जुबानी जंग में अटका मनपा के पेट्रोल व डीजल का मामला
आयुक्त ने किया 1 करोड का प्रावधान, लेखाधिकारी ने तिजोरी को बताया खाली
* बकाया भुगतान के चलते मनपा के वाहनों को नहीं मिल रहा इंधन
* 2 माह से मनपा के अधिकांश वाहन खडे है जगह पर
अमरावती/दि.26 – बकाया भुगतान काफी अधिक बढ जाने के चलते विगत 2 माह से मनपा के वाहनों को पेट्रोल व डीजल देने से पेट्रोल पंप संचालक द्बारा इंकार कर दिया गया है और इंधन नहीं मिलने के चलते मनपा के कई विभागों के वाहन अपनी-अपनी जगह पर ही खडे रहने के लिए मजबूर हो गये है. जिससे जहां एक ओर मनपा का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. वहीं दूसरी ओर बकाया उधारी के भुगतान को लेकर मनपा प्रशासन की शहर में जमकर किरकिरी भी हो रही है. इससे बचने के लिए गत रोज ही आयुक्त आष्टीकर ने पेट्रोल व डीजल के लिए 1 करोड रुपयों का प्रावधान करने का निर्देश जारी किया. जिसके तुरंत बाद मुख्य लेखाधिकारी ने साफ शब्दों मेें इंकार करते हुए कहा कि, मनपा के तिजोरी में पैसा ही नहीं है, तो इस रकम का इंतजाम नहीं हो सकता. ऐसे में अब आयुक्त और मुख्य लेखाधिकारी के बीच एक बार फिर पत्र व्यवहार व जुबानी जंग का दौर शुरु हो सकता है. परंतु इन सबके बीच मनपा के वाहनों को पेट्रोल व डीजल मिलने या नहीं मिलने का मामला अपनी जगह पर जस का तस बना हुआ है.
बता दें कि, मनपा के अलग-अलग विभागों द्बारा इंधन के भुगतान हेतु देर से बिल प्रस्तुत करने, देयक अदा करने हेतु पैसे का प्रावधान होने में समय लगने, प्रशासकीय मान्यता मिलने में देरी होने जैसी वजहों के चलते वाहनों के इंधन देयक का भुगतान करने में लंबा समय लगता है और कई-कई महीनों के देयकों का भुगतान बकाया रह जाता है. इससे परेशान होकर मनपा को इंधन की आपूर्ति करने वाले पेट्रोल पंप संचालक ने पुराना बकाया अदा किये जाने तक मनपा के वाहनों को इंधन की आपूर्ति नहीं करने का ऐलान कर दिया. 2 पेट्रोल पंप संचालकों द्बारा अपनाई गई इस भूमिका के चलते मनपा के उद्यान, स्वास्थ्य, स्वच्छता व अतिक्रमण विभाग के वाहनों पर विगत 2 माह से पेट्रोल व डीजल ही नहीं मिल रहा. जिसके चलते इन महकमों के वाहन अपनी-अपनी जगहों पर खडे रहने के लिए मजबूर है और इस वजह से मनपा का कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है.
इन तमाम बातों के मद्देनजर मनपा आयुक्त व प्रशासक प्रवीण आष्टीकर ने मनपा के लेखा विभाग को पत्र जारी करते हुए पेट्रोल व डीजल के लिए 1 करोड रुपए का प्रावधान करने का निर्देश दिया. जिसे लेकर मनपा उपायुक्त ने विगत 10 नवंबर को ही एक पत्र जारी कर इंधन खर्च के रुप में 1 करोड रुपए के प्रावधान को मान्यता दी. परंतु 25 नवंबर तक केवल एक विभाग को ही इस प्रावधान के तहत इंधन खर्च हेतु रकम मिली. ऐसे में उपायुक्त द्बारा एक ओर पत्र जारी किया. जिसके आधार पर अन्य विभाग प्रमुखों ने इंधन हेतु रकम मिलने हेतु फाइल को मुख्य लेखाधिकारी के पास पहुंचाया, लेकिन मुख्य लेखाधिकारी ने यह कहते हुए हाथ खडे कर दिये कि, जब मनपा की तिजोरी में पैसे ही नहीं है, तो वे आदेश के मुताबिक रकम का बंदोबस्त ही नहीं कर सकते. ऐसे में अब यह संभ्रम बना हुआ है कि, एक ओर तो मनपा के आयुक्त द्बारा रकम के प्रावधान का आदेश जारी किया जा रहा. वहीं दूसरी ओर मुख्य लेखाधिकारी द्बारा प्रावधान को पूरा करने हेतु मनपा के तिजोरी में पैसा नहीं रहने की बात कहीं जा रही है. ऐसे में पेट्रोल व डीजल के बकाया भुगतान का मामला हल कैसे होगा.
* 3 पंप संचालकों के बकाया ही 40 लाख रुपए
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शहर के 3 पेट्रोल पंप संचालकों ने अमरावती महानगरपालिका की ओर करीब 40 लाख रुपए बकाया है. यानि इस समय जिस रकम का प्रावधान करने की बात कहीं जा रही है, उसमें से करीब आधी रकम तो पूरानी बकाया राशि का भुगतान करने में ही निकल जाएगी. ऐसे में आगामी जनवरी माह तक मनपा को अपने 1-2 विभागों के लिए अतिरिक्त प्रावधान भी करना पडेगा. क्योंकि अब संबंधित पेट्रोल पंप संचालकों ने स्पष्ट रुप से यह भूमिका अपना ली है कि, जब तक उन्हें उनकी बकाया राशि का पूरा भुगतान प्राप्त नहीं हो जाता है, वे मनपा के वाहनों को इंधन की आपूर्ति नहीं करेंगे. साथ ही भविष्य में भी तय सीमा से अधिक उधारी नहीं देंगे. ऐसे में यह तय है कि, मनपा को पेट्रोल व डीजल के लिए हमेशा ही पैसों का इंतजाम तैयार रखना पडेगा. वहीं दूसरी ओर मनपा की तिजोरी में स्थिति ठन-ठन गोपाल वाली है. जिसके चलते फिलहाल इस समस्या का कोई हल निकलता दिखाई नहीं दे रहा.