अमरावती

मनपा लगाएगी गैनन डंकले पर प्रतिमाह 44 लाख रुपए का दंड

पीएम आवास योजना के 860 में से 610 फ्लैट का काम पडा है अधुरा

* काम में देरी को लेकर मनपा ने जारी की शोकॉज नोटीस
* योजना के क्रियान्वयन में शुरुआत से हो रही नियमों की अनदेखी
अमरावती/ दि.3 – केंद्र व राज्य सरकार व्दारा दी गई दो समयावृध्दि के खत्म होने के बाद भी पीएम आवास योजना के घटक क्रमांक 3 में करीब 610 फ्लैट का निर्माण अधुरा रखने वाली गैनन डंकले कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जीडीसीएल) कंपनी को महानगरपालिका ने शोकॉज नोटीस जारी की है. जिसमें कहा गया है कि, काम की प्रगति समाधानकारक नहीं रहने के चलते कंपनी पर प्रतिमाह 44 लाख रुपए का दंड क्यों न लगाया जाए. इस दंडात्मक नोटीस को लेकर मनपा के निर्माण विभाग ने जबर्दस्त गोपनियता रखी है.
जानकारी के मुताबिक विगत एक वर्ष से जीडीसीएल का काम पूरी तरह से बंद पडा है और 860 में से 610 फ्लैट्स अपूर्ण रहने के बावजूद भी खुद मनपा के कुछ अधिकारियों ने जीडीसीएल कंपनी की बडाई करते हुए आयुक्त आष्टीकर की दिशाभुल करना जारी रखा. वहीं अब सरकार व्दारा दी गई दो समयावृध्दि की अवधि भी खत्म होने के बाद मनपा ने जीडीसीएल को नोटीस जारी करने की हिम्मत दिखाई है.
बता दें कि, पीएम आवास योजना के घटक क्रमांक 3 में बनाए जाने वाले 860 फ्लैट्स में से अब तक केवल 250 फ्लैट लाभार्थियों को वितरित किये गए है. वहीं 610 फ्लैट का निर्माण अंतिम चरण में रहने का दावा मनपा व्दारा किया गया है. परंतु हकीकत में विगत एक वर्ष से उन 610 लाभार्थियों व्दारा मनपा के चक्कर कांटे जा रहे है और ठेकेदार की लापरवाही के चलते ‘हर एक के लिए घर’ योजना अब घर्र-घर्र करने लगी है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, मूल ठेकेदार कंपनी ने करार नामे की अनदेखी करते हुए काम पूरा करने के लिए अपने मन से ही ‘सब कॉन्ट्रैक्टर’ की नियुक्ति की. जिसकी वजह से अच्छी-खासी योजना का अमल से पहले ही सत्यानाश हो गया. बार-बार समयावृध्दि दिये जाने के बावजूद भी जीडीसीएल ने हमेशा ही मनपा प्रशासन को ठेंगा दिखाया. लेकिन आज तक कंपनी के खिलाफ मनपा प्रशासन व्दारा कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई और दंड के रुप में एक नया पैसा भी वसूल नहीं किया गया.

ऐसी थी योजना
पीएम आवास योजना में भागीदारी के तहत माफक दराेंं पर घर इस घटक क्रमांक 3 में मनपा क्षेत्र अंतर्गत 860 फ्लैट्स का निर्माण करने हेतु वर्ष 2018 में निविदा प्रक्रिया शुरु की गई और मुंबई की जीडीसीएल कंपनी के साथ जुलाई 2018 में करारनामा किया गया था. इस समय स्पष्ट रुप से यह शर्त उल्लेखित की गई थी कि, 61.49 करोड रुपए का यह निर्माण ठेका जीडीसीएल व्दारा अन्य किसी को हस्तांतरित नहीं किया जाएगा, परंतु इसके बावजूद जीडीसीएल ने मनपा प्रशासन को सूचित किये बिना निर्माण कार्य का ठेका ईटीपीएल नामक कंपनी को सौंपा. लेकिन इसके लिए मनपा प्रशासन व्दारा जीडीसीएल को सामान्य शोकॉज नोटीस भी जारी नहीं की गई.

दिसंबर की डेडलाइन चुकी
करार नामे के मुताबिक जुलाई 2020 में जीडीसीएल व्दारा 860 फ्लैट्स का निर्माण कर लाभार्थियों को उनके घर का ताबा देना था. परंतु मार्च 2020 में कोविड व लॉकडाउन के चलते जीडीसीएल को 9 माह की समयावृध्दि दी गई, लेकिन 3 अप्रैल 2021 तक भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया. इसकी वजह से जीडीसीएल को एक बार फिर 31 दिसंबर 2022 तक समय दिया गया. इससे पहले केवल 250 फ्लैट्स का ताबा संबंधित लाभार्थियों को मिला. वहीं शेष 610 फ्लैट्स का निर्माण पूरा करते हुए उनका ताबा संबंधित लाभार्थियों को देना मनपा प्रशासन के साथ ही मुख्य ठेकेदार कंपनी जीडीसीएल तथा उपठेकेदार कंपनी ईटीपीएल के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है.

शहर अभियंता पूरी तरह अनजान कैसे?
शहर अभियंता इकबाल खान ने इस नोटीस और कुल मिलाकर योजना की प्रगति को लेकर अपनी अनभिज्ञता दर्शायी. साथ ही इसके लिए पीएम आवास योजना के उपअभियंता सुनील चौधरी की ओर उंगली निर्देश किया. जबकि हकीकत यह है कि, प्रतिनियुक्ति पर रहने वाले अधिकारी खान के अख्तियार में ही पीएम आवास योजना व संबंधित ठेका नियुक्त अभियंता आते है. ऐसे में अपने ही अख्तियार में रहने वाले ठेकेदार को दी गई नोटीस के बारे में शहर अभियंता इकबाल खान व्दारा जताई गई अनभिज्ञता भी आश्चर्य और संदेह पैदा कर रही है.

अधूरे पडे फ्लैट्स का निर्माण पूरा करने हेतु जीडीसीएल को 31 मार्च तक अंतिम समयावृध्दि दी गई है. साथ ही जीडीसीएल पर प्रतिमाह दंड भी प्रस्तावित किया गया. पीएम आवास योजना के तहत बनाए जाने वाले कुल 860 में से 250 फ्लैट्स का अब तक लाभार्थियों को हस्तांतरण किया जा चुका है.
– सुनील चौधरी, उप अभियंता, पीएम आवास योजना

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