अमरावती

माली समाज ऋणानुबंध की ग्रीन बुक में नोंद हो

लॉकडाउन काल में ऋणानुबंध के माध्यम से 400 से अधिक शादियां तय

अमरावती/दि.4 – स्थानीय सर्वशाखीय माली संघ की ओर से सावता सभागृह में ज्ञानज्योती सावित्रीबाई फुले जयंती अवसर पर 23वे रौप्य महोत्सवी सर्वशाखीय माली समाज उपवर युवक-युवती परिचय सम्मेलन आयोजित किया गया था. इसी अवसर पर ऋणानुबंध का लोकार्पण व महात्मा फुल समाज भुषण पुरस्कार वितरण समारंभ लिया गया.
कार्यक्रम में सर्वप्रथम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व ज्ञानज्योती सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा का पूजन कर भावपूर्ण आदरांजली अर्पण की गई तथा म.फुले रचित अखंड का गायन किया गया. पश्चात कोरोना संक्रमण के कारण माली समाज के दिवंगतों को सामुहिक श्रद्धांजली अर्पित की गई. कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ.गणेश खारकर व कार्याध्यक्ष पद पर बबनराव पाटील व्यापपीठ पर विराजमान थे. संस्थापक संयोजक प्रा.श्रीकृष्ण बनसोड ने प्रमुख भाषण व्दारा भारत के सर्वाधिक नोंद हुए ऋणानुबंध का ग्रीन बुक में पंजीयन करने की मांग कर लॉकडाउन काल में ऋणानुबंध के माध्यम से 400 से अधिक शादियां तय हो गई है, ऐसा बताते हुए शाखा तोडो समाज जोडो के लिए सहकार्य करने का आह्वान किया.
इस अवसर पर म.फुले दाम्पति को भारतरत्न इस सर्वोच्च सम्मान उपाधी से सम्मानित करने, ओ.बी.सी.प्रवर्ग के सभी जाती की जातनिहाय जनगणना करने, किसान आंदोलन को समर्थन देकर किसान विरोध कानून रद्द करने, ओ.बी.सी.प्रवर्ग के आरक्षण में मराठा समाज का समावेश करने आदि ठराव पारित किये गए. प्रबोधनकार वैशाली ढाकुलकर ने संचालन तथा प्रदीप लांडे ने आभार माना. माली समाज ऋणानुबंध किताब का 2021 में 2600 के उपर पंजीयन हुआ है. साथ ही इस किताब का लोकार्पण भी किया गया.
इस वक्त कार्यक्रम के मंच पर अधिक्षक अभियंता प्रदीप खवले, आरटीओ राजेंद्र वाढोकर, पूर्व कार्यकारी अभियंता भरतराव खासबागे, पत्रकार श्रीरंग ढोक, ओमप्रकाश अंबाडकर, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अनिल कुरलकर, प्राचार्य सुरेश पाटील, राजेश सावरकर, पुलिस पटेल कविता पाचघरे, महिला जिलाध्यक्षा स्मिता घाटोल, प्रा.एन.आर.होले, उद्योजक नंदकिशोर वाठ, प्रा.गीता मडघे, डॉ.उज्वला मेहरे आदि उपस्थित थे. इस अवसर पर सेवाभावी संगठक अशोकराव भोगे, सुरेशराव टवलारे, गजानन चांदुरकर, दिलीप घोंगडे, रामकुमार खैरे, रविंद्र साबले, अरुण ढाकुलकर, अरुण गणोरकर, इंजि नरेंद्र खारकर, निलकंठ राउत, प्रशांत वासनकर, सुरेशराव खेरडे, गजानन करुले, ज्ञानेश्वर मालखेडे, ज्ञानेश्वर यावले, एड. भेरवी राजेंद्र टेकाडे आदि को पुष्पगुच्छ, शाल तथा पुरुषोत्तम वासनकर को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनको सम्मानित किया गया और जेष्ठ कवियत्री शारदा गणोरकर के ऋणानुबंध काव्यसंग्रह का विमानचन किया गया.
कार्यक्रम सफल करने के लिए प्रा.श्रीकृष्ण बनसाडे, डि.एस.यावतकर, प्रा.एन.आर.होले, प्रा.साहेबराव मिकर, वसंतराव भडके, गोविंद फसाटे, मधुकर आखरे, शिवचरण उमक, नंदा बनसाडे, नरेंद्र पाचघरे, इंजि.अतुल होले, प्रा.निलकंठ बोरोडे, शंकरराव आाचरकाटे, कल्पना होने, शुभांगी यावतकर, डॉ.वैशाली भोजने, राजश्री जटाले, प्रा.अलका श्रीकंख, सुनंदा आखरे, किर्ती मसकर, प्रभुदास खलोकार, गजानन आजनकर, अशोक आजनकर, मिथीला पंकज मोघे, बालासाहब पाचघरे, डॉ.वसंतराव गणोरकर, सुनिल डेहनकर, रमेश वाठोडकर, जयश्री कुबडे, जयंत गावडे, अरुणा लांडे, ऋषिकेश होले, खुश पाचघरे, हर्षद जावरकर आदि ने अथक प्रयास किये.

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