मनपा ने की शौचालय घोटाला मामले की जांच पूरी
निगमायुक्त रोडे के पास पहुंची उपायुक्त की रिपोर्ट
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रिपोर्ट में कई मनपा अधिकारियों को बताया गया जिम्मेदार
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फर्जीवाडा ढाई करोड रूपयों के रहने का अंदेशा
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अब कई लोग आयेंगे पुलिस जांच के लपेटे में
प्रतिनिधि/दि.३१
अमरावती – विगत माह अमरावती मनपा के बडनेरा झोन अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत बनाये जानेवाले शौचालयोें के निर्माण में जमकर फर्जीवाडा होने की बात उस समय उजागर हुई थी, जब निगमायुक्त प्रशांत रोडे के समक्ष मंजूरी हेतु शौचालयों के निर्माण से संबंधित ७५ लाख रूपयों के फर्जी बिलों की फाईल रखी गयी थी. यह मामला समझ में आते ही निगमायुक्त ने उपायुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिती गठित करते हुए मामले की विभाग अंतर्गत जांच शुरू करवायी. साथ ही इस मामले को लेकर सिटी कोतवाली पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज करवायी गयी. जिसमें प्राथमिक जांच अनुमान के अनुसार बडनेरा झोन के डेटा एंट्री ऑपरेटर संदीप राईकवार व मनपा लेखा विभाग के कनिष्ठ लिपीक अनुप सारवान को नामजद किया गया था. इन दोनों आरोपियों को विगत दिनों आर्थिक अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था. वहीं अब जानकारी है कि, इस मामले की जांच हेतु मनपा द्वारा गठीत तीन सदस्यीय समिती ने अपना काम पूरा करते हुए अपनी रिपोर्ट निगमायुक्त प्रशांत रोडे को पेश कर दी है. जिसमें कहा गया है कि, हकीकत में यह फर्जीवाडा ७५ लाख रूपयों का नहीं बल्कि करीब २ करोड ४० लाख रूपयों के आसपास का है और इस घोटाले के लिए ७ ठेकेदारों ने मनपा के कुछ अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर रखी थी और इस घोटाले के लिए बडनेरा झोन के सहायक आयुक्त से लेकर स्वास्थ निरीक्षक तक मुख्य रूप से जिम्मेदार है, क्योंकि उन्होंने लाभार्थियों सहित इस योजना के तहत पेश किये जानेवाले बिलों की फाईलों की जांच-पडताल नहीं की. जानकारी के मुताबिक इस तीन सदस्यीय समिती ने शौचालय निर्माण का ठेका रहनेवाले ७ में से ६ ठेकेदारों के बयान दर्ज किय है. वहीं अब तक एक ठेकेदार का बयान दर्ज नहीं हो पाया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक मनपा में शौचालय निर्माण के लिए ठेकेदारोें के माध्यम से लाभार्थियों को उनके घर में शौचालय बनाकर दिये जाने का दावा संबंधितों द्वारा किया गया है, लेकिन किसी भी लाभार्थि के यहां शौचालय बनाकर नहीं दिये गये और शौचालयों के निर्माण पूरा होने का दावा करते हुए फर्जी बिलों की फाईलें पेश करते हुए सरकारी तिजोरी से बडे पैमाने पर अपहार किया गया. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि, मनपा द्वारा शौचालयों के निर्माण से संबंधित बिल आर. के. इंडस्ट्रीज व चेतन कन्स्ट्र्नशन के नाम से जारी होने चाहिए थे, लेकिन यहां पर चल रही आपसी मिलीभगत की वजह से बिलों की रकम किसी अन्य के अकाउंट में ट्रान्सफर की गई. ऐसे में अब संबंधित खाताधारकों को भी इस मामले में दोषी माना जायेगा. बॉ्नस, फोटो निगमायुक्त प्रशांत रोडे
अभी रिपोर्ट का अध्ययन जारी है इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने बताया कि, बीती शाम ही जांच समिती द्वारा उन्हें रिपोर्ट सौंपी गयी है और फिलहाल रिपोर्ट में उपलब्ध कराये गये तथ्यों का अध्ययन किया जा रहा है. रिपोर्ट पूरी पढने के बाद इस मामले में विस्तृत तौर पर कुछ कहा जा सकेगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, मनपा द्वारा की गई जांच के बाद सामने आये तथ्यों से सिटी कोतवाली पुलिस व आर्थिक अपराध शाखा को भी अवगत कराया जायेगा. जिसके बाद पुलिस द्वारा इस मामले में अपनी ओर से आवश्यक कारवाई की जायेगी.