* डॉ. अतुल पाटणे के ‘कल उनकी थी दिवाली’ काव्यसंग्रह का विमोचन
अमरावती/दि.22– साहित्य के कारण मनुष्य और मनुष्यता जीवित है. साहित्य हिंदुस्थान की आत्मा है, ऐसा प्रतिपादन अनाथो के नाथ के नाम से विख्यात समाजसेवी, पद्मश्री शंकरराव बाबा पापलकर ने व्यक्त किया. वे सनदी अधिकारी डॉ. अतुल पाटणे द्वारा लिखे गए ‘कल उनकी थी दिवाली’ नामक काव्यसंग्रह के विमोचन समारोह में बोल रहे थे. शंकरराव पापलकर ने आगे कहा कि, सत्ता मिलने के बाद इंदिरा गांधी पवनार में विनोबा भावे से मिलने आई थी तब सत्ता चाहिए तो सक्षम अधिकारी अपने पास करने की सूचना विनोबाजी ने इंदिरा गांधी को दी थी. अतुल पाटणे एक सक्षम अधिकारी है. किंतु उनका कवि होना अधिक महत्वपूर्ण है. डॉ. अतुल पाटणे के इस काव्यसंग्रह की यह दूसरी आवृत्ति का विमोचन समारोह था.
विमोचन समारोह का आयोजन नागपुर स्थित सीताबर्डी परिसर के मोर हिंदी भवन संपन्न हुआ. इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शंकरबाबा बोल रहे थे. अन्य अतिथियों में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री डॉ. प्रकाश आमटे, डॉ. मंदाकिनी आमटे, डॉ. अतुल पाटणे, आशु सिन्हा उपस्थित थे. डॉ. मंदाकिनी आमटे ने कहा कि, काव्यसंग्रह से पाटणे के व्यक्तित्व का एक नया पहलु सामने आया. आयएएस अधिकारी होते हुए भी उनके मन की कोमलता को बहाल रखते हुए उन्होंने काव्यसंग्रह की रचना की.
डॉ. प्रकाश आमटे ने कहा कि, एक ओर तो आज हम चांद पर जा रहे थे, वहीं दूसरी और 30 प्रतिशत जनसंख्या दारिद्य्र रेखा के नीचे है. यह विषमता दूर होनी चाहिए. वझ्झर में शंकरबाबा पापलकर मतिमंद, लावारिस बच्चों के लिए काफी प्रशंसनीय कार्य कर रहे है. उनके इस प्रकल्प को आगे ले जाने के लिए समाज से अच्छे कार्यकर्ताओं को आगे आने का आवाहन भी उन्होंने किया. डॉ. आमटे ने कहा कि, इस दिशा में हरसंभव सहायता करने का काम पाटणे ने अपने काव्यसंग्रह के माध्यम से किया है. इस विषय पर उन्होंने कुछ चुनिंदा कविताएं प्रस्तुत की. हेमलकसा स्थित लोकबिरादरी प्रकल्प और वझ्झर स्थित बालगृह को प्रत्येकी 50 हजार रुपए की निधि पाटणे ने दी. संचालक साहित्यकार डॉ. सागर खादीवाला ने किया. कार्यक्रम में आदिवासी विभाग के अप्पर आयुक्त रवींद्र ठाकरे, बालरोग विशेषज्ञ डॉ. उदय बोधनकर, विदर्भ साहित्य संघ के अध्यक्ष प्रदीप दाते, नाट्यकर्मी संजय भाकरे, अनिल गडेकर, धनंजय वैद्य, डॉ. शांतीदास लुंगे आदि उपस्थित थे.
* पाटणे की ‘चुनाव आनेवाला है’ कविता को सराहा
सनदी अधिकारी डॉ. अतुल पाटणे द्वारा दो वर्ष पूर्व लिखी गई ‘चुनाव आनेवाला है’ दीर्घ कविता को उपस्थितों ने जमकर सराहा. इस कविता पहिला छंद सालो पहले हुए शिलान्यास के काम शुरु होगे, भूल गई जनता तो दोबारा शिलान्यास होगे, रास्ते और पुलिया के गेट खोले जाएगे, बचे हुए के घोषणापत्र बन जाएगे, आयाराम-गयाराम की अब मार्केट खुलेगी, देश निष्ठा और पक्षनिष्ठा की चर्चा छिडेगी, देखो भाई देखो चुनाव आनेवाला है…