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‘मानाचा गणपति चिंतामणी, मानाची आरती’

चिंतामणी गणेश मंदिर में यज्ञ की अनोखी परंपरा बरकरार

* जगद्गुरु रामानंदाचार्य के हाथों विधि विधान से पूजन
अमरावती/दि.14- श्री चिंतामणी गणेश के मूलस्वरूप का विग्रह श्रीमद् जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजेश्वरानंदाचार्यजी सरकार ने खुद के हाथों से वर्ष 2021 में साकार कर भातकुली डिपी रोड, चिंतामणी नगर, व्यास लेआऊट, अमरावती में स्थापना की है. तबसे दैनिक पूजा विधि विधान के साथ शुरु है. इसके साथही विशेष रुपसे गणेशोत्सव में इस विग्रह की पूजा विधि विधान से की जाती है.
हर माह की कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि यानि संकष्टी चतुर्थी को सुबह से भक्त दर्शन पूजन हेतु पधारते हैं. इस दिन निमित्त शाम में क्रमशः सामूहिक अथर्वशिर्ष पठन, आरती पश्चात प्रसाद वितरण श्री चिंतामणी गणेश मंदिर समिति की ओर से किया जाता हैं. विगत 2 वर्षों से अमरावती शहर में ‘मानाचा चिंतामणी’ के नाम से ख्याति प्राप्त है. चिंतामणी सरकार की उपासना से मनोकामना पूर्ति का अनुभव दर्शनार्थियों ने साझा किया है. वर्ष 2021 से इसी विग्रह की छोटी प्रतिरूप मूर्ति बनाकर सामूहिक कुमकुम अर्चन अभिषेक करा कर उन मूर्तियों को इच्छुक भक्तों को दैनिक पूजा के लिए दिया जा रहा हैं. मंदिर की व्यवस्था का दायित्व चिंतामणी सेवा ट्रस्ट निभाती हैं. संपूर्ण अमरावती शहर में गणेश उत्सव में यज्ञ की अनोखी परंपरा यहां शुरू की गई है. इस वर्ष के दैनिक यज्ञ एवं आरती में यजमान स्वरूप सहभागी होने हेतु 9665855294, 9545107865, 9960127457, 9730029444, 7875623311, 9011620241, 9405900873 नंबर पर संपर्क करने अथवा प्रत्यक्ष भातकुली डीपी रोड, चिंतामणी नगर, व्यास लेआउट में स्थित मंदिर में आकर लिखवाने का आह्वान श्री चिंतामणी गणेशोत्सव समिति ने किया हैं.

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