अमरावती

मनुष्य सांसारिक जीवन में पाप और पुण्य के पलडे में अपना कर्म रखता है

मां कनकेश्वरी देवी का कथन

  • मयूरेश भवन में श्रीमद देवी भागवत कथा का तीसरा दिन

अमरावती/दि.21 – मनुष्य सांसारिक जीवन में पाप और पुण्य के पलडे में अपने कर्मो को रखता है. किसी का पाप अधिक होता है तो किसी का पुण्य किंतु जब पाप का घडा भरने लगता है तब मनुष्य को नकारात्मक ऊर्जा का सामना करना पडता है ऐसे समय में कथा का श्रवण हर पाप की वृद्धी से हमें मुक्त करता है और मनुष्य को परमार्थ के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है ऐसा कथन मां कनकेश्वरी देवी ने व्यक्त किया.
मां कनकेश्वरी देवी स्थानीय अकोली स्टेशन के समीप मयूरेश भवन में मंगलवार से प्रारंभ श्रीदेवी भागवत कथा के अवसर पर तीसरेे दिन भाविकों को संबोधित कर रही थी. मंगलवार से यहां मां कनकेश्वरी देवी के मुखराबिंद से श्रीमद देवी भागवत कथा जारी है. जिसमें कथा के तीसरे दिन महामंडलेश्वर मां कनकेश्वरी देवी ने आगे कहा कि, वक्ता की वाणी कथा कहते-कहते विवेकपूर्ण हो जाती है. हमें अनुभवी व्यक्तियों के विचार सुनने चाहिए जिससे विवेक जागृत होता है. आत्मा के स्वरुप का ज्ञान विवेक से प्राप्त होता है.
तेज बुद्धी द्रव्य प्रतिकार और आनंद यह शक्तियां है जो व्यक्ति के अस्तित्व पर प्रभाव डालते है. समाज में व्यक्ति का नहीं बल्कि उसके व्यक्तित्व का प्रभाव पडता है जब हमारे निर्णय स्थिर होते है तो उन फैसलों की सकारात्मक ऊर्जा हमें प्राप्त होती है. जब कोई व्यक्ति ध्यान में मग्न हो तब उसे नींद से जगाना भी अपराध कहलाता है. लोग एक दूसरे के प्रति ईर्ष्या भाव रखकर ऊंची उडान भरने की कोशिश करते है लेकिन ईर्ष्या नहीं बल्कि पृथ्वी से खुद को जोडकर उडान भरनी चाहिए.
इस प्रकार आर्शीवचन मां कनकेश्वरी देवी ने देवी भागवत कथा के तीसरे दिन उपस्थित कथा श्रवण कर रहे भाविकों को दिया. मां कनकेश्वरी देवी का स्वागत मुख्य यजमान संपत शर्मा, सुगना शर्मा, सुश्री मंगलाश्री, सुश्री माहेश्वरी देवी, सुदर्शन गांग, सुगमचंद गांग, साकीर अढाऊ , ललिता भरतिया, शीला साहु, लीला शर्मा, ओमप्रकाश हेडा, डॉ. रेखा खत्री, बी.डी. अंकुश, रुपाली खेडकर, कल्पना मालानी, वनिता सोनीग्रा, ना.था. दवे ने किया तथा रमण बाहेती, सोमाणी, गोपाल सोनी व प्रा. सुनील साहु तथा जी.जी. ठाकुर ने आरती की.

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