अमरावतीमहाराष्ट्र

मकतब की तालिम बच्चों के लिए जरुरी

मुफ्ति फिरोज खान कासमी का बयान

सातवां सालाना अजीमोशान जलसा
अमरावती/दि.12– स्थानीय रहमत नगर 80फीट रोड स्थित मस्जिद इनआमिया में पिछले कई वर्षो से मकतब तालिमुल कुरआन की ओर से अजिमोशान जलसे का आयोजन किया जा रहा है. इस वर्ष सातवां सालाना अजिमोशान जलसे का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य प्रवक्ता के रुप में मुफ्ति फिरोज खान कासमी ने अपने बयान में कहा कि मकतब की तालिम बच्चों के लिए बेहद जरुरी है. मस्जिदों में चलने वाले मकातिबे मदरसे के कारण बच्चे दिनी तालिम में दिलचस्पी दिखाते है. साथ ही इस तरह के आयोजन से उनका हौसला बढता है. इस समय कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना इरफान हुसैनी ने की. मुख्य प्रवक्ता के रुप में मुफ्ति फिरोज खान कासमी, मुख्य मार्गदर्शक के रुप में मौलाना मुस्ताक अशरफी, हाफीज कमरोद्दीन, हाफीज अहमद इशआती, मौलाना रहमत नदवी, मुफ्ति नदीम, कारी नाजीम, मौलाना फैसल उपस्थित थे. हजरत मुफ्ति फिरोज खान ने आगे कहा कि रहमत नगर स्थित इनआमिया मस्जिद में चलने वाले मकतब तालिमुल कुरआन अच्छी शिक्षा के साथ साथ बच्चों की संख्या बढाने के लिए अच्छे उपक्रम कर रही है. जिसके कारण इस मदरसे में काफी बच्चे पढने के लिए आ रहे है. कार्यक्रम का संचालन इनआमिया मस्जिद के इमाम व खतिब हजरत मौलाना मुफ्ति रिजवान खान इशाती ने किया. कार्यक्रम में मकतब तालिमुल कुरआन के हाफिज मिर्जा अदीब बेग, हाफिज मोईन खान, हाफिज कासिम, मस्जिद ट्रस्ट के अध्यक्ष पत्रकार सईद खान हमीद खान, उपाध्यक्ष सैयद नियामत अली, सचिव अब्दुल जमील, सहसचिव शेख नूर, कोषाध्यक्ष शेख अन्सार, सदस्य मिर्जा शहजाद बेग, इमरान खा पठान, साहेब खान, मुस्ताक खान, शेख नसीम, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद जाकीर, वसीम खान, शेख जावेद, अब्दुल शहजाद, अबुजर व परिसर के नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे.

32 बच्चों ने किया कुरआन मुकम्मिल
इस साल मदरसा मकतब तालिमुल कुरआन में पढने वाले 32 बच्चों ने कुरआन नाजेरा मुकम्मिल किया. इस समय सभी बच्चों को मस्जिद ट्रस्ट तथा परिसरवासियों की ओर से तोहफे दिए गए. जिनमें पुरे साल मकतब में हाजिर रहने वाले 43 बच्चों को साईकिलें व स्टील का डीनर सेट दिया गया. इसी तरह मकतब में पढने वाले कुल 330 बच्चों को अलग अलग इनाम दिए गए. जिनमें बडी ट्राली बैग, छोटी ट्राली बैग, बाथरुम सेट, फायबर डिनर सेट, पानी की कैन, पानी की बोतलें, कटोरी सेट, प्लेट सेट आदि दिए गए. जिसे पाकर बच्चों के चेहरो पर खुशी झलक रही थी.

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