मनपा का ‘महाटेंडर’ हुआ फाइनल
विनोद ढोके की अमरावती नागरी सेवा संस्था ने मारी बाजी
* लोकल एजेंसी को मिला आउटसोर्सिंग का ठेका
* अन्य प्रतिस्पर्धी कंपनियों ने उठाई आपत्ति
* अब ठेके का मामला जा सकता हैं अदालत के सामने
अमरावती/दि.10- विगत तीन माह से अमरावती महानगरपालिका में कुशल व अकुशल मनुष्यबल की ठेके पर नियुक्ति किए जाने हेतु आउटसोर्सिंग एजंसी को जिम्मा सौंपे जाने की प्रक्रिया चल रही थी. जिसमें विभिन्न चरणों के बाद तीन एजेंसियों को फाइनेन्शियल बीड के लिए पात्र माना गया था. जिसमें से साई नगर परिसर में रहने वाले विनोद उर्फ बबलू जानराव ढोके नामक व्यक्ति व्दारा चलाई जाने वाली अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था मर्यादित को मनपा में कुशल व अकुशल मनुष्यबल की आपूर्ति का ठेका मिल गया हैं. विनोद ढोके व्दारा अपनी संस्था को 18 फरवरी 2001 को सहकारी संस्था उपनिबंधक कार्यालय में पंजीकृत कराया गया था और पंजीयन क्रमांक 315 रहनेवाली अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था मर्यादित के पास इससे पहले विभागीय संदर्भ सेवा रुग्णालय यानी सुपरस्पेशालिटी हॉस्पीटल में साफसफाई करने हेतु सफाई कर्मी को ठेके पर नियुक्त कर उपलब्ध कराने का भी जिम्मा हैं. साथ ही अब इस संस्था को अगले 3 वर्ष के लिए महानगरपालिका के लिए 351 पदों के लिए कुशल व अकुशल मनुष्यबल भी ठेके पर नियुक्ति करने का जिम्मा मिला हैं.
बता दें कि विगत कुछ दिनों से इस बात को लेकर भी उत्सुकता देखी जा रही थी कि, आखिर फाइनेन्शियल बीड में पहुंची कंपनियों में से किसे 3 वर्ष के लिए 29 करोड रुपए का यह ठेका मिलता हैं और इस बात का खुलासा बिती शाम उस वक्त हुआ, जब जेम पोर्टल पर इस काम के ठेके की जिम्मेदारी लोएस्ट वन यानी एल-1 रहनेवाली अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था मार्यादित नामक निविदाधारक को लिए जाने की घोषणा की गई. जिसका सीधा मतलब है कि, अब इसी एजेंसी व्दारा अगले 3 साल तक महानगरपालिका को 351 कुशल व अकुशल कर्मचारियों की ठेके पर आपूर्ति की जाएगी. जिसके लिए इस कंपनी को मनपा व्दारा प्रतिवर्ष 9 करोड 30 लाख रुपए के हिसाब से 3 साल के लिए 29 करोड रुपए का भुगतान किया जाएगा. किंतु वहीं दूसरी ओर इस ठेके हेतु देश में रहने वाली अन्य कंपनियों ने अमरावती नागरी सेवा सहकारी मर्यादित नामक संस्था को ऑउटसोर्सिंग के काम का ठेका दिए जाने को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज करायी हैं, ऐसे में अब इस संभावना को भी बल मिल रहा है कि, शायद यह मामला अदालती लडाई में फंस सकता हैं.
