इन दिनों कैरी सहित तेल व मसाले के दाम बढे रहने की वजह से लोेगबाग अचार डालने की मानसिकता में नहीं दिख रहे है. ऐसे में कैरी बेचनेवालों और कैरी फोडनेवालों को ग्राहकों का इंतजार करना पड रहा है.