अमरावती प्रतिनिधि/दि.19 – मकर संक्राति के बाद मात्र दो ही विवाह मुहूर्तो के रहने से मांगलिक कार्यो की धूम मची रही रविवार को पौष मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि पर गुरू अस्त होने से मांगलिक कार्यो पर ब्रेक लग गया है. अब मांगलिक कार्य फरवरी माह में ही संपन्न होंगे. फिर से शहनाईया अगले माह में गूंजेगी. हालांकि फरवरी माह में भी विवाह तिथियो की भारी कमी है. 13 फरवरी को गुरू तारा फिर से उदित होगा. इसी प्रकार शुक्र तारा 14 फरवरी को अस्त होकर 18 अप्रैल को उदित होगा. इस प्रकार गुरू व शुक्रतारा अस्त होने से विवाह तिथियों में काफी कमी दिखाई दे रही है.
जरीपटका नागपुर निवासी पंडित मुरलीधर शर्मा के अनुसार 12 फरवरी से कुंभ संक्रांति का आगाज होगा. उसी प्रकार 16 फरवरी को वसंत पंचमी पर भी शुक्रतारा अस्त होने पर विवाह तिथिया नहीं है. पंचाग बता रहे है कि यह पहली बार हो रहा है कि अनभूज तिथि होने पर भी वसंत पंचमी पर मुहूर्त की गणना नहीं बताई जा रही है. वसंत पंचमी पर भी शुक्रतारा होने पर भी विवाह तिथि नहीं रहेगी. यानी गृहो के प्रभाव की वजह से वसंत पंचमी पर भले ही शहनाईयां दुल्हा दुल्हन के अभिभावको की मर्जी से बजेगी. किंतु पंचांग में शुक्रतारा अस्त होने की वजह से इस पर ज्योतिषी आधार पर तिथि का आकलन नहीं बताया जा रहा है. इसी प्रकार फरवरी माह में भी तारीखों का अभाव बताया जा रहा है. यानी फरवरी माह के बाद सीधा 22 अप्रैल को विवाह की तिथिया होने की बात पंचाग बता रहे है.