ज्ञात रहे कि इससे पहले 3 वर्ष तक अमरावती मनपा में आउटसोर्सिंग के काम का ठेका नोएडा स्थित इटकॉन्स नामक कंपनी के पास था और इस कंपनी के ठेके की अवधि करीब तीन माह पहले ही खत्म हो गई थी. जिसके चलते 19 अगस्त को मनपा व्दारा नई एजंसी की नियुक्ति हेतु निविदा प्रक्रिया शुरु की गई और 3 वर्ष के लिए 29 करोड रुपए की भारी-भरकम राशि रहने वाले इस ठेके को लेकर जेम पोर्टल पर ऑनलाइन निविदा प्रकाशित की गई. जिसके लिए 93 इच्छूकों ने आगे आकर अपनी निविदाएं प्रस्तुत की. जिसमें से टेक्निकल बीड में केवल 10 निविदाधारक पात्र रहे. इन 10 पात्र कंपनियों में अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, न्यू दिल्ली सेक्युरिटी सर्विसेस प्रा.लि., अवध सिक्युरेटी प्रा.लि., सेक्योरशिल्ड सर्विसेस प्रा.लि., स्वस्तिक स्वयं रोजगार संस्था, श्री गोेविंदा सफाई कामगार सहकारी कामगार संस्था, वर्कग्रुप सुशिक्षित बेरोजगार नागरी सेवा सहकारी संस्था, जानकी सुशिक्षित बेरोजगार नागरी सेवा सहकारी संस्था, अकॉर्ड सिक्युरेटी एण्ड अलाइड सर्विसेस प्रा.लि. तथा विगत अगस्त माह तक मनपा को आउटसोर्सिंग की सेवा देने वाली इटकॉन्स ई सोल्युशन प्रा.लि. इन कंपनियों का समावेश रहा. टेक्निकल बीड में न्यू दिल्ली सेक्युरिटी सर्विसेस प्रा.लि., अवध सिक्युरेटी प्रा.लि., सेक्योरशिल्ड सर्विसेस प्रा.लि. इन तीन कंपनियों को लोएस्ट वन पाया गया था. परंतु नियमों व शर्तो के पालन तथा स्थानीय एजंसी को प्राथमिकता देने के मुद्दे और सर्विस टैक्स 1 प्रतिशत से अधिक नहीं दिए जाने सहित कुछ तकनीकी नियमों की जांच के बाद सरकार के नियम पोर्टल पर टेक्निकल बीड में लोएस्ट-2 यानी एल-2 में रहनेवाली अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को फाइनल बीड में एल-1 का स्थान मिला. जिसके चलते इस संस्था को 3 वर्षो के लिए मनपा का आउटसोर्सिंग ठेका दिए जाने की बात तय हो गई. ऐसे में अब अगले 3 वर्ष तक अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था व्दारा अमरावती महानगरपालिका को ठेका पद्धति पर अभियंता, शिक्षक, शारीरिक शिक्षक, निरिक्षक, कम्प्युटर ऑपरेटर, सिपाही व कुली जैसे 351 अलग-अलग पदों पर कुशल व अकुशल मनुष्यबल की आपूर्ति करनी होगी. जिसकी ऐवज में मनपा व्दारा इस एजंसी को प्रतिवर्ष 9 करोड 30 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा.
* अब शुरु हुआ आपत्ति व आक्षेप का दौर
जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि, इस ठेका प्रक्रिया के टैक्निकल बीड पश्चात फाइनेन्शियल बीड में न्यू दिल्ली सेक्युरिटी सर्विसेस प्रा.लि., अवध सिक्युरेटी प्रा.लि., सेक्योरशिल्ड सर्विसेस प्रा.लि. इन 3 कंपनियों के नाम ही पहुंचे थे और इन तीनों नामों में अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था के नाम का समावेश नहीं था, बल्कि अमरावती की यह एजंसी लोएस्ट-2 में शामिल थी. जिसे बाद में लोएस्ट-1 श्रेणी में शामिल किया गया था. ऐसे में अब यह आरोप लग रहा है कि, चूंकि दीपावली के आस-पास ही फाइनेन्शियल बीड में शामिल हुई तीनों कंपनियों के नामों का लगभग खुलासा हो गया था और इससे संबंधित अधिकृत दस्तावेज भी बाहर आ गए थे. ऐसे में इस ठेके पर नजर गडाए बैठे कुछ स्थानीय लोगों ने इसे हासिल करने हेतु अपने राजनितिक संपर्क व रसूक का प्रयोग करना शुरु किया. जिसके बाद 1 प्रतिशत सेवाकर और स्थानीय एजेंसी को प्राथमिकता जैसे मुद्दों को आगे करते हुए अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को ‘ओवरटेकिंग’ दी गई और फाइनेन्शियल बीड से पहले टेक्निकल बीड में रेस से बाहर होने की पात्रता रहने वाली अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को रेस का विजेता घोषित किया गया. इस आशय का आरोप लगाते हुए अन्य तीनों कंपनियों ने अब इस निविदा प्रक्रिया के खिलाफ अदालत में जाने की तैयारी दर्शायी हैं. यदि ऐसा होता है तो निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी आउटसोर्सिंग के ठेके का मामला विवाद में फंस सकता हैं.