मंडी को कम्प्यूटराइज करने का मानस
मंडी के अड़तिया-व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार अनिल जेठानी का कहना
* संगणकीकरण हुआ तो निश्चित रुप से मंडी की आय में और इजाफा होगा
* मूलभूत सुविधाओं के अभाव को दूर करेंगे
* अमरावती मंडल से खास बातचीत
अमरावती/दि.25- जिस तरह अमरावती की अनाज मंडी में सुविधा की गई है, उस तरह की कोई भी सुविधा सब्जी व फल मंडी में नहीं है. सभी मंडियों का कम्प्यूटराईज हुआ तो सेस की चोरी नहीं होगी और माल की आवक-जावकता रिकॉर्ड रहेगा. साथ ही मंडी की आय में और भी इजाफा होगा. इस आय से मूलभूत सुविधाओं का अभाव दूर होगा, ऐसा कृषि उपज मंडी के अड़तिया-व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार अनिल जेठानी ने अमरावती मंडल से हुई खास बातचीत में कहा.
अनिल जेठानी अमरावती की सब्जी मंडी में वर्ष 2007 से अड़तिया के रुप में काम संभाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में पहली बार मैदान में उतरने का मकसद जिन अड़तिया-व्यापारी व किसानों पर अन्याय होते आये है, उसका निवारण करना है. साथ ही यह भी अनाज, सब्जी और फल बाजार को संगणकीकृत किया गया तो सेस की चोरी कम होगी और मंडी में आने वाले माल का रिकॉर्ड रहेगा. जिससे मंडी की आय बढ़ेगी. साथ ही दूसरे जिलों की मंडियों में जिस तरह लायसेंस नंबर और दूकान के नाम के फलक रहते हैं, वह यदि अमरावती की मंडी में रहे तो अवैध लाइसेंस धारकों को मंडी में आने की जगह नहीं रहेगी. अनिल जेठानी का आरोप था कि अमरावती की अनाज मंडी में अनेक सुविधा है, लेकिन पिछले सात साल में मंडी के दोनों संचालकों ने सब्जी मंडी के विकास की तरफ अनदेखी की है. इस कारण सब्जी मंडी में आने वाले किसान तथा व्यापारी मूलभूत सुविधा से वंचित है. उनका कहना था कि सभी मंडी एक जगह रहे और किसी भी तरह का भेदभाव न हो. इसके लिए वह प्रयासरत रहेंगे. अनाज मंडी में सुविधाओं के साथ खरीददारों के जिस तरह लायसेंस और नियम बने हैं,उस तरह के सब्जी मंडी में कोई नियम नहीं है. इस मंडी में रात के समय माल लेकर आने वाले किसानों को आराम करने की जगह नहीं है. अनाज मंडी की तरह यहां किसानों को शिवभोजन नहीं दिया जाता. दलालों की बैठक की जगह पर कबाड़ भरकर रखा गया है. यहां बिजली, पानी और सड़क की सुविधा नहीं है. इन सभी सुविधाओं को हल करने का प्रयास करने के लिए चुनाव लड़ने की बात अनिल जेठानी ने कही.
जेठानी ने यह भी कहा कि पुराना कॉटन मार्केट के इस सब्जी मंडी ेके बाहर के मार्गों का चारों तरफ काँक्रिटीकरण हो जाने से मानसून की एक बारिश से ही सब्जी मंडी की दूकानों में पानी घुस जाता है. मंडी में उतार एक तरफ रहने से बरसात में कीचड़ का आलम रहता है. यहां बड़े वाहनों की पार्किंग व्यवस्था भी नहीं है. पुराने सब्जी के नीलामी भवन पर बिजली की सुविधा नहीं है. अनाज मंडी की तरह इस मंडी में हायमास्क लगाने का प्रावधान किया गया था. लेकिन अब तक नहीं हो पाया है. मंडी को कम्प्यूटराईज जब तक नहीं किया जाता, तब तक आय में बढ़ोतरी होने की संभावना से जेठानी ने इनकार किया. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जब से सब्जी मंडी में रात से काम शुरु हुआ है, तब से आय में थोड़ी बहुत वृद्धि हुई है.
किसान खुश तो सभी खुश
अनिल जेठानी का कहना था कि किसानों के कृषि माल के भरोसे मंडी का व्यवहार चलता है. उन्हें सभी सुविधा दी गई और वह खुश रहे तो अड़तिया और व्यापारी भी खुश रहेंगे. सब्जी मंडी में लायसेंस धारकों को लायसेंस नंबर, रजिस्ट्रेशन नंबर और गेट पास देना अनिवार्य होना चाहिए. इससे मंडी के कामकाज में भी पारदर्शिता आएगी और अवैध लायसेंस धारक मंडी में घुस नहीं सकेंगे.
सब्जी मंडी में चाहिए पानी, बिजली और सड़क की सुविधा
अमरावती सब्जी मंडी में जगह का अभाव है. जगह कम रहने से सभी को काफी पहले से ही असुविधा हो रही है. इसके बावजूद यहां पानी, बिजली और सड़कों का अभाव है. वाहनों की पार्किंग व्यवस्था भी नहीं है. इस कारण किसानों समेत व्यापारी व हमालों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. चारों तरफ गंदगी का आलम रहता है. इस कारण इस मंडी में सर्वप्रथम पानी, बिजली और सड़क की सुविधा होना आवश्यक है. इसके लिए प्रयास जारी रहेंगे, ऐसा भी अनिल जेठानी ने कहा.
लोगों को हक दिलवाने की लड़ाई
मैं अमरावती कृषि उपज मंडी के चुनाव में अड़तिया- व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र का गरीब उम्मीदवारों और जमीनस्तर से जुड़ा हूं. सभी के हक के लिए मैं हमेशा आवाज उठाते रहता हूं. इस मंडी में मूलभूत सुविधा हो और नागपुर मंडी की तरह अमरावती की मंडी में भी वैद्यकीय सुविधा रहे. एम्बूलेंस उपलब्ध रहे और अनाज व सब्जी-फल मंडी को संगणकीकृत करने का मेरा मानस है. मतदाता निश्चित रुप से मुझे सहयोग करेंगे, ऐसा मुझे विश्वास है.
– अनिल जेठानी, अड़तिया-व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र उम्मीदवार
अम. कृषि उपज मंडी
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