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प्रशासक राज में मनपा की 3.5 करोड की बचत

नगर सेवक का मानधन, भत्ता और स्वेच्छा निधि का खर्च बचा

अमरावती/ दि.20 – मनपा में प्रशासक राज लागू हुए अगले माह एक वर्ष पूर्ण हो जाएगा. प्रशासक राज में मनपा को लगभग 3.5 करोड के खर्च से निजात मिली है. अभी भी चुनाव के कोई संकेत नहीं है. जिससे मनपा की बचत का सिलसिला चलता रहेगा.
मनपा के चुनाव पिछले साल फरवरी में ही अपेक्षित थे. मार्च में मनपा सदन की मुदत पूर्ण हो गई थी. जिसके बाद 8 मार्च से प्रशासक राज मनपा में आया. फलस्वरुप महापौर, उपमहापौर, स्थायी समिति सभापति, विषय समिति सभापति भूतपूर्व हो गए. इसके साथ ही इन सभी पदाधिकारी और नगर सेवकों के मानधन, स्वेच्छा निधि और अन्य खर्च की मनपा की बचत हो गई.
मनपा के एक अधिकारी ने बताया कि, नगर सेवकों को 10 हजार रुपए मानधन दिया जाता है. इस हिसाब से लगभग 90 नगर सेवकों के मानधन पर मपना मोटे तौर पर 9-10 लाख रुपए प्रति माह खर्च करती. ऐसे ही पदाधिकारियों को वाहन भत्ता और अन्य सुविधाएं तथा कक्ष खर्च आदि मिलाकर प्रति माह दो लाख रुपए और मानधन जितना ही अन्य खर्च मिलाकर 9-10 लाख रुपए का व्यय हो जाता. गत 11 माह में लगभग 2 करोड रुपए की इन खर्चों की मनपा की बचत हो गई है. स्वेच्छा निधि भी लगभग 2 से 5 लाख रुपए रहती है. जो सभी नगर सेवकों को समसमान होती है. इन सभी ब्यौरे को मिला ले, तो मोटे तोैर पर 3 से 5 करोड की खर्च की बचत मनपा की हुई है.
अभी भी चुनाव होने की कुछ माह तक सभावना नहीं है. ओबीसी आरक्षण, प्रभाग रचना और सदस्य संख्या के कारण चुनाव, कोर्ट कचहरी में अटके है. जिससे मनपा पर प्रशासक राज और कुछ माह कायम रहने की पूर्ण संभावना है.

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