* अति शिकस्त इमारतों को लेकर हुआ मंथन
* जर्जर इमारतों को खाली कराने का लिया गया फैसला
अमरावती/दि.1- विगत रविवार को स्थानीय प्रभात चौक स्थित राजेंद्र लॉज की दो मंजिला अति शिकस्त इमारत ढह गई थी. जिसके मलबे में दबकर पांच लोगों की जिंदा दफन हो जाने की वजह से मौत हो गई थी. इस मामले में राजदीप बैग नामक प्रतिष्ठान के मालिक के खिलाफ सदोष मनुष्यवध का अपराध दर्ज किया गया. इसी बीच अवकाश पर रहनेवाले मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर तत्काल ही अमरावती के लिए रवाना हुए और सोमवार की सुबह अमरावती पहुंचने के बाद उन्होंने सबसे पहले प्रभात चौक परिसर जाकर घटनास्थल का मुआयना किया और मनपा अधिकारियों के साथ मैराथॉन बैठक भी ली. जिसमें सबसे पहले तो राजेंद्र लॉजवाली इमारत की निचली मंजील पर राजदीप बैग के आसपास स्थित तीन दुकानों को तुरंत सील कर देने का फैसला लिया गया. साथ ही सी-1 यानी अति जर्जर श्रेणी में रहनेवाली 33 इमारतों को तत्काल खाली कराने का भी निर्देश जारी हुआ.
इस बैठक में पता चला कि, सर्वाधिक जर्जर इमारतें मनपा के राजापेठ झोन क्रमांक 2 में है और इन 33 में से 5 जर्जर इमारतों में अब भी इमारतों के मालिक या किरायेदार रह रहे है. साथ ही कुछ इमारतों के ताबे को लेकर मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन है. ऐसे में मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर ने इस बैठक में कहा कि, 30 वर्ष से अधिक पुरानी हो चुकी इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाना अनिवार्य रहेगा और इस ऑडिट के बाद विशेषज्ञों द्वारा दिये गये सुझाव के अनुसार दुरूस्ती के आवश्यक काम पूर्ण करने होेंगे. साथ ही इमारत रहने योग्य स्थिति में है, इससे संबंधित प्रमाणपत्र इमारत के मालिक या किरायेदारों को मनपा के पद निर्देशित अधिकारी के पास देना अनिवार्य रहेगा. ऐसा नहीं होने पर संबंधितों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. साथ ही किसी भी तरह की दुर्घटना या जनहानि होने पर संबंधित इमारत के मालिक अथवा किरायेदारों को पूरी तरह से जिम्मेदार माना जायेगा. ऐसा भी आयुक्त आष्टीकर द्वारा कहा गया.
* मौत के साये में रहने को तैयार है लोग
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, खस्ताहाल और जर्जर स्थिति में पहुंच चुकी अधिकांश इमारतें शहर के मध्यस्थल एवं प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में स्थित है और ‘हार्ट ऑफ द सिटी’ में स्थित इन इमारतों में रहनेवाले किरायेदारों अथवा दुकानदारों से अपनी जगह का मोह नहीं छूटता और वे अपने किराये का मकान अथवा दुकान या फिर मालकीवाली इमारत को खाली नहीं करते. कई बार तो जगह को खाली करने से संबंधित मामला सालों-साल अदालत में चलता रहता है और इस दौरान उस जर्जर इमारत की स्थिति और भी खस्ता होती चली जाती है. जिसकी वजह से खतरा लगातार बढता रहता है. परंतु इसके बावजूद लोगबाग केवल लालच या मोह की वजह से सिर पर मंडराते मौत के साये तले रहते है. ऐसे में अब स्थानीय प्रशासन द्वारा ऐसे मामलोें को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है. जिसके तहत जहां हादसे का शिकार हुई राजेंद्र लॉजवाली इमारत के नीचे स्थित अन्य तीन दुकानों को गत रोज सील कर दिया गया. वही सी-1 श्रेणी मेें रहनेवाली शहर की 33 इमारतों को तुरंत खाली कराये जाने के निर्देश भी जारी कर दिये गये.
* जर्जर इमारत के मालिकों को पंद्रह दिन का अल्टीमेटम
गत रोज शहर में स्थित जर्जर व खस्ताहाल इमारतों की सूची जारी करने के साथ ही मनपा प्रशासन द्वारा इन इमारतों के मालिकों और इसमें रहनेवाले लोगोें को पंद्रह दिनों का नोटीस जारी किया गया है. जिसके तहत कहा गया है कि, वे पंद्रह दिन के भीतर अपनी इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाते हुए इससे संबंधित रिपोर्ट पेश करे. यह ऑडिट किसी अधिकृत संस्था या व्यक्ति द्वारा किया जाना जरूरी है और ऐसा नहीं करने पर संबंधितोें के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी.
* उस दिन लापरवाही व मनमानी पड गई भारी
पता चला है कि, राजेंद्र लॉज की इमारत में निचली मंजील पर स्थित पांच दुकानों के संचालकों ने 7 सितंबर 2021 को स्ट्रक्चरल इंजीनियर चेतन प्रजापति के हस्ताक्षरवाला स्ट्रक्चरल इस्टॅबिलीटी सर्टिफिकेट महानगर पालिका को दिया था. लेकिन इस ऑडिट रिपोर्ट में जो सुझाव दिये गये थे, उन पर विगत एक वर्ष के दौरान कोई अमल नहीं हुआ. ऐसे में मनपा ने इन पांचों दुकानदारों के नाम विगत 20 अक्तूबर को ही एक बार फिर नोटीस जारी कर दुकानें खाली करते हुए दुरूस्ती के आवश्यक काम करने के निर्देश दिये थे. विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत 23 जुलाई को राजेंद्र लॉज की पहली व दूसरी मंजील के निर्माण कार्य को तोडे व गिराये जाने के बावजूद निचली मंजील पर स्थित पांचों दुकानें नियमित रूप से चल रही थी. जबकि इस बार अच्छी-खासी बारिश होने की वजह से यह इमारत और भी ज्यादा जर्जर व खस्ताहाल हो गई थी. इसके बावजूद राजदीप बैग हाउस के संचालकों ने किसी विशेषज्ञ अभियंता का मार्गदर्शन न लेते हुए दुकान के भीतर दुरूस्ती का काम शुरू किया. जिसके तहत छत को आधार देने के लिए लोहे का गर्डर डाला जा रहा था. लेकिन इसी समय राजदीप बैग हाउस की दोनों दुकानों की छत भर-भराकर ढह गई और इसके मलबे में दबकर दुकान के व्यवस्थापक रवि परमार सहित वहा काम कर रहे चार रोजंदारी मजदूरों की जिंदा दफन हो जाने की वजह से मौके पर ही मौत हो गई.
* पांचवे मृतक की हुई शिनाख्त
बता दें कि, विगत रविवार को हुए हादसे के बाद राजदीप बैग हाउस नामक दुकान में काम करनेवाले पांच लोगों के शव चार घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मलबे से बाहर निकाले गये. इसमें से चार लोगों की शिनाख्त रविवार को ही हो गई थी. वहीं पांचवे मृतक की शिनाख्त शनिवार को देवानंद हरीश्चंद्र वाटकर (35, महाजनपुरा) के रूप में हुई है. इन पांचों मृतकों के शवों पर सोमवार को उनके परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार कर दिया गया.