अमरावती/दि.20– यद्यपि अब तक महानगरपालिका चुनाव की तारीख घोषित नहीं हुई है. किंतु सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश तथा निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू की गई हलचलों के चलते एक तरह से चुनावी बिगूल बज गया है. उल्लेखनीय है कि, पहली बार महानगर पालिका के चुनाव तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति से होने जा रहे है और हमेशा की तरह मनपा चुनाव को विधानसभा चुनाव की ‘फुल कलर डे्रस रिहर्सल’ माना जाता है, क्योंकि मनपा चुनाव के नतीजों का परिणाम अमरावती मनपा क्षेत्र में शामिल रहनेवाले अमरावती व बडनेरा इन दो विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों चुनाव पर निश्चित रूप से पडता है.
बता दें कि, अमरावती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का पूरा हिस्सा महानगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत शामिल है. ऐसे में महानगरपालिका के चुनाव अमरावती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की द़ृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रहते ही है. वहीं अमरावती मनपा में शामिल रहनेवाले बडनेरा शहर व उपनगर सहित कुछ इलाकों का समावेश बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र मेें होता है. इसे भी विधानसभा चुनाव के लिहाज से काफी निर्णायक माना जाता है. ऐसे में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए महानगरपालिका के चुनाव की रणनीति को तय किया जाता है, ताकि राजनीति व सत्ता पर अपनी पकड को मजबूत रखा जा सके.
ज्ञात रहे कि, इस बार मनपा चुनाव में कुल 33 प्रभागों से 98 नगरसेवक चुने जायेंगे. ऐसे में महानगरपालिका की सत्ता प्राप्त करने हेतु कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस व शिवसेना सहित भाजपा द्वारा जोरदार प्रयास किये जानेवाले है. इस बार के चुनाव में भाजपा के समक्ष मनपा में अपनी सत्ता को टिकाये रखने की चुनौती है. जिसने विगत चुनाव में कांग्रेस-राकांपा आघाडी के हाथ से सत्ता छिनी थी और मनपा के इतिहास में पहली बार भाजपा को स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता मिली थी. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस व राकांपा द्वारा एक बार फिर मनपा पर अपनी सत्ता स्थापित करने का प्रयास किया जायेगा, ताकि अपने हाथ से गई सत्ता को वापिस लिया जा सके. इसके साथ ही राज्य की सत्ता में शामिल शिवसेना द्वारा भी मनपा की राजनीति में अपनी ताकत को बढाने का पूरा प्रयास किया जायेगा, ताकि 98 सदस्यीय मनपा सदन में सम्मानजनक स्थिति व संख्याबल को हासिल किया जाये. जिसके दम पर सत्ता में भागीदारी प्राप्त हो.
इस बार मनपा के चुनाव तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति के तहत होनेवाले है. ऐसे में वजनदार उम्मीदवारों द्वारा अपनी सुविधा के अनुसार पैनल तैयार किये जाने की पूरी संभावना है. इस चुनाव में प्रत्येक मतदाता को अपने प्रभाग में तीन प्रत्याशियों को मतदान करने का अधिकार मिलेगा. जिसके चलते मतदाताओं के पास तीन पर्याय उपलब्ध रहेंगे और एक ही पार्टी को मतदान करने बजाय पहुपर्यायी मतदान भी हो सकता है. इस संभावना के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों द्वारा अभी से ही मोर्चा बंदी करना शुरू कर दिया गया है, ताकि पार्टी के वोटोें का विभाजन रोका जा सके.
बता दें कि, विगत चुनाव में भाजपा ने 76 सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. वहीं कांग्रेस ने सर्वाधिक 81 प्रत्याशी खडे करते हुए 6 सीटें रिपाइं गवई गुट के लिए छोडी थी. इसके अलावा शिवसेना ने 69, राष्ट्रवादी कांग्रेस ने 62, युवा स्वाभिमान ने 56 तथा मनसे ने 18 सीटों पर चुनाव लडा था. वहीं एमआईएम ने 18 और मुस्लीम लीग ने 12 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. चुनाव पश्चात कुल 87 सीटों में से भाजपा को सर्वाधिक 45 सीटें प्राप्त हुई थी. वहीं कांग्रेस को 15, एमआईएम को 10, शिवसेना को 7, बसपा को 5 तथा युवा स्वाभिमान पार्टी को 3 सीटें प्राप्त हुई थी. साथ ही एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी का निर्वाचन हुआ था.
यद्यपि मनपा के आगामी चुनाव को लेकर अब तक प्रचार के मुद्दे सामने नहीं आये है, लेकिन सभी पार्टियों द्वारा वोटों के धृ्रवीकरण की ओर अभी से ध्यान दिया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि, इस समय अमरावती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र कांग्रेस के पास है, जहां से कांग्रेस की टिकट पर विधायक सुलभा खोडके विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रही है. वहीं कुछ समय तक भाजपा में रहने के बाद डॉ. सुनील देशमुख एक बार फिर कांग्रेस में वापिस लौट आये है. ऐसे में कांग्रेस की ओर से मनपा चुनाव में विधायक सुलभा खोडके व पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख अपना-अपना प्रभाव दिखाने का प्रयास निश्चित तौर पर करेंगे. उधर राकांपा नेता संजय खोडके पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के झंडे को उंचा उठाये रखने की जवाबदारी है. इससे पहले महानगरपालिका में खोडके गुट की तूती बोला करती थी और कांग्रेस–राकांपा आघाडी की सत्ता रहते समय मनपा में सत्ता एक तरह से खोडके गुट की ही थी. उधर दूसरी ओर भाजपा के शहराध्यक्ष किरण पातुरकर तथा मनपा के पूर्व सभागृह नेता तुषार भारतीय सहित भाजपा के सभी नेता अपनी पिछली सफलता को दोहराने के लिए अभी से काम पर लग गये है. वहीं बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा भी आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपनी युवा स्वाभिमान पार्टी को मनपा चुनाव के लिए तैयार कर रहे है, ताकि मनपा में अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव के लिए आसान राह तैयार की जा सके. जिसकी वजह से मनपा चुनाव के चलते अमरावती और बडनेरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रोें में अभी से राजनीतिक गहमागहमीवाला माहौैल है.