प्रतिनिधि/दि.११
अमरावती – मनपा के बाजार व परवाना विभाग के राजस्व में इस बार काफी कमी आयी है और आय के एक-एक स्त्रोत के मंदी की खायी में जाने की वजह से मनपा के सामने आर्थिक संकट तीव्र रूप धारण करने लगे है. इस विभाग को इस बार करीब ढाई करोड रूपयों का फटका लगने की संभावना जतायी जा रही है. बता दें कि, बाजार व परवाना विभाग को मनपा के व्यापारिक संकूलों सहित सांस्कृतिक भवन, बांबू गार्डन, शिव टेकडी, पार्किंग तथा हॉकर्स की चिल्लर वसूली के जरिये करीब तीन करोड रूपयों की आय होती है. किंतु इस बार मार्च माह के अंतिम सप्ताह से कोरोना के चलते लॉकडाउन लागू होने की वजह से इस विभाग के कामकाज और वसूली पर सीधा परिणाम पडा है. मार्च माह के बाद से सांस्कृतिक भवन पूरी तरह से बंद है, और वहां पर किसी भी तरह का कोई व्यवसायिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हो रहा. इसी तरह जून माह तक शहर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान व व्यापारिक क्षेत्र बंद रहने की वजह से उडान पूल के नीचे पार्किंग व हॉकर्स का व्यवसाय बंद था. हकीकत में यह सभी सेवाएं ठेके पर दी गई है और मनपा को ठेकेदारोें के जरिये रॉयल्टी के माध्यम से कुछ निश्चित रकम मिलती है. लेकिन ठेकेदारों ने भी बंद के कारण को सामने करते हुए मनपा को रक्कम अदा नहीं की. इसी तरह व्यापारिक संकूलों में दूकानधारकों द्वारा किराये के तौर पर मिलनेवाली रकम भी बकाया है. इस जरिये मनपा को करीब सवा करोड रूपयों का राजस्व मिलता है. जिसमें से करीब ८० लाख रूपये की वसूली बकाया है. इसके साथ ही विज्ञापन दरों का एक विषय भी अब तक प्रलंबित है और इस जरिये होनेवाली आय रूकी पडी है.