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फायर ऑडिट की फीस 100 गुना ज्यादा वसूल रही मनपा

अमरावती मनपा में एक और घोटाला

* सांसद डॉ. अनिल बोंडे भी इसका शिकार
* मनपा आयुक्त कह रहे ‘फीस’ बराबर ले रहे
* सोया है मनपा का आडिट विभाग
* फायर ऑडिट का डर बताकर करोड़ों की ज्यादा वसूली
* कहाँ गए करोड़ों रुपए?
अमरावती/दि.12- अमरावती मनपा अनेक मायनों में अनोखी कही जाती है. यहां कब किस मामले में घपला हो जाए, कह नहीं सकते. उसमें भी अब नई घटना जुड़ गई है. जिसके अनुसार फायर ऑडिट के नाम पर 100 गुना अधिक शुल्क वसूला जा रहा है. अनेक प्रतिष्ठानों, अस्पतालों, दूकानों, इमारतों को नोटीस भेजी गई है. इसके पहले ही दोबारा ऑडिट करने के नाम पर किसी से हजारों किसी से लाखों की वसूली शुल्क के नाम पर कर ली गई. जिसमें राज्यसभा सदस्य डॉ. अनिल बोंडे भी मनपा की इस वसूली का शिकार बनने की खबर है. बड़ी बात यह है कि मनपा का आर्थिक अंकेक्षण विभाग भी शायद सो रहा है. उसने फायर ऑडिट के नाम पर की जा रही करोड़ों की वसूली को लेकर कभी कोई प्रश्न नहीं उठाया. फिर किस बात का ऑडिट किया गया?
* भारी भरकम वसूली के नोटीस
मनपा के दमकल विभाग ने भारी भरकम रकम की डिमांड नोटीस शहर में अनेक इमारतों, अस्पतालों को भेजी है. जिसमें अग्निसुरक्षा कानून का उल्लेख कर नियम और उपनियम के अनुसार नोटीस दिए जाने का जिक्र है. नियमों का हवाला देकर इमारत के पहले फायर ऑडिट की फीस उसकी जगह और कुल निर्माण को देखकर लिए जाने का जिक्र है. पहली फायर ऑडिट की फीस निश्चित ही अधिक रही है. किन्तु एक वर्ष में एक बार दोबारा फायर ऑडिट कराने का नियम है. जिसकी फीस मनपा बहुत भारी वसूल करने की शिकायत प्राप्त हुई है.
* मनपा वसूल रही 100 गुना फीस
मनपा इमारत का पहला फायर ऑडिट कर प्रमाण पत्र देने के लिए भारी शुल्क वसूल रही है. वहीं दोबारा फायर ऑडिट कराने पर उसकी फीस पहले शुल्क का शून्य दशमलव एक प्रतिशत रहनी चाहिए. किन्तु यहीं दूसरी और तीसरी बार फायर ऑडिट कराने पर अमरावती मनपा के दमकल विभाग ने 100 गुना फीस की नोटीस शहर के अनेक चिकित्सक, प्रोफेशनल्स और कमर्शियल इमारतों को भेजी है.
* सांसद को नोटीस
राज्यसभा सदस्य डॉ. अनिल बोंडे के राजापेठ स्थित अस्पताल को पुनः फायर ऑडिट कराने के शुल्क के नाम पर 1 लाख 2 हजार रुपए का नोटीस मनपा ने दिया है. जबकि यह शुल्क केवल 1200 रुपए रहना चाहिए. नियम यही कहता है. बावजूद इसके ऐसे कई उदाहरण है. अमरावती मंडल को अनेक लोगों ने अपनी नोटीस की कॉपी भेजकर 100 गुना अधिक वसूली की तरफ ध्यान दिलाया.
* नोटीस की भाषा भी आक्रमक
फायर विभाग ने न केवल अग्निसुरक्षा के नाम पर पुनः ऑडिट के लिए अनेक प्रतिष्ठितों को नियमबाह्य शुल्क की नोटीस जारी की, बल्कि इन सूचनाओं की भाषा भी बड़ी आक्रमक रही है. मनपा की कार्रवाई का डर बताया गया है. जिससे कई लोगों ने भुगतान भी कर दिया ताकि मनपा की किसी कार्रवाई से बचा जा सके. राजापेठ क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित ने हजारों की फीस का भुगतान तुरंत कर दिया.
* आइएमए शिष्टमंडल मिला
इंडियन मेडिकल असो. के प्रतिनिधि मंडल को उसके अनेक सदस्यों द्वारा फायर ऑडिट के नाम पर मनपा से लाखों रुपए की फीस के नोटीस मिलने की शिकायत की थी. अतः आयएमए के सभासदों ने अपने अध्यक्ष डॉ. अश्विनी देशमुख के नेतृत्व में आयुक्त देवीदास पवार से मुलाकात की. पवार ने इस बारे में शीघ्र बैठक लेकर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
* उपस्थित हुए अनेक प्रश्न
मनपा की मनमानी कार्रवाई को लेकर शहर के प्रबुद्धजनों में नाना प्रकार के प्रश्न भी उठे हैं. कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि यह सरासर बड़ा घोटाला है, जिसमें दमकल विभाग के साथ ऑडिट विभाग भी मिला हुआ हो सकता है. आखिर मनपा के लेखाजोखा का अंकेक्षण करने वाले ऑडिटर्स की भी कोई जिम्मेदारी होती है या नहीं? यह प्रश्न उठाते हुए एक जानकार ने इसे लापरवाही या चूक मानने से भी इंकार किया. खुल्लमखुल्ला लूट का आरोप मढ़ा. सवाल यह भी है कि अग्नि सुरक्षा नियमों का मनमाना अर्थ किसने निकाला? मनपा के कौन अधिकारी इसके जिम्मेदार है? इसी प्रकार 100 गुना अधिक वसूली किए जाने पर वह राशि मनपा क्या और कैसे लौटाएगी?

* इतनी फीस तो कितना हो जाएगा मनपा का बजट?
फायर ऑडिट के प्रति वर्ष कराए जाने पर मनपा अभी 100 गुना शुल्क वसूल रही है. एक-एक इमारत को लाखों रुपए भुगतान करने कहा जा रहा है. ऐसे ही चलता रहा तो मनपा का बजट कई गुना बढ़ जाएगा. यह संभावना एक जानकार ने व्यक्त की. उन्होंने कहा कि बिल्डिंग एरिया और उसके व्यवसायिक रहने पर फायर ऑडिट शुल्क अलग-अलग है. पहली फीस का दूसरी और तीसरी बार और प्रत्येक बार ऑडिट कराने पर 0.1 प्रतिशत लेने का स्पष्ट प्रावधान कानून में है. नियम का अपने हिसाब से अर्थ लगाकर मनपा मनमानी और भारी भरकम वसूली कर रही है. जिससे शहर की लाखों इमारतों से मनपा को केवल फायर ऑडिट से ही अरबो रुपए मिलने की संभावना है.


* आयुक्त कहते हैं शुल्क नियमानुसार
आयुक्त देवीदास पवार से इस बारे में बात की तो पहले तो उन्होंने वसूली नियमानुसार होने की बात कही. फिर कबूल किया कि फायर ऑडिट दूसरी बार, तीसरी बार करवाने पर भारी शुल्क के विरोध में कई लोग शिकायत लेकर आये हैं. जिस पर वे संबंधित विभाग से चर्चा कर जल्द ही इस मामले का हल निकालेंगे.

 

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