गौरक्षा के काम में असफल रहा मनपा व पुलिस महकमा
शहर में बकरीद पर बडी संख्या में हुई गौवंश की कटाई
विहिंप ने पत्रवार्ता में लगाये सनसनीखेज आरोप
अमरावती- /दि.5 राज्य में गौवंश की कटाई और गौमांस की बिक्री पर प्रतिबंध है. ऐसे में जिला व शहर प्रशासन सहित पुलिस महकमे की यह जिम्मेदारी बनती है कि, शहर सहित जिले में कहीं पर भी गौवंश की तस्करी व गौमांस की बिक्री न होने पाये. लेकिन आये दिन शहर सहित जिले में कई स्थानों से ऐसी खबरे लगातार सामने आती रहती है. जब विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के पदाधिकारी व कार्यकर्ता अपनी जान पर खेलकर गौवंश तस्करी की वारदातों को उजागर करते है. जिसका सीधा मतलब है कि प्रशासन एवं पुलिस विभाग कहीं न कहीं अपने कर्तव्यों को पूरा करने में नाकाम साबित हो रहे है. यही वजह है कि, इस वर्ष बकरीद के पर्व पर अमरावती शहर में बडे पैमाने पर गौवंश की कटाई हुई. जिसकी पूर्व सूचना देने के बावजूद प्रशासन इसे रोकने में नाकाम रहा. इस आशय का आरोप विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश गौरक्षा प्रमुख विजय शर्मा द्वारा यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में लगाया गया.
इस पत्रवार्ता में विहिंप के प्रदेश गौरक्षा प्रमुख विजय शर्मा ने कहा कि, विहिंप की ओर से अमरावती की जिलाधीश को शहर में ईद के समय कटाई के लिए गौवंश लाये जाने की जानकारी दी गई थी और जिलाधीश की अध्यक्षतावाली प्राणीक्लेष प्रतिबंधक समिती की बैठक बुलाने का निवेदन किया गया था. पश्चात मार्च माह में हुई समिती की बैठक में तय हुआ था कि, ईद पर्व से पहले शहर के विशिष्ट इलाकों में जो भी गौवंश संदिग्ध अवस्था में दिखाई देता है, उसे पुलिस सुरक्षा के बीच पशु संवर्धन विभाग की सहायता से मनपा के पशु वैद्यकीय अधिकारी के जरिये टैगींग किया जायेगा. परंतू मनपा के पशु वैद्यकीय अधिकारी डॉ. सचिन बोंद्रे ने समिती की बैठक में जिलाधीश के सामने ही उन इलाकों में जान का खतरा रहने के चलते जाने से मना कर दिया. हालांकि इसके बावजूद जिलाधीश ने इस बार बकरीद के पर्व पर गौवंश की कटाई नहीं होने देने के निर्देश दिये थे. परंतू इसका कोई पालन नहीं हुआ. इसके अलावा विहिंप द्वारा शहर पुलिस आयुक्त आरती सिंह व पुलिस उपायुक्त राजे को शहर के विशिष्ट इलाकों में कटाई हेतु लाकर घरों के सामने बांधकर रखे गये गौवंश जानवरों के फोटो भी दिये थे. परंतु पुलिस भी गौवंश जानवरों की कटाई को नहीं रूकवा पायी. वही ईद पर्व के बाद जब पुलिस को काटे गये जानवरों के हड्डियों को एक जगह जमा किये जाने के संदर्भ में फोटो सहित जानकारी दी गई, तो इसे लेकर भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पायी. ऐसे में गौवंश हत्या बंदी कानून का कोई औचित्य ही नहीं है.
इस पत्रवार्ता में विजय शर्मा ने यह आरोप भी लगाया कि, ईदवाले दिन उन पर व उनके साथी अजीतपाल मोंगा पर चार पुलिस कर्मचारी निगरानी रखने हेतु तैनात किये गये थे. यह जांच का विषय है. साथ ही जब खुद मनपा के पशु वैद्यकीय अधिकारी ने जिलाधीश के सामने स्वीकार किया कि, उन विशिष्ट इलाकों में बडे पैमाने पर अवैध हथियार है, तो बैठक के बाद इसका संज्ञान लेकर पुलिस ने कोई जांच क्यों नहीं की. शर्मा ने चेतावनी दी कि, यदि जल्द ही इस मामले में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जाता है, तो विहिंप व बजरंगदल सहित गौरक्षा दल द्वारा तीव्र आंदोलन किया जायेगा. इस पत्रवार्ता में विजय शर्मा के साथ ही विहिंप के अजीतपाल मोंगा, राज्य गौशाला महासंघ के सचिव सुनील सूर्यवंशी, पशुधन बचाव समिती के महेश येवले व संदीप वैद्य उपस्थित थे.