हरित लवाद के खिलाफ मनपा सुप्रीम कोर्ट में
47 करोड रूपयों के दंड से बचने का प्रयास, याचिका दाखिल
अमरावती/दि.11 – सुकली कंपोस्ट डिपो मामले में राष्ट्रीय हरित लवाद (एनजीटी) द्वारा अमरावती महानगरपालिका पर लगाया गया 47 करोड रूपयों का दंड माफ किया जाये. इस आशय की अपील अमरावती मनपा द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की गई है. विगत मंगलवार 9 दिसंबर को सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई अपील में निवेदन किया गया है, कि एनजीटी को दंड की रकम मांगने से तत्काल रोका जाये.
बता दें कि, सुकली कंपोस्ट डिपो की वजह से हो रहे प्रदूषण के खिलाफ कुछ समाजसेवकों द्वारा राष्ट्रीय हरित लवाद के पास शिकायत की गई थी. जिसके बाद लवाद ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के माध्यम से मनपा द्वारा सुकली कंपोस्ट डिपो पर किये जा रहे कामों की जानकारी प्राप्त की. साथ ही सुकली कंपोस्ट डिपो की वजह से आज तक हुए नुकसान का आकलन कर दंड निश्चित करने का आदेश जारी किया. इसके अंतर्गत एनजीटी ने 47 करोड रूपयों का दंड निर्धारित करते हुए अमरावती मनपा को दंड की राशि भरने का आदेश दिया था. इस मामले में एनजीटी द्वारा अगली सुनवाई आगामी 16 दिसंबर को होनेवाली है. किंतु इससे पहले ही अमरावती मनपा ने इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है.
मनपा के विधि अधिकारी श्रीकांत चौहान इस मामले में सभी कानूनी प्रक्रिया को पूर्ण कर रहे है और याचिका दाखिल करने हेतु वे विगत रविवार को ही दिल्ली के लिए रवाना हो गये थे. ज्ञात रहे कि, पहले ही कमजोर आर्थिक स्थिति में रहनेवाली अमरावती महानगर पालिका के लिए 47 करोड रूपयों के दंड की रकम काफी अधिक है और इसे माफ करवाने के लिए मनपा द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है. मनपा ने विगत एक वर्ष के दौरान बायोमायनिंग सेंटर, सुकली कंपोस्ट डिपो व खाद निर्मिती प्रकल्प के संदर्भ में अपने द्वारा किये गये कामोें की जानकारी भी सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में दर्ज की है.
- मनपा ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील करते हुए याचिका दाखिल की है. मनपा के लिए 47 करोड रूपये के दंड की राशि काफी अधिक है. अत: हम पूरा प्रयास कर रहे है कि, हमें इससे राहत मिले.
– प्रशांत रोडे
आयुक्त, अमरावती मनपा.