अमरावती/प्रतिनिधि दि.७ – कोरोना संक्रमण का सबसे अधिक विपरित परिणाम शहर परिवहन की बसों पर पड रहा है. पिछले करीब एक वर्ष से इन बसों के पहिए थमें हैं. संक्रमण की वजह से जीवन प्रणाली में बदलाव देखा गया है. इसी तर्ज पर परिवहन सेवा अंतर्गत मनपा व्दारा संचालित अपनी बस सेवा को अनुकूल बनाने के लिए जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है, ताकि इन सेवाओं को पूर्व रुप से संचालित किया जा सके. निजी बस सेवा को आधार बनाकर शहर परिवहन की सेवाओं में भी बदलाव करने की तैयारी है.
संक्रमण की शुरुआत से पहले अमरावती शहर की सडकों पर रोजाना 25 बसें दौड रही थी. इन बसों में प्रतिदिन करीब 30 हजार यात्री सफर करते थे और डेढ लाख रुपए की आमदनी भी हो रही थी, लेकिन वर्तमान में एक भी बस संचालित नहीं हो रही है और परिवहन सेवा के जरिए होने वाली आमदनी शून्य हो गई है. अमरावती मनपा को पूर्ण क्षमता से इन बसों का संचालन करने में हर माह 60 हजार लाख के करीब खर्च आएगा. जबकि इसके जरिए प्रतिमाह 23 लाख की आमदनी होगी. मौजूदा स्थिति को देखते हुए मनपा व्दारा परिवहन की सेवाओं में बदलाव किए जाने की तैयारी की जारही है. अमरावती शहर में बडी संख्या में बडनेरा, रहाटगांव जैसे क्षेत्रों के नागरिक काम करते हैं. इनके लिए शहर परिवहन की बसें आवाजाही का बेहतर माध्यम हैं, लेकिन यह सेवाएं उपलब्ध न होने की वजह से मजबूरन सभी को निजी यातायात पर ही निर्भर रहना पडता है. इसके अलावा खाली पडी बसों के रखरखाव का नुकसान भी मनपा को उठाना पड रहा है.