अमरावती

जर्जर इमारतों को लेकर मनपा ने जारी की गाईडलाईन

सी-1 श्रेणी की इमारतों के खिलाफ होगी कार्रवाई

* किराएदारों व कब्जाधारकों के अधिकार रहेंगे सुरक्षित
अमरावती/दि.14– मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर द्वारा गत रोज शहर में स्थित जर्जर व खस्ताहाल स्थिति में पहुंच चुकी पुरानी इमारतों को लेकर एक बार फिर गाइड लाइन व नीति घोषित की गई है. जिसमें कहा गया है कि, शहर में स्थित सरकारी व अर्ध्य सरकारी इमारतों सहित निजी इमारतों की स्थिति को तय करने के लिए एक प्रक्रिया तय कर दी गई है. इसके तहत जर्जर व खस्ताहाल स्थिति में पहुंच चुकी पुरानी इमारतों को सी-1 श्रेणी में शामिल करने के लिए किस तरह की जांच पडताल की जाए और किस प्रक्रिया का पालन हो, यह निर्धारित कर दिया गया है.
इस पॉलिसी के तहत किसी भी इमारत को सी-1 श्रेणी में शामिल करने से पहले पूरी पारदर्शकता के साथ टेस्टिंग प्रक्रिया का पालन किया जाएंगा और ऐसी इमारतों को ढहाने से पहले इन इमारतों में रहने वाले किराएदारों व कब्जाधारकों के अधिकारों को भी सुरक्षित रखना मनपा की जिम्मेदारी होगी. इसके साथ ही सी-1 श्रेणी में पहुंच चुकी इमारतों को खाली कराने और जरुरत पड़ने पर ऐसी इमारतों को गिराने के लिये तमाम आवश्यक कदम उठाये जायेंगे. साथ ही उन्होंने ऐसी इमारतों में रहने वाले लोगों से इमारत को तुरंत खाली कर देने और इमारत मालिकों से अपनी संपत्ति का किसी प्राधिकृत एजंसी के जरिए स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाने हेतु कहा है.
इस संदर्भ में मनपा की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया गया कि, सी-1 श्रेणी में शामिल इमारतों को ढहाने के बाद जब तक इमारत मालिक तथा किराएदार व कब्जाधारक के बीच सामंजस्य करार नहीं होगा, तब तक इमारत मालिक को संबंधित जगह पर पुनर्निर्माण की अनुमति भी नहीं मिलेगी. चूंकि इससे पहले जर्जर इमारतों में किराएदारों व कब्जाधारकों के अधिकारों का संरक्षण नहीं हो पाता था, तो उसके चलते कोर्ट मेें लंबे समय तक मुकदमेबाजी होती थी. लेकिन अब मनपा द्बारा घोषित नई पॉलिसी में किराएदारों व कब्जाधारकों को संरक्षण मिल रहा है, तो ऐसी मुकदमेबाजी या लिटीगेशन का सवाल ही पैदा नहीं होगा. साथ ही इस जरिए जर्जर इमारत के नाम पर होने वाले नियमों के दुरुपयोग पर भी प्रतिबंध लगेगा.
उल्लेखनीय है कि, विगत 30 अक्तूबर को प्रभात चौक के पास स्थित राजेंद्र लॉज की इमारत ढह गई थी. जिसकी वजह से निचली मंजिल स्थित राजदीप बैग हाउस में काम कर रहे 5 लोगों की मलबे के नीचे दबकर मौत हो गई थी. इसके बाद से ही शहर में स्थित जर्जर व खस्ताहाल हो चुकी पुरानी इमारतों को गिराने और ऐसी इमारतों में रहने वाले लोगों के अधिकारों को संरक्षित करने हेतु नीति बनाए जाने की मांग जोर पकड रही थी. जिसके फलस्वरुप गत रोज मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर ने मनपा के विधि विभाग के सहयोग से खस्ताहाल हो चुकी पुरानी इमारतों के संदर्भ में मनपा द्बारा अमल में लाई जाने वाली नई नीति घोषित किए. जिसमें इससे पहले हाईकोर्ट द्बारा दिए गए फैसलों का आधार लिया गया है.

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