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आपसी मिलीभगत के जरिए दिया गया मनपा का आउटसोर्सिंग ठेका

छुट्टी वाले दिन पुरानी एजेंसी को कार्यमुक्त व नई एजेंसी को कार्यारंभ आदेश

* जानकी संस्था ने मनपा प्रशासन पर लगाए मिलीभगत का आरोप
अमरावती/दि.12- महानगरपालिका को 351 कुशल व अकुशल मनुष्यबल की आपूर्ति करने का ठेका जिस तरह से अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को दिया गया हैं, उसे देखते हुए यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि, यद्यपि मनपा प्रशासन व्दारा पूरा व्यवहार ऑनलाइन व पारदर्शक रहने का दावा किया जा रहा हैं. लेकिन इस ठेका आवंटन में बडे पैमाने पर गडबडियां हुई हैं और अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को गलत तरीके से 3 साल के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी के तौर पर ठेका दिया गया. इसके साथ ही ठेके की प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद 12 नवंबर को सरकारी अवकाश वाले दिन बेहद गुपचुप वाले तरीके से पुरानी एजेंसी को अपना काम बंद करने और नई एजेंसी को कार्य प्रारंभ करने का आदेश मनपा प्रशासन की ओर से दिया गया. जिससे पूरे मामले को लेकर संदेह गहरा रहा हैं. इस आशय का आरोप जानकी सुशिक्षित बेरोजगार नागरी सेवा सहकारी संस्था तथा वर्कग्रुप सुशिक्षित बेरोजगार नागरी सेवा सहकारी संस्था व्दारा यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में लगाया गया.
इस पत्रकार परिषद ने जानकी संस्था के धनजंय बोंडे व वर्कग्रुप संस्था के राजीक अहमद ने बताया कि, अमरावती मनपा ने ठेका नियुक्त मनुष्यबल की आपूर्ति करने हेतु 19 अगस्त को जेम पोर्टल पर निविदा प्रकाशित की थी. जिसमें कुल 93 निविदाधारकों ने अपनी निविदा प्रस्तुत की थी और जिसमें से 9 निविदाधारकों को ही पात्र माना गया था. वहीं एक निविदा धारक व्दारा आपत्ति दर्ज कराए जाने पर उसे भी पात्र माना गया. ऐसे में पात्र निविदा धारकों की संख्या 10 हो गई. इन 10 में से केवल 3 निविदाधारकों को लोएस्ट-1 यानी एल-1 के तौर पर चुना गया. जिनमें से किसी एक को काम का ठेका मिलना अपेक्षित था. परंतु चौथे स्थान पर लोएस्ट-2 की श्रेणी में रहनेवाली अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को आश्चर्यजनक रुप से यह ठेका प्रदान किया गया. यह सीधे-सीधे निविदा की शर्तो व नियमों का उल्लंघन हैं.
इसके साथ ही इस पत्रवार्ता में यह भी बताया गया कि, ई-निविदा सूचना 19/8/2022 अमरावती महानगरपालिका निविदा शर्त क्रमांक 8 के अनुसार आर्थिक लिफाफा क्रमांक 2 के प्रारुप की शर्त क्रमांक 7 के अनुसार 1 फीसद सर्विस चार्ज व 18 फीसद जीएसटी का कुल योग 1 फीसद से कम और रकम से कम सर्विस चार्ज नहीं होना चाहिए, साथ ही व पूर्णाकं में होना चाहिए. ऐसी मनपा की साफ-साफ शर्त हैं, लेकिन ऐसा रहने के बावजूद 85 पैसे सर्विस चार्ज व 18 फीसद से कम यानी 15 पैसे जीएसटी ऐसे कुल 1 फीसद से कम यानी अपूर्णांक में सर्विस चार्ज डालने वाली संस्था को मनपा व्दारा आउटसोसिर्ंग के काम का ठेका दिए जाने की जानकारी हैं. ऐसे में इस आपत्तिजनक निविदा की जांच करते हुए योग्य निर्णय लिया जाए. इस आशय का पत्र गत रोज ही तमाम आवश्यक दस्तावेजों के साथ मनपा आयुक्त डॉ. प्रविण आष्टिकर को दिया गया हैं. साथ ही इससे पहले इस संदर्भ में नागपुर हाईकोर्ट व्दारा दिए गए निर्णय की प्रतिलिपी भी जोडी गई है. ऐसे में यदि इसके बावजूद भी महानगरपालिका व्दारा इस निविदा को तुरंत रद्द नहीं किया जाता है, तो जानकी सुशिक्षित बेरोजगार नागरी सेवा सहकारी संस्था तथा वर्कग्रुप सुशिक्षित बेरोजगार नागरी सेवा सहकारी संस्था व्दारा इस मामले को लेकर अदालत में गुहार लगाई जाएगी.

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