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सितंबर के बाद ही होंगे मनपा के चुनाव!

सुप्रीम कोर्ट की जल्दबाजी नहीं आयेगी काम

* एक माह के भीतर चुनाव करवाने में होगी काफी दिक्कतें
* प्रभागनिहाय मतदाता सूची व आरक्षण के ड्रॉ में ही लगेगा दो माह का समय
* चुनाव की तारीखों को लेकर लगातार गहरा रहा संभ्रम
अमरावती/दि.18- गत रोज अमरावती महानगर पालिका द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मनपा की प्रभाग रचना को लेकर अंतिम सूची घोषित की गई. जिसमें प्रारूप प्रभाग रचना को कुछ संशोधनों के साथ अंतिम प्रभाग रचना के तौर पर जारी किया गया. इसे जल्द ही राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अपनी मान्यता प्रदान करने हुए इस संदर्भ में अधिसूचना जारी की जायेगी. वहीं राज्य निर्वाचन आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने भी जिन इलाकों में फिलहाल बारिश नहीं हो रही, या जहां पर बारिश थोडा विलंब से शुरू होती है, उन क्षेत्रों की स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव पहले करवाने के निर्देश दिये है. ऐसे में अब सभी की निगाहें निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों को लेकर की जानेवाली घोषणा की ओर लगी हुई है.
बता दें कि, ओबीसी आरक्षण को लेकर पैदा हुए कानूनी गतिरोध की वजह से महानगर पालिका सहित सभी स्थानीय स्वायत्त निकायो के चुनाव अधर में लटक गये है और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म हो जाने की वजह से महानगर पालिका व जिला परिषद सहित सभी स्थानीय स्वायत्त निकायों में प्रशासक की नियुक्ति की गई है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग को दो सप्ताह के भीतर स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के संदर्भ में निर्देश दिये गये है. जिसके बाद माना जा रहा था कि, आगामी एक-डेढ माह में स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव करवाये जायेंगे. किंतु चूंकि अगले माह से बारिश का मौसम शुरू होने जा रहा है, जो सितंबर माह तक चलेगा. ऐसे में निर्वाचन आयोग ने बारिश के मौसम दौरान चुनाव करवाने को लेकर अपनी असमर्थता दर्शाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा पेश किया है. जिसमें सितंबर माह के बाद चुनाव करवाये जाने का निवेदन किया गया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने गत रोज हुई सुनवाई के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को जहां हाल-फिलहाल बारिश नहीं हो रही, उन क्षेत्रोें में पहले चुनाव करवाने का निर्देश दिया और राज्य में चरणबध्द ढंग से स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव करवाने की बात कही. ऐसे में अब इस बात को लेकर संभ्रम बना हुआ है कि, अब निर्वाचन आयोग द्वारा कौनसा अगला कदम उठाया जाता है तथा चुनाव की तारीखों को लेकर क्या फैसला किया जाता है.
राजनीतिक क्षेत्र के जानकारों के मुताबिक भले ही सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को चुनाव करवाने के बारे में निर्देश जारी किया है, लेकिन इस निर्देश पर कैसे व किस तरह अमल करना है, इसका निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग को ही लेना होगा. क्योंकि अभी तो केवल अंतिम प्रभाग रचना को तय करने का काम पूरा हुआ है. इसके बाद मतदाता सूची का प्रभागनिहाय विभाजन करते हुए सभी प्रभागों की प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित कर उस पर आपत्ति व आक्षेप मंगाये जायेंगे. जिस पर सुनवाई करते हुए अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जायेगी. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इससे पहले अमरावती मनपा क्षेत्र में चार सदस्यीय प्रभाग हुआ करती थी, वहीं अब मनपा के चुनाव हेतु तीन सदस्यीय प्रभाग रचना को अमल में लाया जा रहा है. साथ ही पिछली बार की तुलना में इस बार मनपा सदस्यों व प्रभागों की संख्या में भी वृध्दि की गई है. ऐसे में प्रभागनिहाय मतदाता सूची के विभाजन व प्रकाशन का काम करने के साथ ही आपत्ति व आक्षेपों पर सुनवाई करते हुए अंतिम मतदाता सूची तैयार करने हेतु कम से कम 45 दिनों का समय लगेगा. वहीं इसके उपरांत महिला तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति संवर्ग के आरक्षण का ड्रॉ निकालते हुए आरक्षित रहनेवाली सीटों को नोटीफाय करने की प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी. जिसमें 15 दिन का समय लगना अपेक्षित है. यानी जून व जुलाई माह इन्हीं दो कामों को पूर्ण करने में बीत जायेंगे. इसके उपरांत राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावी कार्यक्रम की घोषणा की जायेगी. किंतु इस समय तक अगस्त माह शुरू हो चुका रहेगा और इस दौरान अच्छी-खासी बारिश का मौसम रहेगा. जिसके चलते अगस्त व सितंबर माह के दौरान चुनाव करवाना किसी भी लिहाज से संभव नहीं रहेगा. ऐसे में पूरी उम्मीद है कि, सितंबर माह के बाद ही राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. राज्य निर्वाचन आयोग एवं विधानभवन में अच्छी-खासी पैठ व पकड रखनेवाले विश्वसनीय सूत्र द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य निर्वाचन आयोग को जून माह में चुनाव करवाने को लेकर अनिवार्य तौर पर कोई आदेश नहीं दिये है, बल्कि यह कहा है कि, चुनाव हेतु आवश्यक सभी कामों को पूर्ण करते हुए बारिश की स्थिति को देखकर राज्य में चरणबध्द ढंग से चुनाव करवाये जाये. जिसका सीधा मतलब है कि, राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा विगत मार्च माह में स्थगित हुए कामों को अब शुरू किया जाये और तय समय के भीतर इन कामों को पूर्ण करते हुए इसके बाद बारिश की स्थिति के मद्देनजर चुनावी कार्यक्रम की घोषणा की जाये. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रभाग रचना, प्रभागनिहाय मतदाता सूची का विभाजन व प्रकाशन तथा आरक्षण के ड्रॉ की प्रक्रिया को पूर्ण किया जायेगा. जिसमें कम से कम दो माह का समय लगना अपेक्षित है और इसके बाद चुनाव करवाये जाने को लेकर निर्णय लिया जायेगा. यह निर्णय लेते समय बारिश के मौसम और बरसात की संभावनाओं को भी ध्यान में रखा जायेगा.

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