* जल्द ही दुबारा शुरु होगी कार्रवाई
अमरावती/दि.31– शहर की सुंदरता में ग्रहण जैसा प्रतित होने वाले अवैध केबलों के जंजाल से शहर को निजाद मिलने की उम्मीद मनपा द्बारा बुधवार को शुरु किये गये केबल तोडने की कार्रवाई से जगी थी. लेकिन मनपा ने अचानक ही संबंधित कार्रवाई रोक देने से नागरिकों की वायरों के जालमुक्त शहर का सपना धूमिल हो गया है. राजनीतिक दबाव के चलते यह कार्रवाई रोके जाने की जानकारी है.
शहर के सभी इलेक्ट्रीक खंबे महानगरपालिका की प्रॉपर्टी है. वहीं किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रीक खंबों पर से केबल के वायर डालने को अनुमति नहीं है. उसी प्रकार सेंट्रल गर्वमेंट के फ्रि-वे प्रोविजन अंतर्गत इलेक्ट्रीक के खंबों पर से किसी भी प्रकार के केबल डालने को अनुमति नहीं दी जा सकती. जिससे शहर में फैले अवैध केबल के जाल को खत्म करने के लिए मनपा प्रशासन ने बुधवार को संबंधित अनधिकृत केबल तोडने की सराहनीय कार्रवाई शुरु तो की लेकिन कार्रवाई शुरु करने के कुछ ही घंटों बाद प्रशासन ने अपने कदम पीछे ले लिये. इसके लिए प्रशासन की कार्रवाई दौरान इंटरनेट के कनेेक्शन कटने से कई निजी व सरकारी कार्यालयों का कामकाज ठप होने का हवाला मनपा आयुक्त तथा प्रशासक डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने दिया. लेकिन राजनीतिक दबाव में ही संबंधित निर्णय बदलने की चर्चा मनपा गलियारें में है.
* पेडों पर से नहीं डाल सकते केबल
महानगरपालिका के उपायुक्त सुरेश पाटील ने बताया कि, शहर में जो केबलों का जंजाल फैला है, उसकी किसी भी प्रकार की अनुमति संबंधित केबल संचालकों ने ली नहीं है. इसलिए बुधवार को संबंधित केबल कनेक्शन तोडने की कार्रवाई प्रशासन द्बारा शुरु की गई थी. लेकिन केबल संचालकों द्बारा अनुरोध किये जाने के बाद अब उन्हें अपने केबल निकालने के लिए 8 दिनों का समय दिया गया है. उसके बाद अनधिकृत केबल कांटने की कार्रवाई फिर शुरु की जाएगी. इस वक्त उन्होंने विषय उल्लेख कर बताया कि, जिस प्रकार इलेक्ट्रीक के खंबों पर से केबल के वायर नहीं डाले जा सकते, उसी प्रकार पेड पर से भी केबल के वायर डालने को मनायी है. इसके लिए संबंधित केबल संचालकों को अन्य विकल्पों पर काम करना पडेगा. संबंधित वायर मनपा के माध्यम से अंडर ग्राउंड डालने पर भी विचार किया जा सकता है.