* वन विभाग ने जांच पश्चात की पुष्टि
अमरावती/दि.13- नागपुर रोड स्थित जिलाधीश के सरकारी निवास पर रविवार देर रात पांच मुर्गियों को मार देने वाले और एक मुर्गी को चट कर जानेवाले जानवर दो कुत्ते ही थे. वन विभाग ने पूरी जांच पडताल के पश्चात पुष्टि कर दी कि वह दो कुत्ते ही थे, तेंदुआ नहीं. विभाग के शिकार प्रतिबंधक कृति दल के अमोल गावनेर ने पडताल पश्चात रिपोर्ट दी है. जिसमें दो कुत्तो के पिछले दरवाजे से घुसकर और पिंजरे के तकलादू तार तोडकर मुर्गियों को मार देने की घटना की पुष्टि की है. अमरावती मंडल ने बुधवार के अपने प्रमुख समाचार में वह जानवर कुत्ते होने का सटीक समाचार प्रकाशित किया था. जबकि बंगले में घुस आए प्राणी को लेकर तेंदुआ होने की अफवाह उडी थी.
बता दें कि कलेक्टर बंगले में घुस आए कुत्तों ने पालतू छह मुर्गियों पर हमला किया था. एक मुर्गी वे खा गए. पांच मुर्गियों को मार दिया. रविवाद देर रात हुई घटना से खलबली मची थी. कलेक्टर व्दारा सीपी को खबर की गई थी. वन विभाग का दल भी जिलाधीश के सहायक व्दारा इत्तला करने पर मौके पर पहुंचा और ट्रैप लगाकर तथा सीसीटीवी फुटेज देखकर जानवर के तेंदुआ अथवा अन्य कोई होने का पता लगाया गया. पगमार्ग के आधार पर ही कहा गया कि तेंदुआ नहीं आया. पिछला दरवाजा खुला रह जाने से दो आवारा कुत्ते कलेक्टर बंगले में घुसे. पालतू मुर्गियां जिस पिंजरे में थी, उसके जाली के तार कमजोर थे. जिससे कुत्ते उन्हें तोडकर एक मुर्गी चबा गए और पांच मुर्गियों को मारा.
घटना के बाद पुलिस ने बंगले की सुरक्षा बढा रखी है. वहां दो शिफ्ट में दो-दो गार्ड तैनात किए गए हैं. उन्हें हर समय चौकन्ना रहने कहा गया हैं. भूतकाल में इस क्षेत्र में कुछ निवास परिसर में तेंदुआ आया था अत: खबरदार रहने कहा गया और कदाचित भूतकाल की घटना को देखते हुए ही कलेक्टर बंगले पर हुए मुर्गियों के शिकार को लेकर भी प्रशासन में पुलिस से लेकर वन महकमे तक हलचल मची थी.