अमरावती

आय बढाने में मनपा प्रशासन के छूट रहे पसीने

सत्ता पक्ष योजनाओं को पूर्ण करने डाल रहा दबाव

अमरावती/प्रतिनिधि दि.३मनपा की आर्थिक स्थिति को सुदृढ करने हेतु मनपा प्रशासन अपनी ओर से तमाम प्रयास कर रहा है. जिसके तहत संपत्ति कर सहित व्यापारिक संकुलों के किराये जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रीत किया जा रहा है और मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे इसकी ओर विशेष ध्यान दे रहे है. साथ ही कर अदा नहीं करनेवाले नागरिकों की संपत्ति जप्त करने की भी चेतावनी दी गई है. वहीं स्थायी समिती में व्यापारिक संकुलों के लीज व किराये पर विशेष जोर देते हुए स्थायी समिती के साथ बैठक आयोजीत करने को लेकर आयुक्त को सुझाव दिया है. इन सबके बीच प्रशासन पर मनपा के सत्ता पक्ष द्वारा योजनाओं को पूर्ण करने का दबाव बनाया जा रहा है. ऐसे में खर्च को पूरा करने हेतु आय बढाने के लिए प्रशासन के पसीने छूट रहे है.
बता दें कि, ऑक्ट्राय व वैट सहित स्थानीय कर रद्द होने और जीएसटी लागू होने के बाद महानगरपालिका को राज्य सरकार की ओर से करों की ऐवज में अनुदान मिलता है. साथ ही संपत्ति कर, नगर रचना विभाग के विकास शुल्क तथा बाजार परवाना विभाग के भाडे पट्टे से भी मनपा को आय होती है. किंतु इन स्त्रोतों से होनेवाली सालाना आय बेहद अत्यल्प है. वहीं मनपा के मौजूदा व बकाया भुगतान के आंकडे लगातार बढने जा रहे है. आर्थिक वर्ष 2021-22 का बजट भले ही बचतवाला हो, किंतु आय एवं खर्च के बीच तालमेल बिठाते समय मनपा प्रशासन को अच्छीखासी मशक्कत करनी होगी. जारी आर्थिक वर्ष में 360 करोड रूपयों की आय अपेक्षित की गई है. वहीं इस बजट में सुझाये गये खर्च को देखते हुए तालमेल बिठाना कोरोना संक्रमण काल में काफी कठीन है. चूंकि अगले वर्ष मनपा का आम चुनाव होना है. ऐसे में सत्ता पक्ष द्वारा करोडों रूपयों की योजनाएं तैयार की गई है. जिन पर राजस्व आय में से खर्च करना होगा. इस खर्च के लिए सत्तापक्ष द्वारा प्रशासन पर लगातार दबाव बढाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे द्वारा लगातार मनपा की आय बढाने हेतु प्रयास करते हुए सभी विभाग प्रमुखों की मैराथॉन बैठके लेना शुरू किया गया है. जिसके तहत जारी आर्थिक वर्ष के पहले ही दिन गुरूवार 1 अप्रैल को सभी विभाग प्रमुखों की बैठक लेते हुए सालभर के दौरान किये जानेवाले कामों के नियोजन संदर्भ में निर्देश जारी किये गये. और आय बढाने हेतु सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता भी विषद की गई.
आय के स्त्रोत मर्यादित रहने के साथ ही दायित्व के आंकडे काफी अधिक रहने के चलते दोनों के बीच आपसी तालमेल बिठाते समय जबर्दस्त कसरत का दृश्य इन दिनों मनपा में देखा जा रहा है. जिसमें से मनपा प्रशासन को राह निकालनी होगी.

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