अमरावती

मनपा शालाएं भी हुई स्मार्ट व एक्टिव

चपरासीपुरा स्थित मनपा शाला में डॉक्टरों व इंजीनिअरों के बच्चों का भी प्रवेश

अमरावती/दि.30- निजी प्राथमिक शालाओं के साथ स्पर्धा करते हुए अब महानगरपालिका की प्राथमिक शालाएं भी मार्केटिंग में उतरते हुए स्मार्ट व एक्टिव हो गई है. इन शालाओं की घटती पटसंख्या को बढाने के लिए किये जानेवाले उपायों के तौर पर कृतियुक्त अध्ययन के साथ ही सेमी अंग्रेजी, फुल अंग्रेजी, कंप्यूटर, ग्रंथालय तथा शाला के विविध उपक्रमों का अब बैनर, पोस्टर के जरिये प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. जिससे सफलता मिलनी शुरू हो गई है और अब डॉक्टरों व इंजीनिअरों द्वारा भी अपने बच्चों को मनपा शाला में दाखिल दिलाया जा रहा है. गत रोज शहर की सभी शालाओं में शैक्षणिक सत्र के पहले दिन प्रवेशोत्सव मनाया गया, लेकिन चपरासीपुरा स्थित मनपा की मराठी शाला में शालेय सत्र का पहला दिन सबसे अलग रहा. क्योंकि यहां पर अंग्रेजी माध्यम की पहली कक्षा में चार प्राध्यापकों सहित एक डॉक्टर, विस्तार अधिकारी एवं मनपा के कार्यकारी अभियंता के बच्चे विद्यार्थी के तौर प्रवेशित हुए. उल्लेखनीय है कि, इससे पहले मनपा शालाओं को मुलभूत भौतिक सुविधाओं सहित मौजूदा दौर की आधूनिक व तकनीकी शिक्षा से दूर माना जाता था. लेकिन विगत कुछ वर्षों के दौरान यह धारणा पूरी तरह से बदल गई है. आज अमरावती शहर में महानगरपालिका की 63 शालाएं है. जिनमें करीब 40 हजार छात्र-छात्राएं प्रवेशित है. इस समय सरकार की नीतियों के चलते सभी शालाएं डिजीटल हो रही है और मनपा शालाओं में भी अब ‘ई-लर्निंग’ के माध्यम से पढाई-लिखाई की जाती है. साथ ही सभी बच्चों को पहले ही दिन नि:शुल्क किताबे मिलती है और लाभार्थी संवर्ग के विद्यार्थियों को शालेय गणवेश की दो जोडियां भी नि:शुल्क दी जाती है. ऐसे में ही इस वर्ष विधायक सुलभा खोडके के निर्देशानुसार महानगरपालिका की 20 शालाओं में केजी-1, केजी-2 तथा कक्षा 1 ली को अंग्रेजी माध्यम से शुरू किया गया. जिसके लिए मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने बेहद सूक्ष्म नियोजन किया. ऐसे में इन 20 शालाओं में से एक चपरासीपुरा स्थित मनपा शाला में अंग्रेजी माध्यमवाली नर्सरी, केजी-1 व केजी-2 के लिए 80 बच्चों का प्रवेश हुआ. वहीं कक्षा 1 ली में भी 40 विद्यार्थियों के प्रवेश हुए है. इस शाला में अंग्रेजी सहित मराठी व उर्दू ऐसे तीनों माध्यम की पटसंख्या 450 से उपर जा पहुंची है. गत रोज शैक्षणिक सत्र के पहले दिन विद्यार्थी के रूप में स्कूल पहुंचे अपने बच्चे के साथ आयी डॉक्टर महिला ने सभी विद्यार्थियों को अपनी ओर से स्कूली बैग वितरित की.

* स्कूल में पांच लाख की डिजीटल स्क्रिन
बच्चों को ई-लर्निंग के जरिये पढाने हेतु चपरासीपुरा स्थित मनपा शाला में पांच लाख रूपये की डिजीटल स्क्रिन लगायी गई है. जिसके जरिये बच्चों को पढाया जाता है. साथ ही इस शाला की इमारत का सुशोभिकरण करते हुए शाला परिसर में सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये है. शाला में शैक्षणिक स्तर और मुलभूत सुख-सुविधाओं का स्तर बढने के चलते गरीबों के बच्चों के साथ-साथ समाज के अन्य घटकों के विद्यार्थी भी अब मनपा शाला में प्रवेशित होने लगे है. इस आशय की प्रतिक्रिया प्रवेशोत्सव के समय उपस्थित पूर्व पार्षद बबलू शेखावत द्वारा दी गई.

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