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कोयला व्यवसायी को मलकापुर के तेल कारखाना व्यवसायी ने लगाया 80.96 लाख का चुना

कारखाना संचालक और चार अन्य के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने किया मामला दर्ज

अमरावती/दि. 9 – कोतवाली थाना क्षेत्र के जुना कॉटन मार्केट रोड स्थित जाफरजीन कंपाऊंड में अग्रवाल कोल रिसोर्सेस नामक कार्यालय से कोयले का व्यवसाय करनेवाले निकेश अग्रवाल को बुलढाणा जिले के मलकापुर तहसील में आनेवाले कुंड बु. मे श्रीनिवास प्रोटिन्स प्रा.लि. नाम से शुद्ध तेल पोल्ट्री फिड उत्पादन करने का कारखाना चलानेवाले जालना के व्यवसायी और कारखाने को संभालनेवाले चार व्यापारियों ने 80 लाख 96 हजार 164 रुपए की धोखाधडी की. शिकायत के आधार पर पांचो व्यवसायियों के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने जालसाजी सहित विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरु की है.
जानकारी के मुताबिक शहर के जुना कॉटन मार्केट रोड स्थित जाफरजीन कंपाऊंड में धरमकाटा के पास मुकेश रामचंद्र अग्रवाल का अग्रवाल कोल रिसोर्सेस एलएलपी का कार्यालय है. मुकेश अग्रवाल और उसके भाई इस फर्म के नाम से कोयले का व्यवसाय करते है. वे वेस्टर्न कोल फिल्ड लिमीटेड व अन्य कंपनी के पंजीकृत व्यवसायी है. जालना के प्रशांत राजेंद्र वाघ की बुलढाणा जिले के मलकापुर तहसील में श्रीनिवास प्रोटिन्स प्रा.लि. कंपनी है और इस कंपनी के जालना निवासी शिवम शिंगारे, अनुज शिंगारे, परभणी निवासी प्रमोद जाधव और जुनेगांव निवासी प्रशांत वाघ निदेशक है. जो श्रीनिवास प्रोटिन्स प्रा.लि. का दैनंदिन व्यवसाय संभालते है. श्रीनिवास का शुद्ध तेल पोल्ट्री फिल्ड उत्पादन करने का कारखाना है. जिसके शिवम, अनुज, प्रमोद और प्रशांत प्रभारी है. कुंड बु. के इस कारखाने में लगनेवाले कोयले की खरीदी मुकेश अग्रवाल से करते थे. वर्ष 2022 से मोबाईल पर ऑर्डर देने के बाद अग्रवाल की तरफ से वणी, चंद्रपुर, नागपुर से माल भेजा जाता था. उनके द्वारा भेजे गए माल की रसीद भी उनके पास रहती थी. जुलाई 2022 से व्यवहार शुरु रहने के कारण अग्रवाल बंधुओ ने उनके नाम से खाता बना रखा है. जिसमें लेन-देन का पूरा हिसाब रहता था. तेल कारखाने के संचालक और कोयला व्यवसायी अग्रवाल बंधुओं द्वारा भेजे गए कोयले के माल का पेमेंट 10 दिन के बाद मिलने पर दो प्रतिशत ब्याज के साथ लेना निश्चित हुआ था. इसके मुताबिक ई-मेल आईडी से तेल कारखाना संचालक को हिसाब भेजा जाता था. 31 मार्च 2023 तक तेल कारखाना संचालक से ब्याज छोडकर 80 लाख 96 हजार 264 रुपए लेना बाकी था. अनेक बार उनसे संपर्क कर बकाया रकम देने की मांग की गई थी. इसके लिए ई-मेल भी किया गया था. लेकिन हर बार पांचो आरोपी झूठी बाते बताकर पैसे देने के लिए टालमटोल कर रहे थे. आखिरकार मुकेश अग्रवाल जनवरी 2024 में जालना पहुंचे और उन्होंने कारखाना संचालक से पैसो की मांग की. तब उनके अन्य साथियो ने फर्म के नाम से 80 लाख 96 हजार 264 रुपए का धनादेश एचडीएफसी बैंक शाखा के नाम से दिया. यह धनादेश बैंक में डालने पर वह बाऊंस हो गया. कारखाना संचालक ने यह धनादेश बैंक के बंद हुए खाते का दिया हुआ था. यह बात पता चलने पर अपने साथ जालसाजी होने का पता चलते ही कोतवाली थाने में मुकेश अग्रवाल की तरफ से शिकायत दर्ज की गई. शिकायत के आधार पर कोतवाली पुलिस ने पांचो आरोपियों के खिलाफ धारा 406, 417, 420, 34 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरु की है.

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