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मयूरेश भवन में श्रीमद देवी भागवत कथा प्रारंभ
अमरावती/दि.20 – मनुष्य का जीवन कामनाओं से भरा है वह हर पल किसी न किसी चीज की कामना ईश्वर से करता है. वह अपनी कामनाओं की पूर्ति के लिए कई बार ऐसे मार्ग को अपनाता है जिस मार्ग पर उन्हें चलना नहीं चाहिए. जीवन में कामना की पूर्ति के लिए वह पूरी शक्ति खर्च करता है. जिसके कारण जीवन के अंतिम पडाव में वह कामनाओं की पूर्ति से थक जाता है किंतु मनुष्य पुरुषार्थ से नहीं थकता देवी की कृपा से कामनाओं का अंत होना चाहिए. ऐसा कथन मां कनकेश्वरी देवी ने अपने मुखारबिंद से व्यक्त किया.
मां कनेकश्वरी देवी स्थानीय अकोली स्टेशन के समीप मयूरेश भवन में मंगलवार से प्रारंभ श्रीदेवी भागवत कथा के अवसर पर दूसरे दिन भाविकों को संबोधित कर रही थी. मंगलवार से यहां मां कनकेश्वरी देवी के मुखराबिंद से श्रीमद देवी भागवत कथा जारी है. जिसमें कथा के दूसरे दिन मां कनकेश्वरी देवी ने आगे कहा कि हमें जीवन में लक्ष्य की प्राप्ती के लिए सदैव प्रयत्नशील रहना चाहिए. देवी की कृपा से दुखों का नाश होता है और जीवन में शांती प्राप्त होती है.
जीवन की संपूर्णता के सारे उपाय देवी भागवत में व्याप्त है. धर्म, अर्थ, काम मोक्ष की प्राप्ति ही जीवन की संपूर्णता है. अर्थ प्राप्ति नीति मार्ग से होनी चाहिए हमारा दृष्टिकोण परमार्थी होना चाहिए. देर्वाचन कर कामनाओं की पूर्ति करे इससे नई कामनाओं का निर्माण नहीं होगा. गुरु केवल उनके लिए है जिनमें जिज्ञासा है. गुरु का ज्ञान ही मोक्ष प्रदान करवाने में सहायक होता है. मयुरेश भवन में आयोजित श्रीमद देवी भागवत कथा के दूसरे दिन मां कनकेश्वरी का स्वागत शांतीदास महाराज, डॉ. संपदा सपकाल, अमीन सिकची, अनूप सिकची, निशा जाजू, प्रमोद जाजू, कल्पना पाटिल, मुन्ना गुप्ता, अर्चना चांडक, उषा लोहिया, भारती पटवारी, संतोष लढ्ढा ने किया तथा जुगलकिशोर गट्टाणी व ओमप्रकाश परतानी ने आरती की. नीला शर्मा व्दारा सभी भक्तों को प्रसादी का वितरण किया गया.